Monday, April 28, 2014

नान्मनिक्कडिकै--१७.चार रत्नों की कड़ी;chain of four gems.17.

பொய்த்த லிறுவாய நட்புக்கண்--மெய்த்தாக
மூத்த லிலறுவாய்த் திளநலந்--தூக்கில்
மிகுதி யியறுவாய  செல்வங் கடத்தம்
தகுதி யிறுவாய்த்  துயிர்.

 when we have done research  speaking lie spoils the friendship.
beauty of youth is like passing clouds.
Increasing wealth itself spoils the wealth.
End of life is once promise and words.

मनुष्य जीवन के शोध से पता चलता है  कि झूठ बोलने से हो  नष्ट हो जाती है मित्रता.

जवानी  की सुन्दरता मिटने वाले बादल जैसी है.
बढ़ती संपत्ति स्वयं संपत्ति का नाश करनेवाला है.
मनुष्य के प्राण का अंत उसके कसम भरे शब्द में हैं.






No comments: