Thursday, April 3, 2025

भारतीय भाषाएँ

 हिंदी की समस्या में सरकार करोड़ों रूपए खर्च कर रही है।

 दस छात्र पढ़नेवाले कालेज के प्रोफेसर के लिए एक लाख।

 हिंदी अफ़सर के लिए एक लाख। पर सैकड़ों छात्रों में जनता में हिंदी प्रचार करने स्थाई प्रचारक नहीं, उनके लिए उचित वेतन नहीं तमिलनाडु में। हम अपनी हिंदी की दूकान चला रहे हैं।   हमको न पेंशन न प्रोत्साहन। न मेडिकल सुविधाएं।

 अतः तमिलनाडु में हिंदी प्रचार अंशकालीन है।  अन्यान्य काम करते हुए हिंदी का प्रचार कर रहे हैं। द्विभाषा नीति 58साल से लागू है। जिस भाषा को पढ़ने से नौकरी नहीं, भाषा सीखने से लाभ नहीं है। 

  ईश्वर भाई कमिटि में साफ सिफारिश है कि आठवीं कक्षा तक  भाषा काफ़ी है।

 गाँधीजी की बेसिक शिक्षा भी

 कोई न कोई पेशा सीखने पर ज़ोर देती है।

 नौकरी के प्रभाव से ही अंग्रेज़ी 

 को प्रधानता है।

   हिंदी सम्मेलन आजकल धनियों का सम्मेलन है।

 मलेशिया में सम्मेलन ।

 यात्रा खर्च तमिलनाडु का मामूली प्रचारक भाग नहीं ले सकते। धनी कालेज के लोग ही एक या दो भाग लेते हैं।

 उनका सम्मान करते हैं।

 मुझे कन्याकुमारी आना है तो पंद्रह हज़ार खर्च करना पड़ेगा।

 कोई आर्थिक लाभ नहीं है।

एक सांसद विधायक सौ करोड खर्च करके हज़ारों करोड़ कमाते हैं।

 हिंदी सम्मेलन कठोर मेहनत के पैसे खर्च करके नालायक सम्मान।

 यह तो न्याय पूर्ण कार्य नहीं है।

 अमीर अपने मनमौजी के लिए हिंदी सम्मान सम्मेलन।

 78 की आज़ादी  पर मातृभाषा के प्रति सम्मान नहीं।  अंग्रेज़ी माध्यम पाठशाला धन कमाने के लिए।

न संस्कृति न भाईचारा न अनुशासन,।

मैं तमिलनाडु में केवल हिंदी प्रचार में लगता तो

 भूखा प्यासा मर जाता।

 पैसे   न होने पर सम्मान भी नहीं सम्मेलन भी नहीं।

 हिंदी का विकास तो  देश की स्वतंत्रता संग्राम नहीं।

 वे नेता हिंदी के नहीं,

 अंग्रेज़ी के पारंगत, अंग्रेज़ी द्वारा 

 कमानेवाले न भारतीय भाषाओं के पक्ष में नहीं है।

आजकल कृषी के विकास के औजार ट्राक्टर खाद, 

पीने का पानी, पेय सब विदेशी कंपनी की देन है।

 इस मोबाइल भी टंकण भी अंग्रेज़ी ज्ञान के बिना अधूरी है।

 अंग्रेज़ी हटाकर जड़मूल  परिवर्तन संभव नहीं है।

हिंदी अनूदित किताबें  तमिल अनूदित किताबें गोदाम में।

  हिंदी और भारतीय भाषाओं का विकास होना है तो

अंग्रेज़ी माध्यम पाठशालाओं को बंद करना चाहिए।

 यह तो बिल्कुल दुर्लभ काम है।

 हिंदी के खर्च तो हिंदी भाषियों के लिए लाभप्रद है, न हिंदी तर प्रांत के लिए ‌।  बीस प्राध्यापक अंग्रेज़ी माध्यम के हैं।

 एक प्राध्यापक हिंदी के।

   अतः ये सम्मेलन अमीर हिंदी के पक्षधर के लिए, न साधारण हिंदी प्रचारक के लिए।

एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।

Wednesday, April 2, 2025

मधुशाला மதுக்கடை

 வணக்கம் वणक्कम् 

.நமஸ்தே. नमस्ते।


 மன நிம்மதி। --मन निम्मति= मानसिक संतोष 

அமைதி - अमैति =शांति 

ஆனந்தம் =आनंदम् =आनंद


 என்பது  என்பது जो है 

 நிச்சயமாக --निश्चयमाक =निश्चित रूप में 

 டாஸ்மாக் ==टास्माक

 சென்று  ==चेन्रु =जाकर 

குடிப்பதால்  =कुडिप्पताल्=पीने से

நிரந்தரமாக -निरंदरमाक =स्थाई रूप में 

 கிடைக்காது  किडैक्कातु --नहीं मिलेगा।


அறிந்தும் தெரிந்தும்=अऱिन्तुम्  तेरिन्तुम् = जान पहचान कर 

 புரிந்தும்  पुरिन्तुम् = समझकर  தெளியாதவர்களில்  स्पष्ट न होनेवाले 

 

 படித்தவர்கள் पडित्तवर्कळ् --- शिक्षित 

 நடுத்தர   =नडुत्तर =मध्यम 

ஏழைத்   =एऴैत्=गरीब 

தொழிலாளர்கள்  =तोऴिळार्कळ=मज़दूर।


அரசு திரைப்படம் மூலம்  சின்னத்திரை மூலம் குடிகாரர்களை 

ஊரைத் தெரிஞ்சுக்கிட்டேன் உலகம் புரிஞ்சுக்கிட்டேன் என்று  குடிகார கதாநாயகனை  காட்டுவதால் குடிகாரர்கள் எண்ணிக்கை அதிகமாகிறது.


 அதற்கு अतर्कु  =उसके 

பதிலாக   बदिलाक --बदले

 ஆன்மீக  आन्मीक =आध्यात्मिक 

சிந்தனைகள்  चिंतनैकषषळ्=चिंताएँ

 யோகா  =योगा 

பிராணாயாமம்  प्राणायाम 

 பக்தி பஜனை भक्ति भजन

தியானம் ध्यान

 போன்ற  पोन्ऱ 

நிரந்தர  निरंतर 

எண்ணங்களை ऍण्णंकळै =विचारों को 

 மக்களின் मक्कळिन =लोगों के

ஆழ்மனதில் --आऴयंतिल् =गहरे मन में 

புரிய வைக்கவேண்டும். 

पुरिय वैक्कवेंडुम् ==समझाना चाहिए।

 இந்த इस 

அரிய  अपूर्व

பணியைச்  पणियिनै --सेवा को

செய்வது தான்  चेय्वतु तान =करना ही

தர்மம் அதாவது அறம்.

धर्मम् अर्थात अऱम्

धर्म तमिऴ में  आरम्भ 

அறம் செய விரும்பு अऱम् करना चाह।

 धर्म करना चाह।

 அதில் தான் ஆன்மீகம் நிலைத்து இருக்கிறது.

 ஆசைகள் மறந்து 

ஆன்மீக நாட்டம் தான் 

நிரந்தர நிம்மதி தருவது.

ஓம் ஓம் ஓம் ஓம் ஓம் ஓம் ஓம் ஓம் ஓம் ஓம் ஓம் 

 என்று இரண்டு நிமிடம் மூச்சுப் பயிற்சி.

 பல நல்ல விளைவுகளை ஏற்படுத்தும்.

 நிலையில்லாத உலகம்.

அழியும் உடல்

 நிலையற்ற இளமை

   செல்வம் பதவி

 நமது மரணத்தைதடுக்காது என்பது இறைவனின் சட்டம். அதற்கு துணை விதிமுறைகள் கிடையாது.

 குடிப்பதை நிறுத்தி

 திருஆவினன் குடி ஆறுமுகம்  பழனியாண்டியை

குலதெய்வத்தை வழிபட்டால் 

 அஹம் பிரஹ்மாஸ்மி

 நான் கடவுள் என்ற 

 அத்வைதம் கோட்பாடு புரியும்.

மன சஞ்சலங்கள் முடிந்து ஆத்மபோதம் அதாவது சுய அறிவு உண்டாகும்.

 மதுவை விட்டு மஹாதேவனை வணங்கினால் தான் 

நிரந்தர நிம்மதி.

சிவதாசன் 

சே.அனந்த

கிருஷ்ணன்.

