Monday, March 31, 2025

இட்லி. इडली।

 तमिष हिंदी सेवा 

தமிழ் ஹிந்தி பணி 

विश्व इडली  दिवस = உலக இட்லி நாள் 


பழனிஅனந்த கிருஷ்ணன் சென்னை.

 இட்லி. इडली

 அரிசியாக चावल के रूप में 

உழுந்தாக  उडद के रूप में 

 அரைபட்டு।  पिसाकर 

 மாவாக்கி आटा बनकर 

ரவை சேர்த்து  रवा मिलाकर 

 பல சுவை சேர்த்து  अनेक स्वाद मिलाकर 

ஆவியில் வெந்து  भाप में उबालकर 

 பல பெயரில்  अनेक नामों में 

வயிற்றுப்பசி भूख 

மட்டுமல்ல  ही नहीं 

நோயாளிக்கு  रोगी के लिए 

மருத்துவரின்  डाक्टर की 

 பரிந்துரையாக. सिफारिश।

எத்தனை வகைப் பெயர்கள் 

कितने  किस्म के नाम 

 சாம்பார் இட்லி  सांबार इडली 

ரவா இட்லி   सूजी इडली 

 காஞ்சிபுரம் இட்லி. कांचीपुरम इडली

குஷ்பு இட்லி. खुशबू इडली

மினி இட்லி. लघु इडली

ஆனால்  लेकिन 

சுவைகூட स्वाद बढने

மிளகாய்ப்பொடி  लाल मिर्च चूर्ण

தேங்காய் சட்னி. नारियल चटनी 

தக்காளி சட்னி टमाटर चटनी 

சாம்பார் மூழ்கிய இட்லி.

सांबार में डूबीं इट्ली

நல்லெண்ணெய் மிளகாய்ப் பொடி

लाल मिर्च चूर्ण तिल का तेल मिश्रित 

 தடவிய கட்டுச்சாத கூடை இட்லி.

लगायें वैवाहिक टोकरी इडली

 ஆரோக்கியம் தரும்  आरोग्यप्रद 

 அறுசுவை சேரும்  षडस्वाद  मिश्रण

மென்மையான  कोमल इडली

 சிறு குழந்தைகள் முதல் பல்லில்லா முதியோர் வரை

शिशु से लेकर दांत रहित वृद्ध तक के लिए 

 ஏற்ற உணவே இட்லி.

 योग्य खाना इड्लियाँ।

विश्व इडली दिवस।


உலக இட்லி நாள்

प्रार्थना

  



தமிழ் ஹிந்தி பணி.तमिल्टऴ् हिंदी सेवा 

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एस . अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना 

சே. அனந்தகிருஷ்ணன் சென்னை 

தமிழ்நாடு ஹிந்தி காதலர் மூலம் தன் படைப்பு கருத்து வெளிப்பாடு.

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இறைவணக்கம். इरैवणक्कम्  प्रार्थना 

இதயம் வலுப்பட. इदयम वलुप्पड- हृदय बल

होने 

இன்பம் நிலைப்பெற  इन्बम् निलैपेऱ

सुख  स्थिर होने

இன்னல் அகல. इन्ना अंकल संताप हटने

அறம் பெருக -अऱम् पॆरुक-धर्म बढ़ने 

 அறிவு செம்மை பெற  अऱिवु चेम्मै पॆऱ  

ज्ञान शास्त्रीय बनने 


அறியாமை அகற்றிட  अऱियामै अकट्रिड अज्ञानता हटने 


  அறுசுவை  கலந்திட अऱुचुवै कलंदिड षडरस मिलने

   ஆற்றல் பெருகிட  आट्रल् पॆरुकिड--शक्ति बढने

 ஆறுதல் தர  आट्रल् तर =शक्ति देने 

ஆற்றுப்படுத்திட --आट्रुप्पडित्तिड  -- पार कराने 

आंडवन उडनिरुक्क =भगवान साथ रहने

 प्रार्थनाएँ ==इऱैवणक्कम्‌




 

Sunday, March 30, 2025

भगवान की देन

 तमिऴ् हिंदी सेवा।

தமிழ் ஹிந்தி பணி


नमस्ते वणक्कम्। நமஸ்தே வணக்கம் 

खुशामद करो, --தற்புகழ்ச்சி செய்  तर्पुकऴ्च्ची चेय।

 ईश्वर का ! ஆண்டவனை.  आंडवनै।

जगत कल्याण के लिए। उलक  नन्मैक्काक--உலக நன்மைக்காக.

 यह बात मन में रख लो,  

இதை மனதில் வை. इतै मनतिल  वै!

 संसार मिथ्या है, ब्रह्म सत्यं है।

 उलकम् पोय्यानतु , इऱैवन उण्मैयानतु। 

உலகம் பொய்யானது, இறைவன் உன்மையானவன்.

हम जो है, जिला देश हो या चपरासी,

नाम मावट्ट आट्सियाळरो कडैनिलै ऊऴियरो

நாம் மாவட்ட ஆட்சியாளரோ அல்லது கடைநிலை ஊழியரோ

 भंगी हो या माली 

तोट्टियो तोट्टक्कारनो

 தோட்டியோ தோட்டக்க்காரனோ 

धनी हो या रंक। 

पणकक्कारनो एऴैयो

பணக்காரனோ ஏழையோ

 बुद्धु हो या बुद्धिमान,

मुट्टाळो अऱिवाळियो

 முட்டாளோ அறிவாளியோ

 ईश्वरीय सिरो लेखा लिखकर  आये हैं।

कडवुलिन तलै ए़ऴुत्तै

கடவுளின் தழை எழுத்தை

 எழுதி வந்திருக்கிறோம். ऍऴुतितान वंदिरुक्किरोम्।

हर एक  चतुर हो या चालाक,

ओव्वोरुवरुम तिरमैसाळियो तंतिरसालियो।

ஒவ்வொருவரும் திறமைசாலியோ அல்லது தந்திரசாலியோ.

 न्यायी हो या अन्यायी, 

नियायम उळ्ळवनो अनियायक्कारनो

 நியாயம் உள்ளனவோ அநியாயக்காரனோ

  काम्य संचित पूर्व जन्म कर्मफल।

विरुंबिय चेर्त्त मुऱ्पिरवि कर्मफलन्।

 விரும்பிய சேர்த்த  முன் பிறவி பலன்.

 सुखी जीवन के लिए  

सुखमानवाऴ्कै

சுகமான வாழ்க்கைக்க

 आत्मबोध, =தன்அறிவு  तन अऱिवु

 आत्मविश्वास  தன் நம்பிக்கை  तननंबिक्कै

 आत्मज्ञान  --தன் ஞானம்  तन ज्ञानम्

आत्मचिंतन  -தன் சிந்தனை  तन् चिंतनै 

ईश्वरीय केंद्र बनकर ही। 

कडवुळै मैय्यप्पडुत्तितान्।

கடவுளை மைய்யப் படுத்திதான்.

जितना भी ऊँचा उड़ो, 

उयर उयर पऱंतालुम्

உயர உயரப் பறந்நாலும்

 गौरैया गरुड नहीं बन सकता।

चिट।टुक।कुरुवि गरुडनाक मुडियातु।

சிட்டுக்குருவி கருடனாக முடியாது.

உயர உயரபறந்தாலும் ஊர்க் குருவி 

கருடனாக முடியாது.


सबहीं नचावत राम गोसाईं। 

अनैलरैयुम् आप।टिप्पडैप्पवन आंडवने।

அனைவரையும் ஆட்டிப் படைப்பின் ஆண்டவனே.


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एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना।

Saturday, March 29, 2025

 "हिंदी के विकास में हिंदीतर"

विजय प्रभाकर नगरकर द्वारा संचालित हिंदी तर लेखक परिचय। मुख पुस्तिका में।


  एस.अनंतकृष्णन , तमिलनाडु के हिंदी प्रचारक।  तमिल भाषी हैं पर तन मन से हिन्दी सेवा को समर्पित


   1967 से तमिलनाडु में हिंदी का प्रचार कर रहे हैं और हिंदी में स्नातकोत्तर डिग्री के साथ सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक हैं।


  वे "तमिल-हिंदी सीखिये" और "एसबीएम स्कूल एलिमेंट्री" जैसे फेसबुक पेज संचालित करते हैं और हिंदी और तमिल सीखने के लिए उनके ब्लॉग के 150,000 से अधिक दर्शक हैं।

  वे हिंदी में सनातन वेद और संत जगदीश्वर के तमिल वेद के बारे में लिख रहे हैं और उन्हें हिंदी साहित्य संस्थान, लखनऊ से सौहार्द सम्मान मिला है।


पृष्ठभूमि

आपने  1967 में तमिलनाडु में हिंदी को बढ़ावा देने की अपनी यात्रा शुरू की, एक ऐसा क्षेत्र जहाँ तमिल प्राथमिक भाषा है। हिंदी में स्नातकोत्तर डिग्री के साथ, उन्होंने एक शिक्षक और बाद में एक प्रधानाध्यापक के रूप में कार्य किया, अपना करियर शिक्षा और भाषा प्रचार के लिए समर्पित किया।


वर्तमान गतिविधियाँ:


सेवानिवृत्ति के बाद, आनंद डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपना काम जारी रखा है। वे दो फेसबुक पेज, "तमिल-हिंदी सीखिये" और "एसबीएम स्कूल एलिमेंट्री" संचालित करते हैं, जो लोगों को हिंदी और तमिल दोनों सीखने और समझने में मदद करते हैं। वे कई हिंदी ब्लॉग भी चलाते हैं, जिनमें शामिल हैं:

 आनन्दगोमु.ब्लॉगस्पॉट. कॉम पर "तमिल-हिंदी संपर्क"

  नवभारत टाइम्स से जुड़ा एक ब्लॉग जिसका नाम "मटिनंत" है

  सेतुकारी.ब्लॉगस्पॉट.कॉम पर "रामकृ"

इन ब्लॉगों ने 150,000 से अधिक दर्शकों को आकर्षित किया है, जो क्षेत्रीय भाषाई संदर्भ को देखते हुए उनके महत्वपूर्ण ऑनलाइन प्रभाव को दर्शाता है।


 साहित्यिक योगदान और मान्यता


आनंद वर्तमान में हिंदी में "सनातन वेद" और "संत जगदीश्वर के तमिल वेद" के बारे में लिख रहे हैं, जो प्राचीन ग्रंथों को आधुनिक दर्शकों के साथ जोड़ रहे हैं। वे विभिन्न विषयों पर कविताएँ भी लिखते हैं, जिसके लिए उन्हें प्रशंसा पत्र मिले हैं। उल्लेखनीय रूप से, उन्हें हिंदी साहित्य में उनके योगदान के लिए हिंदी साहित्य संस्थान, लखनऊ द्वारा "सौहार्द सम्मान" से सम्मानित किया गया था।


#हिंदीतर

#हिंदी

#तमिल_हिंदी

Friday, March 28, 2025

नीति नेऱि विलक्कम् नैतिक मार्ग व्याख्या -कवि कुमरगुरुपरर्

 कुमरगुरुपरर् 17वीं शताब्दी के प्रसिद्ध कवि थे। उनका दिव्य स्मारक काशी में है।
शिक्षा के महत्व पर निम्न उनका  दूसरा पद  है



தொடங்குங்கால் துன்பமாய் இன்பம் பயக்கும் ==तोडंगुंकाल्  तुन्बमाय इन्बम  पयक्कुम 

மடம்கொன்று அறிவு அகற்றும் கல்வி நெடுங்காலம் =मडम् कोन्ऱु अऱिवु अकट्रुम्  कल्वि नेडुंकालम् 

முன் பயக்கும் சில நீர இன்பத்தின் முற்றிழாய் = मुन पयक्कुम्  सिल नीर इन्बत्तिन मुट्रिलाय्

பின் பயக்கும் பீழை பெரிது.  पिन पयक्कुम्  पीष़ै पेरितु.

