हमारे देश में गणेशजी का स्थान सर्वोपरी है.
गणों के अधिपति होने से गणपति है उनका नाम.
सभी विघ्नों को हरने से विघ्नेश्वर हैं उनका नाम.
सिद्धि प्रदान करने से नाम है उनका सिद्धि विनायक.
बुद्धि देकर सिद्धि देने से सिद्धि बुद्धि विनायक.
शक्ति देने से शक्ति विनायक.
गज मुख होने से गजवदन .
मोदक प्रिय होने से मोदक प्रिय.
राम भक्त तुलसी .राम के प्रिय बनने
विनय पत्रिका का पहला श्लोक लिखा -
गाइए,गणपति जग वंदना;
मोदकप्रिय मंगल दाता.
सर्व मंगल प्रदान करने वाले
पार्वती -प्रिय पुत्र
सब की प्रार्थना के लिए
सर्वत्र विद्यमान,
बरगद के नीचे ,नदीके किनारे विराजमान
भक्तों के लिए सरल दर्शन.
माता-पिता को ही बच्चों के लिए जगत सिद्धि कर
जग-वन्दनीय गजमुख के
चरणों में कोटि नमस्कार.
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