Monday, March 31, 2025

இட்லி. इडली।

 तमिष हिंदी सेवा 

தமிழ் ஹிந்தி பணி 

विश्व इडली  दिवस = உலக இட்லி நாள் 


பழனிஅனந்த கிருஷ்ணன் சென்னை.

 இட்லி. इडली

 அரிசியாக चावल के रूप में 

உழுந்தாக  उडद के रूप में 

 அரைபட்டு।  पिसाकर 

 மாவாக்கி आटा बनकर 

ரவை சேர்த்து  रवा मिलाकर 

 பல சுவை சேர்த்து  अनेक स्वाद मिलाकर 

ஆவியில் வெந்து  भाप में उबालकर 

 பல பெயரில்  अनेक नामों में 

வயிற்றுப்பசி भूख 

மட்டுமல்ல  ही नहीं 

நோயாளிக்கு  रोगी के लिए 

மருத்துவரின்  डाक्टर की 

 பரிந்துரையாக. सिफारिश।

எத்தனை வகைப் பெயர்கள் 

कितने  किस्म के नाम 

 சாம்பார் இட்லி  सांबार इडली 

ரவா இட்லி   सूजी इडली 

 காஞ்சிபுரம் இட்லி. कांचीपुरम इडली

குஷ்பு இட்லி. खुशबू इडली

மினி இட்லி. लघु इडली

ஆனால்  लेकिन 

சுவைகூட स्वाद बढने

மிளகாய்ப்பொடி  लाल मिर्च चूर्ण

தேங்காய் சட்னி. नारियल चटनी 

தக்காளி சட்னி टमाटर चटनी 

சாம்பார் மூழ்கிய இட்லி.

सांबार में डूबीं इट्ली

நல்லெண்ணெய் மிளகாய்ப் பொடி

लाल मिर्च चूर्ण तिल का तेल मिश्रित 

 தடவிய கட்டுச்சாத கூடை இட்லி.

लगायें वैवाहिक टोकरी इडली

 ஆரோக்கியம் தரும்  आरोग्यप्रद 

 அறுசுவை சேரும்  षडस्वाद  मिश्रण

மென்மையான  कोमल इडली

 சிறு குழந்தைகள் முதல் பல்லில்லா முதியோர் வரை

शिशु से लेकर दांत रहित वृद्ध तक के लिए 

 ஏற்ற உணவே இட்லி.

 योग्य खाना इड्लियाँ।

विश्व इडली दिवस।


உலக இட்லி நாள்

प्रार्थना

  



தமிழ் ஹிந்தி பணி.तमिल्टऴ् हिंदी सेवा 

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एस . अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना 

சே. அனந்தகிருஷ்ணன் சென்னை 

தமிழ்நாடு ஹிந்தி காதலர் மூலம் தன் படைப்பு கருத்து வெளிப்பாடு.

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இறைவணக்கம். इरैवणक्कम्  प्रार्थना 

இதயம் வலுப்பட. इदयम वलुप्पड- हृदय बल

होने 

இன்பம் நிலைப்பெற  इन्बम् निलैपेऱ

सुख  स्थिर होने

இன்னல் அகல. इन्ना अंकल संताप हटने

அறம் பெருக -अऱम् पॆरुक-धर्म बढ़ने 

 அறிவு செம்மை பெற  अऱिवु चेम्मै पॆऱ  

ज्ञान शास्त्रीय बनने 


அறியாமை அகற்றிட  अऱियामै अकट्रिड अज्ञानता हटने 


  அறுசுவை  கலந்திட अऱुचुवै कलंदिड षडरस मिलने

   ஆற்றல் பெருகிட  आट्रल् पॆरुकिड--शक्ति बढने

 ஆறுதல் தர  आट्रल् तर =शक्ति देने 

ஆற்றுப்படுத்திட --आट्रुप्पडित्तिड  -- पार कराने 

आंडवन उडनिरुक्क =भगवान साथ रहने

 प्रार्थनाएँ ==इऱैवणक्कम्‌




 

Sunday, March 30, 2025

भगवान की देन

 तमिऴ् हिंदी सेवा।

தமிழ் ஹிந்தி பணி


नमस्ते वणक्कम्। நமஸ்தே வணக்கம் 

खुशामद करो, --தற்புகழ்ச்சி செய்  तर्पुकऴ्च्ची चेय।

 ईश्वर का ! ஆண்டவனை.  आंडवनै।

जगत कल्याण के लिए। उलक  नन्मैक्काक--உலக நன்மைக்காக.

