शीर्षक ==रक्तदान।
एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु
2-8-25
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भारत भूमि पुण्य भूमि।
कर्ण जैसे दानी ,
शिबि चक्रवर्ती जैसे दानी
दधिची जैसे दानी
अगजग में मिलना दुर्लभ।।
वेद शास्त्रों के अनुसार
दानों का महत्व अधिक।।
दानों में श्रेष्ठ है
अन्नदान।
भू दान
गो दान
स्वर्ण दान।
प्राण दान।
आधुनिक वैज्ञानिक शोधों के कारण,
दानों में प्रधान दान
रक्त दान
अंग दान।
अंधों को आँखें देने
नेत्रदान।
हृदय दान
किड्नि दान।
इनमें से श्रेष्ठ दान
रक्तदान।
कहते थे मानव रक्त लाल।
मानव सब बराबर।
पर रक्त मानव मानव में
भिन्न भिन्न है।
ए वर्ग, एबी वर्ग
एबी- वर्ग ।एबी+वर्ग
रक्त की कमी के कारण अनेक।
उनमें दुर्घटना प्रधान।।
ऐसे पीड़ित व्यक्ति के
प्राण बचाने,
रक्त दान देना है।।
रक्त दानियों को
दान देने से,
कोई जान का खतरा नहीं,
दान देने से फिर ताज़ा खून प्रकृति की देन।
रक्तदान देने रक्त बैंक है।
रक्त दानियों के संघ है।
रक्त दान शिविर भी है।
रक्त दान एक व्यक्ति के प्राण बचाने के लिए।
अतः दान रक्तदान महादान ।
प्राण बचाने में
रक्तदान मजहबी भेद मिटाता है,
न जाति भेद,
न संप्रदाय भेद।
मानव सब बराबर।
संकुचित मजहबी भेद
के बिना मानव एकता
प्राण बचाने रक्तदान
महान दान है।
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