तमिल कवयित्री अव्वैयार निम्न और उच्च कुल्वालों के गुण भेद को दूध और शंख से करते हैं।
दूध को गरम करो;दूध तो कम होगा पर उसका रंग सफेद ही रहेगा। रंग नहीं बदलेगा।वैसे ही
शंख को आग में डालने पर भी रंग नहीं बदलेगा। सफेद ही रहेगा।दूध और शंख के गुण और रंग
उबालने और गरम करने पर भी परिवर्तन नहीं होगा।
वैसे ही सज्जन को दुःख और गरीबी सताने पर भी अपने अच्छे
गुणों पर अडिग रहेंगे।उनकी चाल-चलन अच्छी ही रहेगी।पर निम्न गुणवाले बुरे ही होंगे।
अट्टालूम पाल सुवैयिल कुनरातु। अलवलवाय
नट्टा लुम नन्बु अल्लार नन्बल्लर
केट्टालुम मेन मक्कल में मक्कले शंगु
चुट्टालुम वेन्मै तरुम।।
उबालो दूध,नहीं होगा स्वाद में कमी!
मित्रता निभाओ सज्जनों से
फिर भी निम्नों के गुण सुधरेगा नहीं ;
दुर्दशा में भी श्रेष्ठ श्रेष्ठ ही रहेंगे;
शंख गरम करो,फिर भी सफेदी देगा ही;
दूध को गरम करो;दूध तो कम होगा पर उसका रंग सफेद ही रहेगा। रंग नहीं बदलेगा।वैसे ही
शंख को आग में डालने पर भी रंग नहीं बदलेगा। सफेद ही रहेगा।दूध और शंख के गुण और रंग
उबालने और गरम करने पर भी परिवर्तन नहीं होगा।
वैसे ही सज्जन को दुःख और गरीबी सताने पर भी अपने अच्छे
गुणों पर अडिग रहेंगे।उनकी चाल-चलन अच्छी ही रहेगी।पर निम्न गुणवाले बुरे ही होंगे।
अट्टालूम पाल सुवैयिल कुनरातु। अलवलवाय
नट्टा लुम नन्बु अल्लार नन्बल्लर
केट्टालुम मेन मक्कल में मक्कले शंगु
चुट्टालुम वेन्मै तरुम।।
उबालो दूध,नहीं होगा स्वाद में कमी!
मित्रता निभाओ सज्जनों से
फिर भी निम्नों के गुण सुधरेगा नहीं ;
दुर्दशा में भी श्रेष्ठ श्रेष्ठ ही रहेंगे;
शंख गरम करो,फिर भी सफेदी देगा ही;
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