मनुष्य
अपने स्वार्थ सिद्ध केलिए
प्रार्थना करता है।
पाप से बचने प्रार्थना करता है।
क्या उसने ज़रा
देश के लिए प्रार्थना की हैं/?
रामने प्रार्थना की
अपनी पत्नी सीता का पता लगाने।
श्री कृष्ण ने अधर्म कोअधर्म से
जीतने का मार्ग दिखाया।
एकने सगुण का
मार्ग दिखाया तो
दुसरे ने निर्गुण का।
एक ने ज्ञान का तो
दुसरे ने प्रेम का।
एक ने रामका तो
दुसरे ने कृष्ण का .
देव-दूत आये तो
एक ने अल्ला का,
दुसरे ने लोगों के पाप को
खुद लेकर मुक्ति देने का।
सबने प्रेमका ही सन्देश दिया,
परोपकार का सन्देश दिया।
दान- पुण्य का सन्देश दिया।
सत्य का सन्देश दिया।
लेकिन
राजनीतिज्ञों ने इन सब का अपने
स्वार्थ के लिए अपनाया।
लोगों को धर्म के नाम से
मर-मिटने का मार्ग दिखाया।
लोग धर्म के नाम लड़ रहे हैं।
शासक और शासक बन्ने के चाहक
धार्मिक गुरुओं के सहारे
आश्रमों में धन जमाया।
स्विस बैंक में धन बचत किया।
मूर्ख जनता को समझाया
हमारी जन्मकुंडली में राज योग है;
अपना अपना भाग्य है;
तुम सहो :
महंगाई;
हम करेंगे मंगल;
तुम रहो अँधेरे में।
लड़ो- भिड़ो -मरो
अपने नेता के लिए।
लड़ो-मरो धर्म और सम्प्रदाय के नाम पर।
हम करें गे बलात्कार;
हम करेंगे खून;
हम देश को कंगाल बनायेंगे;
करेंगे अपने इलाज के लिए खर्च
करोड़ों की संख्या में;
देश -भर में हम अपने
लिए
आलीशान कोटि बनायेंगे;
तुम तो गन्दी गली में बदबू में रहो;
सरकारी अस्पताल में
बिना दावा के मरो।
यह तुम्हारी विडम्बना है;
हम भाग्यवान सुख भोगेंगे।
तुम हारे जन्म कुंडली में लिखा है
भूखों मरना;और हमारे लिये मरना।
मुर्ख जनता मानकर
नेता के लिए मर रही है।
नेता अपना आनंद लूट रहा है;
उनको मिलता है आशीर्वाद
नित्यानंद जैसे स्वामिजियों से ;
स्वार्थ अधिकारियों से;
वे सुखी हैं;
जनता दुखी हैं; और इस खुशी में हैं
हमारेनेता प्रधान मंत्री हैं।
हमारे नेता प्रधान मंत्री बननेवाले हैं;
हमारे ईश्वर के मंदिर में
हीरे-पन्ने भरे पड़े हैं;
जनता का विश्वास हैं
अगला जन्म आनंदमय रहेगा।
जनता न
जागेगी तो
नेता का भाग्य चमकेगा।
भ्रष्टाचार बढेगा।
देश बर्बाद हो जाएगा।
गंगा मैलीहोगी।
किनारे पर रहनेवाले
संक्रामक रोग सहेंगे;
मंत्री पिएगा मिनरल वाटर।
जागो;जागो;
तभी चमकेगा तेरा भाग्य .
भाग्यवाद छोडो ;
अपने अक्ल से सोचो।
भ्रष्टाचार नेताओं को
छोडो;
अच्छे नेताओं के पीछेजाओ;
प्रार्थना करो
भ्रष्टाचार नेता सुधर जाएँ;
या
उनको दंड मिले।
यज्ञ करो देश की भलाई का।
भ्रष्टाचार नेताओं के अहित का।
उनको उचित दान देने का ;
करो प्रार्थना;
उनकी कुर्सी छीने जाने का।
जनता! तुम शक्तिशाली हो;
तुम ईश्वर हो;
नेता तुम्हारे सामने हाथ जोड़ता है;
वह चुनाव के उत्सव में
तुमको दक्षिणा देकर धोखा देता है।
तुम शिव जैसे असुरों को वर मत दो;
बदों को मत मत दो;
पात्र पहचानकर वोट दो;
नोट के लिए वोट मत दो;
नेता ईश्वर को भी नोट दिखाकर
वर प्राप्त करता है।
अतः
जागो;
तुम भाग्यवान हो।
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