कुमरगुरुपरर्   नारी को संबोधित करके कहते हैं कि

 शिक्षा अध्य्यन के श्रीगणेश करते समय दुख होगा।

अध्ययन के बाद शाश्वत सुख होगा। मूर्खता को शिक्षा मार डालेगी। काम और लौकिक इच्छा के सुख शुरुआत में अति आनंद- सा लगेगा।बाद में निरंतर दुख देगा ही। दुख से छूट कभी नहीं होगा।

 लौकिक काम सुख अस्थाई है, सुख सा लगकर दुख देगा।

शिक्षा विद्या से प्राप्त सुख स्थाई होती है। शिक्षा आरंभ में दुख सा लगेगा, बाद में निरंतर सुख देता रहेगा।











Thursday, March 27, 2025

नीतिनेरि विलक्कम्

 தமிழ் ஹிந்தி பணி.तमिऴ् हिंदी सेवा।


நீதிநெறி விளக்கம். नैतिक मार्ग व्याख्या।


குமரகுருபரர் =कुमरगुरुपरर्  --कवि 


அறம் =धर्म 


பொருள்=अर्थ  


 இன்பமும் =सुख


வீடும் ==मोक्ष


பயக்கும்புறங்கடை நல்லிசையும் நாட்டும் - உறும்கவலொன்றுஉற்றுழியும் கைகொடுக்கும் கல்வியின் ஊங்கில்லைசிற்றுயிர்க்கு உற்ற துணை. ---तमिऴ् मूल।


 கல்விதான் =कल्वितान् ==शिक्षा ही

 மனிதனுக்கு  मनितनुक्कु=मनुष्य को 

 உற்ற துணையாகும்=युक्त सहायक है।


 

கல்வி நமக்கு  =कल्वि नमक्कु  =शिक्षा हमको

அறவழிகளான  =अऱवऴिकळान  இறையன்பு, ==ईश्वर प्रेम

இறைப்பற்று  इरैप्पट्रु  =ईश्वर भक्ति 

நல்லொழுக்கம்,  नल्ओऴुक्कम् --अनुशासन्

பணிவு , =पणिवु =विनम्रता

மன அமைதி मन अमैति =मानसिक शांति 

 ஆத்ம ஞானம், ==आत्मज्ञानम् =आत्मज्ञान 

 தேசப் பற்று,  =देशप्पट्रु --देशभक्ति

மனிதநேயம், _मनितनेयम् =मनुष्यता 

 சுயநலமின்மை, =सुयनलमिन्मै --निस्वार्थता

தியாகம்,=त्यागयम् ==त्याग 


 தானம் =दानम् =दान


 பரோபகாரம் =परोपकारम् =परोपकार 


ஆகிய  -आकिय =आदि

 உயர் பண்புகளைத்  =ऊँचे गुण


தரும்.  तरुण =देंगी।


 அதன் விளைவாக=अतन् विळैवाक==

  उसके परिणाम स्वरूप 

நாட்டிலும் --नाट्टिलुम् --देश में 

 அயல் நாட்டிலும்   =अयलनाट्टिलुम्‌ =विदेश में भी 

செல்லும் இடங்களில் எல்லாம்


चेल्लुम्  इडंगलिल् एल्लाम् =जहाँ जाते हैं सब जगह 

 சிறப்பைத் தரும். ==चिरप्पेत् तरुम् =विशेषता देगी।

கவலைகளைப் போக்கும்.

