मनुष्य मन एकांग्र होने पर
साधना के पथ पर अग्रसर होता है
मन एक काम में तल्लीन होता है तो
सफलता में शक की संभावना नहीं होता ।
कैसे तल्लीनता आएगी?
माया महा ठगनी
कबीर ने कहा
इससे कैसे बच सकत हैं?
एक मात्र मार्ग भक्ति मार्ग
ध्यान मार्ग
भले ही मज़हब या धर्म या संपदाय जो भी हो
मन को वश या काबू पाने या रखने
एक अमानुष्य शक्ति पर विश्वास रखना ही
ध्यान करने की प्रेरणा है
वो भी जब मनुष्य अपने लक्ष्य पर
रुकावटों या असफलता का सामना करता है
तब तक वह ईश्वरीय शक्ति पर ध्यान न देगा।
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