शोध विषव---तमिल भक्त कवि तायुमावर
शोध सार--तायुमानवर का परिचय-भक्ति का महत्व--तायुमानवर के भकति रस- भक्ति ही जीवन-जिसमें भक्ति नहीं,उनकी मित्रता नहीं चाहिए.
बीज शब्द ---जीवन में भक्ति---तिरुच्चिरापल्ली के नाम के कारण -तायुमावर नाम के कारण -कवि तायुमानवर के गीत--संस्कृत शब्दों के कारण उत्तर-दक्षिण आध्यात्मिक संबं ध -इह-परलोक सुख भेद.
तायुमानवर का मतलब है- माता भी बने. यह शिवलीला की कहानी है। शिव भगवान के सहस्रनामों में एक है --भक्तवत्सल ।
तिरुच्चिरापल्ली का एक व्यापारी था धनकुत्तन । वह शिवभक्त था । उसकी पत्नी को प्रसव का समय था । पत्नी ने उसकी माँ को
बुलाया । कावेरी नदी में बाढ के आ जाने के कारण माँ नहीं आ सकी ।इतने में पत्नी को प्रसव दर्द आ गया । उसने तिरिसरनाथ स्थानीय भगवान शिव से प्रार्थना की। भक्तवत्सल शिव खुद माँ बन कर आये । प्रसव किया। एक सप्ताह बाढ के सूखने तक
माँ बनकर मदद की । माँ को तमिल में ताय् कहते हैं । बनने को आनवर् कहते हैं । तब से तिरिसरनाथ का नाम् तायुमानवर
के नाम से प्रसिद्ध हो गया ।
तिरुच्चिरापल्ली के नाम के कारण ---
त्रिसर नामक तीन सरवाले राक्षस ने यहाँ शिव भगवान के अनुग्रह प्राप्त करने कठोर तपस्या की । अतः इस स्थल का नाम
त्रिसरन पल्ली था । वही नाम कालांतर में तिरुच्चिरापल्ली हो गया ।
कवि तायुमानवर --
Monday, March 20, 2023
तमिल भक्त कवि तायुमानवर
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