प्रणाम।
सामाजिक सद्भाव। 21-12-19।
जगाना आसान,
जो सचमुच सोते हैं।
पर भारतीय लोग वीरगाथा काल से
आज तक जागा नहीं। सोते भी नहीं।
अशिक्षित समुदाय सैनिक,
अपनी पत्नियों की सिंदूर मिटाने,
अपने बच्चों को अनाथ बनाने
मर मिटते। किसके लिए।
केवल राजा और राजकुमारी के प्रेम मिलन और शादी के लिए।
यों ही देश मुगलों का गुलाम बना।
वीरों की वीरता
राजा के सुख के लिए।
बेकार।
मुगल आये:
भक्ति काल में शांति।
तब रीतिकाल में
फिर सोये।मस्ती में लगे।
अंग्रेज़ी आये।
इन विदेशियों के आगमन के
कारण विदेश नहीं।
भारत में देश भक्ति की कमी।
स्वार्थी देश द्रोही साँपों का
विषैले विचार अनेक।
तुरंत अपनी मातृभाषा भूल गये।
अंग्रेज़ी सीखी।
मातृभाषा बोलनेवालों को बुद्धू माना।
भारतीय पोशाकों को छोड़ धोती छोड
चोटी छोड बिलकुल अंग्रेज़ बने।
एक थप्पड़ के मार से
एक भारतीय जागा।
सबको जगाया।
महात्मा विश्ववंद्य बना।
आजादी के बाद देशोन्नति हुई।
पर वे नेता निस्वार्थ स्वर्गसिधारे।
अपने वंश तक बदले लोग शासक बने।
विदेशी खून मिले लोग विदेशों में संपत्ति जोडे।
भारतीय प्रमुख धंधा खेतबाड़ी।
प्रोत्साहन न देकर,
चैन नगर के चार बेकार की तरह
भारतीय मेहनती भूखों मरने लगे।
भारतीय ठंडे पेय की जगह
विदेशी पेय।विदेशी कला।
हर बात में भारतीय मिट गयी।
कई झील नदारद।
पवित्र गंगा प्रदूषित।
उर्वर खेत कारखाने बस्ती बने।
मातृभाषा माध्यम स्कूल बंद।
गरीब रेखा के नीचे लोग
मातृभाषा माध्यम।
अमीरों के लिए अंग्रेज़ी माध्यम।
सांसद विधायक अरबों करोड़ पति
बनने वोट बेचने वाले मतदाता ।
नेता के शोषण भ्रष्टाचार जान समझ
वोट देनेवाले मत दाता 30•/•।
वोट न देनेवाले व्यस्त 40•/•।
अब थोक व्यापार जीतना एक दल के नाम पर समर्थन विपक्षी पक्ष को।
जागना जगाना जवान जगाना कैसे?
अब इन सब के बाद भी
भारतीय न जगहें तो चिंता नहीं
सबहिं नचावत राम गोसाई।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन ।
सामाजिक सद्भाव। 21-12-19।
जगाना आसान,
जो सचमुच सोते हैं।
पर भारतीय लोग वीरगाथा काल से
आज तक जागा नहीं। सोते भी नहीं।
अशिक्षित समुदाय सैनिक,
अपनी पत्नियों की सिंदूर मिटाने,
अपने बच्चों को अनाथ बनाने
मर मिटते। किसके लिए।
केवल राजा और राजकुमारी के प्रेम मिलन और शादी के लिए।
यों ही देश मुगलों का गुलाम बना।
वीरों की वीरता
राजा के सुख के लिए।
बेकार।
मुगल आये:
भक्ति काल में शांति।
तब रीतिकाल में
फिर सोये।मस्ती में लगे।
अंग्रेज़ी आये।
इन विदेशियों के आगमन के
कारण विदेश नहीं।
भारत में देश भक्ति की कमी।
स्वार्थी देश द्रोही साँपों का
विषैले विचार अनेक।
तुरंत अपनी मातृभाषा भूल गये।
अंग्रेज़ी सीखी।
मातृभाषा बोलनेवालों को बुद्धू माना।
भारतीय पोशाकों को छोड़ धोती छोड
चोटी छोड बिलकुल अंग्रेज़ बने।
एक थप्पड़ के मार से
एक भारतीय जागा।
सबको जगाया।
महात्मा विश्ववंद्य बना।
आजादी के बाद देशोन्नति हुई।
पर वे नेता निस्वार्थ स्वर्गसिधारे।
अपने वंश तक बदले लोग शासक बने।
विदेशी खून मिले लोग विदेशों में संपत्ति जोडे।
भारतीय प्रमुख धंधा खेतबाड़ी।
प्रोत्साहन न देकर,
चैन नगर के चार बेकार की तरह
भारतीय मेहनती भूखों मरने लगे।
भारतीय ठंडे पेय की जगह
विदेशी पेय।विदेशी कला।
हर बात में भारतीय मिट गयी।
कई झील नदारद।
पवित्र गंगा प्रदूषित।
उर्वर खेत कारखाने बस्ती बने।
मातृभाषा माध्यम स्कूल बंद।
गरीब रेखा के नीचे लोग
मातृभाषा माध्यम।
अमीरों के लिए अंग्रेज़ी माध्यम।
सांसद विधायक अरबों करोड़ पति
बनने वोट बेचने वाले मतदाता ।
नेता के शोषण भ्रष्टाचार जान समझ
वोट देनेवाले मत दाता 30•/•।
वोट न देनेवाले व्यस्त 40•/•।
अब थोक व्यापार जीतना एक दल के नाम पर समर्थन विपक्षी पक्ष को।
जागना जगाना जवान जगाना कैसे?
अब इन सब के बाद भी
भारतीय न जगहें तो चिंता नहीं
सबहिं नचावत राम गोसाई।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन ।
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