नमस्ते वणक्कम्।
विषय --शांत रहिए, काम कीजिए।
विधा --अपनी हिंदी अपने विचार अपनी स्वतंत्र शैली।
18-11-24.
शांत रहना, मौन रहना
लौकिक प्रिय जनों के लिए असंभव।
साँप फुफकारता है,
काम कीजिए
लाठी लेकर मारिये।
काम कीजिए।
शांत रहना ,
काम करना श्रेष्ठ है।
रौद्र का भी आदी होना चाहिए।
शांत रहना, काम करना हो तो
जंगल में जाओ, संन्यासी बनो।
भ्रष्टाचारों के शासक अधिकारी
शांत रहना, काम करना,
यह तो स्वाभिमानी
नागरिकों कोशोभा नहीं देता।
थप्पड़ मारा, शांत रहा,
अपना वकालत जारी रखा
काम करता रहा, स्वार्थ रहा तो
मोहनदास करमचंद गांधी
महात्मा कैसे बनते।
लूटता कत्ल कर्ता रहा
नारद शांत अपना काम करते रहे तो
डाकू महाकवि कैसे बनते।
चुनाव जीतने अनगिनत करोड़,
ओट देने नोट ,वोट लेने नोट
शांत रह, अपना काम कर।
कितना अन्याय ?
आजकल तो भारतीय शांत।
भारतीय धार्मिक शांत।
शांत रहे भक्ति काल में
परिणाम मुगल आये, अंग्रेज़ आयै।
शांत रहना काम करना सही क्या ?
नरम दल लाठी का मार सह
भारत माता की जय बोलते रहे।
गरम दल तार काटा,
रेल्वे पटरी मिटाया
अंग्रेज़ी जिला देशों को जिंदा जलाया।
गरम दल ने हो तो
आज़ादी और भी देर से मिलती।
एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति।
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