कवलैकलैप्पोक्कुम्। --चिंताएँ दूर करेंगी।

உற்ற துணையாக  उप्र तुणैयाक 

योग्य साथी के रूप में 


இறுதிவரை இருக்கும்.  इरुतिवरै इरुक्कुम्।

अंत तक रहेगा।


 கை கொடுக்கும் தெய்வமாக இருக்கும்.

 कै कोडुक्कुम् देय्वमाक 

हाथ देनेवाले ईश्वर के रूप में  रहेगा।

 मानव का सच्चा साथी शिक्षा ही है।

 एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा अनूदित  भावार्थ। व्याख्या।

Thursday, March 20, 2025

हिंदी अंग्रेजी

 

ब्लॉग देखकर योग्य हो तो सम्मान करनेवालों की संस्थान हो तो  अच्छा होगा।

 पचास हजार, एक लाख खर्च करके प्रकाशन वह जमाना आज नहीं, 

 पर सम्मान पैसे लेकर देने के साहित्य अकादमी ज़्यादा है। करोड़ों रूपयों के चुनाव के लिए खर्च करनेवाले   सांसद विधायक को भारतीय भाषा की प्रगति में ध्यान नहीं। वे अंग्रेज़ी माध्यम की प्रधानता दे रहे हैं  सीबीएससी मेट्रिकुलेशन चलाकर L.K.G to U.G P.G. तक।

 हिंदी तमिल  CBSE में ३०% अंक काफी है।

 फिर उच्च शिक्षा केवल अंग्रेज़ी।

 भारतीय भाषाओं के खर्च केवल दिखावे के लिए।

 लाखों जवानों की नौकरी का आधार अंग्रेज़ी, न भारतीय भाषाएँ।


Tuesday, March 18, 2025

स्वर्ग नरक सुख

 नमस्ते वणक्कम्।


 जवानी भूलें, =வாலிபத் தவறுகள் 


 जवानी की स्वार्थता ==வாலிப சுயநலம் 


बुढ़ापे में स्वर्ग नरक की वेदनाएं। =முதுமையில் ஸ்வர்க நரக வேதனைகள்


शुभ परिणाम  சுப விளைவுகள் 


अशुभ परिणाम  =அரசுப் விளைவுகள் 


 रोग नीरोग काया =நோய் நோயற்ற உடல்


 हमारे ऋषियों मुनियों =நமது ரிஷிகள் முனிவர்கள் 



भक्त आध्यात्मिक चिंतनके लोग  ==பக்தர்கள் ஆன்மீக சிந்தனைகள் உள்ளவர்கள் 

संसार को  ==உலகத்திற்கு 


सुखांत जीवन =சுகமான முடிவுற்ற வாழ்க்கை 


जीने मार्ग दिखाते हैं। வாழ வழிகாட்டுகின்றனர்.



पर उनका जीवन =ஆனால் அவர்கள் வாழ்க்கை


 आर्थिक समृद्धि की ओर नहीं था।

செல்வச் செழிப்புள்ளதாக இல்லை.


 जग कल्याण के लिए =°உலக நலனுக்காக 

 दिगंबर जीवन, --நிர்வாண வாழ்க்கை 


कौपीन पहनकर जीवन, =கோவணம் அணிந்த வாழ்க்கை 


 जड़ मूल फल खाकर  =வேர் கிழங்கு பழங்கள் சாப்பிட்டு

 भूखा प्यासा जीवन

பசி தாகமான வாழ்க்கை.

 अनशन,मौन जीवन =உண்ணாவிரதம் மௌனமான வாழ்க்கை.


 ऐसे महानों के नाम = இப்படிப்பட்ட மஹான்களின் பெயர்களை


 आज भी लेते हैं। இன்றும் சொல்கிறோம்.


 महावीर, बुद्ध का नाम लेते हैं  =மாவீரர் புத்தர் பெயரைக் கூறுகிறோம்.

 यह याद रखना  இதை நினைவில் வைத்துக் கொள்ளுங்கள்.