 यह बात मन में रख लो,  

இதை மனதில் வை. इतै मनतिल  वै!

 संसार मिथ्या है, ब्रह्म सत्यं है।

 उलकम् पोय्यानतु , इऱैवन उण्मैयानतु। 

உலகம் பொய்யானது, இறைவன் உன்மையானவன்.

हम जो है, जिला देश हो या चपरासी,

नाम मावट्ट आट्सियाळरो कडैनिलै ऊऴियरो

நாம் மாவட்ட ஆட்சியாளரோ அல்லது கடைநிலை ஊழியரோ

 भंगी हो या माली 

तोट्टियो तोट्टक्कारनो

 தோட்டியோ தோட்டக்க்காரனோ 

धनी हो या रंक। 

पणकक्कारनो एऴैयो

பணக்காரனோ ஏழையோ

 बुद्धु हो या बुद्धिमान,

मुट्टाळो अऱिवाळियो

 முட்டாளோ அறிவாளியோ

 ईश्वरीय सिरो लेखा लिखकर  आये हैं।

कडवुलिन तलै ए़ऴुत्तै

கடவுளின் தழை எழுத்தை

 எழுதி வந்திருக்கிறோம். ऍऴुतितान वंदिरुक्किरोम्।

हर एक  चतुर हो या चालाक,

ओव्वोरुवरुम तिरमैसाळियो तंतिरसालियो।

ஒவ்வொருவரும் திறமைசாலியோ அல்லது தந்திரசாலியோ.

 न्यायी हो या अन्यायी, 

नियायम उळ्ळवनो अनियायक्कारनो

 நியாயம் உள்ளனவோ அநியாயக்காரனோ

  काम्य संचित पूर्व जन्म कर्मफल।

विरुंबिय चेर्त्त मुऱ्पिरवि कर्मफलन्।

 விரும்பிய சேர்த்த  முன் பிறவி பலன்.

 सुखी जीवन के लिए  

सुखमानवाऴ्कै

சுகமான வாழ்க்கைக்க

 आत्मबोध, =தன்அறிவு  तन अऱिवु

 आत्मविश्वास  தன் நம்பிக்கை  तननंबिक्कै

 आत्मज्ञान  --தன் ஞானம்  तन ज्ञानम्

आत्मचिंतन  -தன் சிந்தனை  तन् चिंतनै 

ईश्वरीय केंद्र बनकर ही। 

कडवुळै मैय्यप्पडुत्तितान्।

கடவுளை மைய்யப் படுத்திதான்.

जितना भी ऊँचा उड़ो, 

उयर उयर पऱंतालुम्

உயர உயரப் பறந்நாலும்

 गौरैया गरुड नहीं बन सकता।

चिट।टुक।कुरुवि गरुडनाक मुडियातु।

சிட்டுக்குருவி கருடனாக முடியாது.

உயர உயரபறந்தாலும் ஊர்க் குருவி 

கருடனாக முடியாது.


सबहीं नचावत राम गोसाईं। 

अनैलरैयुम् आप।टिप्पडैप्पवन आंडवने।

அனைவரையும் ஆட்டிப் படைப்பின் ஆண்டவனே.


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एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना।

Saturday, March 29, 2025

 "हिंदी के विकास में हिंदीतर"

विजय प्रभाकर नगरकर द्वारा संचालित हिंदी तर लेखक परिचय। मुख पुस्तिका में।


  एस.अनंतकृष्णन , तमिलनाडु के हिंदी प्रचारक।  तमिल भाषी हैं पर तन मन से हिन्दी सेवा को समर्पित


   1967 से तमिलनाडु में हिंदी का प्रचार कर रहे हैं और हिंदी में स्नातकोत्तर डिग्री के साथ सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक हैं।


  वे "तमिल-हिंदी सीखिये" और "एसबीएम स्कूल एलिमेंट्री" जैसे फेसबुक पेज संचालित करते हैं और हिंदी और तमिल सीखने के लिए उनके ब्लॉग के 150,000 से अधिक दर्शक हैं।

