Tuesday, October 20, 2015

प्राचीन तमिल साहित्य में जीने योग्य ज्ञान की बातें

प्राचीन  तमिल साहित्य में  जीने योग्य ज्ञान की बातें 

अनुपयोगी छे बातें 

धनहीन जीना,
बुद्धिहीनों  का व्यापार,
प्रजा के अप्रिय शासक,
योग्य शिक्षक के बिना सीखी विद्या। 
दुष्चरित  अर्द्धांगिनी। 
बिना अतिथि सत्कार  के  गृह। 

तमिल  मूल
 माडिल्लान  वाळवुं 
मतियिल्लान वाणिकमुम 
नाडिल्लान सेंगोल नडात्तुवातुम 
कूडूम 
गुरु इल्ला वित्तै 
गुणमिल्लाप  पेंडुम 
विरुन्तिलान  वीडुम  विलल। 



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