 राजवंश जो अपने अहंकार वश =அரச குலங்கள் தன் ஆணவத்தால்


 अपनी शक्ति दिखाने  =தன் வலிமையைக் காட்ட

 अपने प्रेम निभाने = தன் காதலைக் கடைபிடிக்க 


 हज़ारों वीरों को ஆயிரக்கணக்கான  வீரர்களை 

 वीर पत्नियों  को =

 வீர மனைவிகளை


उनकी संतानों को  =அவர்களின் குழந்தைகளை

अनाथ बनाये ==அனாதை ஆக்கினார்கள்.


उन राजाओं के   वंश =அந்த அரச குலங்கள்


 आज पता नहीं। இன்று தெரிவதில்லை.


 केवल इतिहास के छात्र  =வரலாற்று மாணவர்கள் 

विवश होकर पढ़ते हैं। =வேறு வழியின்றி படிக்கின்றனர்.



 पर भक्त कवि संत ऋषियों के नाम =ஆனால் பக்தி கவிஞர்கள், சாதுக்கள் ரிஷிகளின் நாமங்கள் 


 आध्यात्मिक मार्ग का पालन =ஆன்மீகம் வழியை கடைப்பிடிக்க 

 आज भी लोग लेते हैं। =இன்றும் மக்கள் கூறுகிறார்கள்.

 यही सूक्ष्म  भगवान की लीला है, இதுதான் நுண்ணிய இறைவனின் லீலை.


 जिनके कारण संसार स्थिर है, அதன் காரணமாக உலகம் நிலைத் திருக்கிறது.

 न्याय है ! நியாயம் இருக்கிறது.


ईमानदारी है, =நாணயம் இருக்கிறது.


 वही धर्म है, அதுதான் அறம்.


 मजहब मत मतांतर संप्रदाय नहीं है।=மதங்கள் சம்ரதாயங்கள் வேறுபாடுகள் கிடையாது.


 प्राकृतिक प्रकोप सिखाता है कि

  मजहब मत मतांतर संप्रदाय नश्वर है।

இயற்கைச் சீற்றங்கள் ம்தம் மத வேறுபாடுகள் சம்பிரதாயங்கள் அழியக்கூடியவை.

 धर्म ही शाश्वत है। =அறம் தான் நிலையானது‌

 धर्मो रक्षति रक्षित रक्षणः।=

அறத்தை அழிப்பவனை அறம் அழிக்கும். அறம் காப்பவனை அறம் காக்கும்.


 அனைவரையும் ஆட்டிப் படைப்பது 

ஆண்டவனே.

 सबहीं नचावत राम गोसाईं।

पऴनी एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक 

 शिवदास।

Monday, March 17, 2025

कबीर

 शूनै पड्या  न  छूटियो,सुनी रे जीव अबूझ!


कबीर मरि मैदान मैं ,करि इन्द्रियाँ सूं झूझ . 

    


      हे नर! तू तो अज्ञानी !शून्य प्रदेश में एकांत में  छिपकर माया मोह से बच नहीं  सकता.


इन्द्रियों से जीतने  सांसारिक मैदान में खड़े होकर लड़;इन्द्रिय्वासनाओं को जीतने की शक्ति 


वैराग्य से नहीं ,उनको भोगते नष्ट करने में है.आसक्ति में अनासक्त  रहकर चल बसने में ही काम्य  है.


    

 மனிதனே!   நீ ஞானமற்றவன் ! சூன்யமான இடத்தில் தனிமையில் ஒழிந்து


மாயை -மோஹத்தில்   இருந்து தப்பிக்க முடியாது. ஐம்புலனை வெல்ல உலகின் மைதானத்தில்  நின்று போரிடு . ஐம்புலனை வெல்லும் சக்தி வைராக்யத்தில்  கிடையாது.அதை அனுபவித்து அழிக்க  வேண்டும்.பற்றில் பற்றற்று மரணத்தில் பலன் உள்ளது.