  वे हिंदी में सनातन वेद और संत जगदीश्वर के तमिल वेद के बारे में लिख रहे हैं और उन्हें हिंदी साहित्य संस्थान, लखनऊ से सौहार्द सम्मान मिला है।


पृष्ठभूमि

आपने  1967 में तमिलनाडु में हिंदी को बढ़ावा देने की अपनी यात्रा शुरू की, एक ऐसा क्षेत्र जहाँ तमिल प्राथमिक भाषा है। हिंदी में स्नातकोत्तर डिग्री के साथ, उन्होंने एक शिक्षक और बाद में एक प्रधानाध्यापक के रूप में कार्य किया, अपना करियर शिक्षा और भाषा प्रचार के लिए समर्पित किया।


वर्तमान गतिविधियाँ:


सेवानिवृत्ति के बाद, आनंद डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपना काम जारी रखा है। वे दो फेसबुक पेज, "तमिल-हिंदी सीखिये" और "एसबीएम स्कूल एलिमेंट्री" संचालित करते हैं, जो लोगों को हिंदी और तमिल दोनों सीखने और समझने में मदद करते हैं। वे कई हिंदी ब्लॉग भी चलाते हैं, जिनमें शामिल हैं:

 आनन्दगोमु.ब्लॉगस्पॉट. कॉम पर "तमिल-हिंदी संपर्क"

  नवभारत टाइम्स से जुड़ा एक ब्लॉग जिसका नाम "मटिनंत" है

  सेतुकारी.ब्लॉगस्पॉट.कॉम पर "रामकृ"

इन ब्लॉगों ने 150,000 से अधिक दर्शकों को आकर्षित किया है, जो क्षेत्रीय भाषाई संदर्भ को देखते हुए उनके महत्वपूर्ण ऑनलाइन प्रभाव को दर्शाता है।


 साहित्यिक योगदान और मान्यता


आनंद वर्तमान में हिंदी में "सनातन वेद" और "संत जगदीश्वर के तमिल वेद" के बारे में लिख रहे हैं, जो प्राचीन ग्रंथों को आधुनिक दर्शकों के साथ जोड़ रहे हैं। वे विभिन्न विषयों पर कविताएँ भी लिखते हैं, जिसके लिए उन्हें प्रशंसा पत्र मिले हैं। उल्लेखनीय रूप से, उन्हें हिंदी साहित्य में उनके योगदान के लिए हिंदी साहित्य संस्थान, लखनऊ द्वारा "सौहार्द सम्मान" से सम्मानित किया गया था।


#हिंदीतर

#हिंदी

#तमिल_हिंदी

Friday, March 28, 2025

नीति नेऱि विलक्कम् नैतिक मार्ग व्याख्या -कवि कुमरगुरुपरर्

 कुमरगुरुपरर् 17वीं शताब्दी के प्रसिद्ध कवि थे। उनका दिव्य स्मारक काशी में है।
शिक्षा के महत्व पर निम्न उनका  दूसरा पद  है



தொடங்குங்கால் துன்பமாய் இன்பம் பயக்கும் ==तोडंगुंकाल्  तुन्बमाय इन्बम  पयक्कुम 

மடம்கொன்று அறிவு அகற்றும் கல்வி நெடுங்காலம் =मडम् कोन्ऱु अऱिवु अकट्रुम्  कल्वि नेडुंकालम् 

முன் பயக்கும் சில நீர இன்பத்தின் முற்றிழாய் = मुन पयक्कुम्  सिल नीर इन्बत्तिन मुट्रिलाय्

பின் பயக்கும் பீழை பெரிது.  पिन पयक्कुम्  पीष़ै पेरितु.

कुमरगुरुपरर्   नारी को संबोधित करके कहते हैं कि

 शिक्षा अध्य्यन के श्रीगणेश करते समय दुख होगा।

अध्ययन के बाद शाश्वत सुख होगा। मूर्खता को शिक्षा मार डालेगी। काम और लौकिक इच्छा के सुख शुरुआत में अति आनंद- सा लगेगा।बाद में निरंतर दुख देगा ही। दुख से छूट कभी नहीं होगा।

 लौकिक काम सुख अस्थाई है, सुख सा लगकर दुख देगा।

शिक्षा विद्या से प्राप्त सुख स्थाई होती है। शिक्षा आरंभ में दुख सा लगेगा, बाद में निरंतर सुख देता रहेगा।