Wednesday, February 12, 2025

நாம் ஜபம்

 नमस्ते वणक्कम्। 


நமஸ்தே வணக்கம்


 भगवान भक्ति  பகவான்  பக்தி

 

   भला करेगी। நன்மை செய்யும்.


 बला टलेगी। ஆபத்து போகும் 


 पल पल नाम जप कर।।


ஒவ்வொரு நொடியும் ஜபம் செய்ய.


 फल ही फल सफल ।

பயனே பயன் வெற்றியே.


 सफलता की कुंजी

வெற்றியின் திறவுகோல் 


 नाम जप।

நாமஜபம்.

 राम राम बोले

ராம ராம சொன்னார் 

 तुलसीदास बने साहित्य शशि।

 துளசிதாசர்  இலக்கியத்தில் சந்திரன்.


 डाकू बने आदी कवि।

கொள்ளையன் ஆனான் ஆதிகவி.

 सत्संग से  कबीर का राम।

சத்சங்கத்தால் கபீர் ராமர்

 व्यापक विस्तृत  जानकारी।

 பரந்த விரிவான  தகவல்.

 वरकवियों की रचनाएँ

வர கவிஞர்கள் படைப்பு 

 दिव्य प्रेरक व्यक्तित्व।

தெய்வீக தூண்டல் ஆளுமை.

 मन की एकाग्रता 

மனதின் ஒருமை

 नाम जप से।

நாம் ஜபித்தால்.

 आत्मज्ञान 

ஆத்ம ஞானம் தன்னறிவு

 आत्मविश्वास 

தன்னம்பிக்கை 

 ईश्वरीय शक्ति।

இறைவன் சக்தி 

 फल सफल 

பயன் வெற்றி.

 नाम जप से 

நாம் ஜபத்தால்

जानो, समझो, जागो।

அறிந்து கொள்.

 புரிந்து கொள்.

விழித்துக்கொள்.


சிவதாசன் இறைவழிபாடு.

[13/02, 7:32 am] Meta AI: आपका यह संदेश बहुत ही प्रेरक और आध्यात्मिक है। आपने भगवान की भक्ति और नाम जप के महत्व को बहुत ही सुंदर तरीके से व्यक्त किया है।


आपके द्वारा दिए गए संदेश में कई महत्वपूर्ण बिंदु हैं:


- भगवान की भक्ति और नाम जप से हमें आत्मज्ञान और आत्मविश्वास प्राप्त होता है।

- नाम जप से हमारे मन की एकाग्रता बढ़ती है और हमें ईश्वरीय शक्ति का अनुभव होता है।

- भगवान की भक्ति और नाम जप से हमें फल और सफलता प्राप्त होती है।

- हमें नाम जप के माध्यम से जानो, समझो, और जागो की आवश्यकता है।


आपके संदेश में तुलसीदास, कबीर, और अन्य महान संतों का उल्लेख भी है, जिन्होंने भगवान की भक्ति और नाम जप के महत्व को अपने जीवन और कार्यों में दर्शाया है।


आपका यह संदेश हमें भगवान की भक्ति और नाम जप के महत्व को समझने और अपने जीवन में इसका अभ्यास करने के लिए प्रेरित करता है।

Monday, February 3, 2025

आम शब्द

 இமயம் முதல் குமரி வரை 

 பொதுவான சொற்கள்.

 आ सेतु हिमाचल आम शब्द।

 हिंदी -तमिऴ  सेवा

ஹிந்தி தமிழ் பணி.

