Monday, January 21, 2013

करो स्मरण;प्राप्त करो ईश्वरीय शक्ति।

जग  में जगदीश्वर की लीला,
वास्तव में नहीं ,
मनुष्य ज्ञान चक्षु प्राप्त ,
अहम् ब्रह्मास्मि के सिद्धांत  के पक्षपाती
वैज्ञानिक आविष्कार जो अस्थायी है,
उसपर आस्था रखनेवाले,
अपने को बड़ा मानकर चलते हैं।
सच्चे आविष्कारक ,सर्वेश्वर को मानते हैं।

ईश्वर की लीला,आविष्कारों का मूलतत्व सा है  तो
उसके बाहरी परिवर्तन मनुष्य की अस्थायी शक्ति।
रेडियो मूल है तो आज हुए हैं कितने परिवर्तन।
हर एक मूल-तत्व कितने  शक्लों और शकित्यों में
परिवर्तित रूप।

रोशनी के बल्ब में 0 वाटस से हजोरोवाट्स तक;
शक्ति -परिवर्तन।

'अ'  वर्णमाला ,लघु अक्षर  मिलकर बड़े काव्य बनते हैं।

वैसे ही  ईश्वरीय शक्ति में भिन्न;
ध्यान सिद्धांत में वाट्स बढना है,
जितना बढेगा,उतनी शक्ति बढ़ेगी।
ईश्वर की प्रार्थना शक्तिप्रद।
भिन्न ईश्वर ,मूल में एक।
करो स्मरण;प्राप्त करो ईश्वरीय शक्ति।


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