हम लिखते हैं आजकल की राजनीति केअत्याचार, भ्रष्टाचार, खून,बेरहमी;नमक हलाल आदि पर।
आज नवरात्री;दीपावली;सूर संहार,महिषासुर वर्द्धिनी;मोहिनी अवतार;
कृष्ण अवतार,वामन अवतार; मुहर्रम ,ईस्टर;
ये धार्मिक त्यौहार।सिखाते हैं हमें;
अन्याय और शासक धनियों के विरुद्ध
सामान्य व्यक्ति लड़कर जीत नहीं सकता।
ईश्वरीय शक्ति खुद लड़कर नाश करता है।
शासक तो अपनी कुर्सी की रक्षा के लिए सब कुछ कर सकता है।
उसमें बल है;दल हैं ;अधिकार हैं;
सामन्य जनता के लिए तीर्थ है;प्रार्थना है;उपवास है; जपहै; तप है;
संताप है।यहीं भोले भाले दुर्बल लोगों को ईश्वरीय देन है;
अतः मंदिरों में भीड़ अधिक हैं;
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