नमस्ते वणक्कम्।
भारतीय भाषाओं में वैज्ञानिक दृष्टांत के साथ ईश्वर के महात्म्य और आध्यात्मिक अमूल्यता का महत्व है।
संत तिरुमूलर के तिरु मंत्र ऐसे ही एक महान ग्रंथ हैं।
सूर्य कांत रूई के ढेर को चंद मिनट में जैसे जलाते हैं और धूप के प्रभाव से राख हो जाता है,वैसे ही भगवान झट तीन मलों को जलाकर राख कर देते हैं।
संत तिरुमूल ने वैज्ञानिक ढंग से अद्भुत उदाहरण दिया है। आध्यात्मिक प्रयत्न अज्ञानता,
माया,( प्रारब्ध कर्म ,संचित कर्म, काम्या कर्म तीनों को खत्म कहते हैं)कण्म ज्ञान आध्यात्मिक चिंतन से ईश्वरीय करुण को सूर्य के रूप में अन्य तीन मूल को रूई की तुलना के रुपक देते हैं।
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