Thursday, March 20, 2025

हिंदी अंग्रेजी

 

ब्लॉग देखकर योग्य हो तो सम्मान करनेवालों की संस्थान हो तो  अच्छा होगा।

 पचास हजार, एक लाख खर्च करके प्रकाशन वह जमाना आज नहीं, 

 पर सम्मान पैसे लेकर देने के साहित्य अकादमी ज़्यादा है। करोड़ों रूपयों के चुनाव के लिए खर्च करनेवाले   सांसद विधायक को भारतीय भाषा की प्रगति में ध्यान नहीं। वे अंग्रेज़ी माध्यम की प्रधानता दे रहे हैं  सीबीएससी मेट्रिकुलेशन चलाकर L.K.G to U.G P.G. तक।

 हिंदी तमिल  CBSE में ३०% अंक काफी है।

 फिर उच्च शिक्षा केवल अंग्रेज़ी।

 भारतीय भाषाओं के खर्च केवल दिखावे के लिए।

 लाखों जवानों की नौकरी का आधार अंग्रेज़ी, न भारतीय भाषाएँ।


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