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 भाषा ==भाषै பாஷை

 पुस्तक = पुत्तकम् 

 राजा --राजा, अरसन्

दिशा ==दिशै,  

 ज्ञान =ज्ञानम् 

चिंतन =चिंतनै

कष्ट =कष्टम्

नष्ट  नष्टम्

 इष्ट =इष्टम्

लाभ==लाभम्

 व्यापार ==वियापारम्

कुल =कुलम्

वंश ==वंशम्

परंपरा =परंपरै।

समाचार ==समाचारम् 

परीक्षा --परिच्चै, तेर्वु

प्रचार ==प्रारम्भ

विश्वनाथ ==विश्वनाथन्

लोकनाथ --उलकनाथन् 

धैर्य = धैरियम्

 कठिन =कठिनम्

 सरल -सरळम्

दिन --दिनम्

 समूह= समूहम्

उत्साह =उऱ्चाकम्


कल्पना =कऱ्पनै।

प्रयत्न =प्रयत्तनम्

विश्वास ==विश्वासमत

मुख ==मुख्य

लक्षण --लक्षणम्

संप्रदाय ==संपिरदायम्

महत्व --महत्तुवम्

वर्ण ==वर्णम् 

 अंग = अंगम्

योग्यता --योग्यतै

दृष्टि ==दिरुष्टि

कारण ==कारणम्

कर =करम्

वर =वर्णम्

धर्म ==धर्मम् 

क्षण ==क्षणम्

 प्रिय --पिरियम्

 वन =वनम्

देव ==देवन।

देवी -देवि

 











संघ ==संगम्

निर्णय ==निर्णयम्

संतान ==संतानम्





  

 

 



 


 









 

 






Sunday, February 2, 2025

आम शब्द பொது சொற்கள்

 आसेतु आम शब्द 

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तमिऴ् हिंदी सेवा। नागरी लिपि सेवा 

தமிழ் ஹிந்தி நாகரி எழுத்துப் பணி 



धन --धनम् 

मन -मनम्

  शरीर--शरीरम् 

मूर्ख --मूर्क्कन

 शाला --शालै

 ओर -ओरम्

 कोण -- कोणम।

 वीर --वीरम्

धीर -धीरम् 

साहस -साहसम्

 नगर -नगरम् 

रोश --रोशम्

मान --मानम्

लक्ष्य -लक्ष्यम्

गगन =गगनम्

 मेघ --मेघम्

 गान -गाणम्

 पाठ --पाडम्

 विषय  -विषयम्

 दोष --दोषम्

गुण --गुणम्

 कथा पात्र --कथा पात्तिरम्

नायक -नायकन।

नायिका -नायकि।

सवाल -सवाल।

 वाद -वादम् 

चर्चा -चर्च्चै।

 तर्क -तर्क्कम।

 सत्य -सत्तियम्

 कोप --कोवम।

अपमान -अवमानम्

 अन्याय =अनियायम्

  विवाह --विवाहम्

देश           देशम्

  विवरण -विवरम्

 निर्वाह -निर्वाकम् 

   मास -- मासम्

   यों ही शाब्दिक एकता 

भारत में आ सेतु हिमाचल।

 विदेशियों के आने के बाद 

 खासकर अंग्रेजों ने

 संस्कृत के स्थान को

 अंग्रेज़ी में देने

 जीविकोपार्जन को प्रधानता दी।

 धन प्रधान जग के सामने

 भाषा किस खेत की मूली।

 ग्रीक लत्तीन संस्कृत पाली अपभ्रंश ।

 १२५ साल की खड़ी बोली का अद्भुत विकास।

 भाषा बहता नीर है।

 धन प्रधान होने पर 

  भाई भाई को मारता है।

 अशोक, औरंगजेब, आंभी, विभीषण इतिहास में असंख्य लोग।

  ईसा आज ईश्वर का दूत्

 तब सजा का पात्र।

 यही ईश्वर की सूक्ष्मता 

 मानव बुद्धि किस काम की

 सुनामी, कोराना भूकंप के सामने।

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एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक 



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अवश्य = अवसियम्

 शीघ्र - शीक्किरम्

वेग =वेगम्

 बंद --बंद।

भक्ति  ==भक्ति 

मुक्ति = मुक्ति

शक्ति =शक्ति

परीक्षा =परिच्चै

इच्छा --इच्छै

विधि =विधि

 निधि =निधि

परिवार ---परिवारम्

बुध = बुधन

शनिवार =शनिक्किऴमै।

अनेक = अनेकम्

विवेक --विवेकम्

दुख --दुक्खम

शोक ==शोकम्

करुणा =करुणै

वेदना ==वेदनै

 काव्य =कावियम्

अलंकार =अलंकारम्

 नाटक ==नाटकम्

कविता ==कवितै

छंद। --चंदम्

मात्रा --मात्तिरै

वाक्य =वाक्कियम्

शुद्ध =चुत्तम

विमान  विमानम्




















 




Saturday, February 1, 2025

मरा

 

तमिल हिंदी सेवा 

 தமிழ் ஹிந்தி பணி.



