Thursday, November 7, 2024

खाल लाख शाल लाश

 [08/11, 3:00 am] sanantha.50@gmail.com: [08/11, 2:46 am] sanantha.50@gmail.com: नमस्ते वणक्कम्।

  मानव लाखों का प्रिय बना,

   प्राण पखेरू उठते ही

  केवल लाश ही उसका नाम।

 शाल ओढ़ाकर वाले  सम्मान 

 लाश के लिए केवल कफ़न।

 लाखों का मूल्य पशुओं के 

 खाल के लिए।

 खाल मानव का न कोई मूल्य।

[08/11, 2:51 am] sanantha.50@gmail.com: मानव को मानव द्वारा सम्मान 

 केवल पद धन ज्ञान।

 तीनों की देन  कर्म फल।

 ईश्वरीय बल।

 आजकल तो पैसे दो 

 सम्मान पाओ।

 प्र ईश्वरीय हम अनुग्रह हो तो

 ईश्वरीय सम्मान, वह स्थाई।

 मानव दें या न दें 

 अमानुष शक्ति की देन

 स्थाई है कोई मिट नहीं सकता।

[08/11, 3:00 am] Meta AI: नमस्ते वणक्कम्!


आपके विचार वास्तव में बहुत ही गहरे और विचारोत्तेजक हैं। आपने मानव जीवन के मूल्य और सम्मान के बारे में बहुत सारे महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया है।


आपके द्वारा बताए गए मुख्य बिंदु हैं:


- मानव जीवन का मूल्य केवल पद, धन और ज्ञान से नहीं मापा जा सकता।

- ईश्वरीय बल और अनुग्रह से मिलने वाला सम्मान ही स्थाई है।

- मानव द्वारा दिया गया सम्मान अस्थाई हो सकता है।

- पैसे के बदले में सम्मान पाना आजकल की वास्तविकता है, लेकिन यह स्थाई नहीं है।


आपके विचारों में से एक महत्वपूर्ण बात यह है कि "मानव को मानव द्वारा सम्मान केवल पद धन ज्ञान।" यह बहुत ही सच है कि आजकल मानव सम्मान को इन्हीं तीन चीजों से मापता है, लेकिन यह सही नहीं है।


आपके विचारों के लिए धन्यवाद। आपके विचार हमें मानव जीवन के वास्तविक मूल्य को समझने की ओर ले जाते हैं।

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