वणक्कम। नमस्ते।
साहित्य संगम संस्थान।
विषय --अन्नदाता की पुकार।
विधा --गीत।
अन्नदाता पुकार रहा है,
मगर मन कह रहा है,
है बुद्धिमानों !
दान में न लेना,
अपने पैरों खड़े रहना,
खड़े रहना अपने पैरों पर
खुद बनना अन्नदाता
अन्न दादा की पुकार सुनना।।
लेना प्रेरणा,पाना प्रोत्साहन।।
अन्नदाता की पुकार सुनना।
स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन,चेन्नै।।
Anandakrishnan Sethuraman बेहतरीन
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बृजमोहन रणा रणा
Anandakrishnan Sethuraman शानदार
· Reply · 9 h
बृजमोहन रणा रणा
Anandakrishnan Sethuraman लाजवाब
· Reply · 9 h
बृजमोहन रणा रणा
Anandakrishnan Sethuraman वाह वाह
· Reply · 9 h
Archana Verma
Anandakrishnan Sethuraman वाह! बेहतरीन भाव पूर्ण सृजन
· Reply · 9 h
Archana Verma
· Reply · 9 h
Kumari Nirupma
Anandakrishnan Sethuraman बहुत खूब आदरणीय
· Reply · 6 h
Ratan Sharma
Anandakrishnan Sethuraman सुंदर काव्य रचना की प्रस्तुति आपके द्वारा दी गई है।
· Reply · 6 h
Raja Babu Dubey
Anandakrishnan Sethuraman बहुत सुंदर रचना आदरणीय
· Reply · 5 h
Santosh Gupta
Anandakrishnan Sethuraman
· Reply · 5 h
NL Sharma
Anandakrishnan Sethuraman जी सुंदर
· Reply · 4 h
B N Pandey
Anandakrishnan Sethuraman जी, वाह, बहुत खूब
· Reply · 3 h
Ratan Sharma
Anandakrishnan Sethuraman लाजवाब
· Reply · 3 h
Mithilesh Kumar Srivastava Shikhar
Anandakrishnan Sethuraman 🙏🙏 अन्नदाता पुकार रहा है बहुत अच्छा 🙏
· Reply · 2 h
Sitaram Rai
सबको हार्दिक धन्यवाद।
Anandakrishnan Sethuraman जी बहुत ही सुंदर आदरणीय
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