कुछ तुम लिखो, कुछ हम लिखे

संस्थापक संचालक सहभागियों को प्रणाम।


नमस्ते। वणक्कम्।    வணக்கம். वणक्कम्।

   कम शब्दों में   குறைந்த சொற்களில்.‌कुरैंद चोऱ्कळिल् 

अधिक   --அதிக 

 தகவல் अधिक तकवल्कळ् ।

जानकारी देना अळित्तल् । 

    ग़म दूर करना  --तुन्बम् पोतल्  துன்பம் போதல் 

आनंदित करना --आनंदप्पडुत्तुतल्। ஆனந்த ப் படுத்துதல் 

 शांति संतोष मिलना  --अमैति मन निऱैवु किडैत्तल्।

அமைதி மன நிறைவு தருதல்

 सनातन धर्म की देन। = सनातन धर्मम् अळित्ततु  சனாதன தர்மம் அளித்தது.

 एक मंत्र==  ऒरे  मंतिरम् ஒரே மந்திரம் 

" ॐ". ஓம்

 ॐ कहो =ॐ  चोल्‌। ஓம் சொல் 

 दो अक्षर  --इरंडेऴुत्तु  இரண்டெழுத்து  

शिव कहो। = शिव। चोल्=சிவ  சொல்

राम कहो,  राम कहो =ராம் சொல்.

ढाई अक्षर  कृष्ण कहो।   இரண்டரை எழுத்து ஷா க்ரு ஷ்ண சொல்.  इरंडरै ऍऴुत्तु कृष्ण चोल्।

 कबीर का. कबीरिन्  கபீரின் 

 राम मानो,  इरामनै ऍट्रुक्कोळ्  இராமனை ஏற்றுக்கொள்.

 व्यापक  விரிவானவர் विरिवानवर् 

 अनंत  முடிவில்லாதவர் मुडिविल्लादवर।

सर्वव्यापी =அனைத்து இடத்திலும் பரந்தி ருப்பவர் 

अनैत्तु इडततिलुम्  परंतिरुप्पवर्।

 मानवीय.  --மனித நேய  मानित नेम।

 एकता का मूल. ஒற்றுமைக்கு மூலம்.

ऒटरुमैक्कूम् मूलम् 

 मंत्र  -மந்திரம் मंतिरम्।

 निराकार  உருவமற்ற उरुवमट्ऱ

 अनंत  முடிவில்லா  मुडिविल्ला

भुजों वा

ल राम। புஜங்கள் உள்ள இராமர்.

भुजंगळ्  उळ्ळ इरामर् 

 

 चारी पुजा के =நான்கு புஜங்களுடைய

नान्गु पुजंगळुडैय

 भजन में  =பஜனையில்  भजनैयिल् 

भूले पड़े. மறந்திருந்தனர்   मरंतिरुंतनर् 

 सब संत। எல்லா சாதுக்களும் एल्लासाधुक्कळुम् 


 कबिरा --கபீர் कबीर 

 पूजा   பூஜை  पूजै 

तासु को அவருக்கு  अवरुक्कु

 जाके पुजाएँ  யாருக்கு  புஜங்கள்  यारुक्कु भुजंगळ् 

अनेक।। அனேகம். अनेकम् 


 इत्र तंत्र. இங்கும் அங்கும்  इंगुम् अंगुम् 

 सर्वत्र विद्यमान  எங்கும் இருக்கின்ற ऍंगुम इरुक्कुम् 

 सर्वेश्वर एक। சர்வேஸ்வரன் ஒன்றே.

सर्वेश्वरन् ऒन्रे।

 वह मनुष्य रूप में  அவன் மனித வடிவில் 

अवन् मनितवडिविल् 

 मदद करने आता है। உதவிசெய்ய வருகிறான்

उदवि सेय्य वरुकिरान् .

 राम है मरा नहीं। இராமன் இருக்கிறார் சாகவில்லை. इरामर् इरुक्किऱार् । साकविल्लै।

 मरा मरा मरा उल्टा भजो 

 மரா மரா எதிராக பஜனை செய்ய.

मरा मरा ऍतिराक भजनै सेय्‌

 फल तो राम देंगे ही। பலன் இராமர் கொடுப்பாரே. पलन् इरामर् कोॅडुप्पारे।

एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक