कैसे क्षमा माँगी जाए
पंद्रह वर्ष पहले, मैं ऑस्ट्रेलिया में एक बहु अरब डॉलर मीडिया कंपनी के एक बड़े प्रौद्योगिकी
समूह का प्रमुख था। मैं ने एक प्रमुख पोर्टफोलियो संभालना प्रारंभ ही किया था
कि नए सॉफ़्टवेयर में एक समस्या हमारे उपयोगकर्ताओं और हमारे राजस्व को प्रभावित करने लगी।
तकनीकी प्रमुख के रूप में, इस समस्या को सुलझाना मेरा उत्तरदायित्व था।
हमने विभिन्न फ़र्मों से कईं तकनीकी विशेषज्ञों को बुलाया परंतु कोई भी समस्या का कारण बता ना पाया।
कईं सप्ताह बीत गए किंतु हम फिर भी कुछ प्रगति ना कर पाए।
एक बार मैं चिंताग्रस्त एवं आत्मविश्लेषी हो कर आधी रात घर पहुँचा।
मैं फुहारे में स्नान करने गया ही था कि मुझे अचानक उस गंभीर समस्या को सुलझाने के रहस्य का
प्रकटीकरण हुआ! मैं काम पर वापस जाने के लिए उतावला हो गया और
एक छोटी झपकी लेने के उपरांत तुरंत काम पर लौट गया।
प्रभात के उस पहर कार्यालय में पूरी तरह शांति थी।
मैं ने समस्या को सुलझाने का प्रयास किया और देखा कि वहकाम कर रहा था।
मैं ने पूरे विश्वास के साथ हमारे संस्करण नियंत्रण प्रणाली को अनदेखा कर सर्वर पर
प्रशासनिकउपयोगकर्ता के रूप में लॉग इन किया
(पूरी दुनिया को दिखाने से पूर्व हम यहीं पर हमारे सॉफ़्टवेयर को उच्चअधिशासी के अनुमोदन के लिए
प्रदर्शित किया करते थे)। नयी सॉफ़्टवेयर को चलाने के पूर्व मैं ने सर्वर पर उपस्थित
डाइरेक्टरी को मिटाने का एक कमांड जारी किया।
मैं यह सोच कर बहुत प्रसन्न होने लगा कि जब उच्च अधिशासीसुबह काम पर आएंगे तो
वे यह देख कर कितने चकित हो जाएंगे। जहाँ सैकड़ों डॉलर भी समस्या को सुलझाने मेंविफल रहे,
उसे ठिक करने का यह सरल उपाय था।
परंतु एक समस्या थी; सर्वर पर कमांड शुरू करने के बाद मुझे अपनी भूल का अहसास हुआ।
मैं ने एक ऐसा कमांडदिया था जिस के कारण सिस्टम में उपस्थित हर एक फ़ाइल मिट गयी।
यह कल्पना करें कि आप केवल अपने कमरेकी बत्ती बुझाना चाहते हों,
परंतु आप गलती से पूरे शहर की बिजली काट देते हैं।
मैं ने जो किया वह तो उस से भीबदतर था - मैं ने तो समझो पूरे बिजली घर को ही जला दिया।
सर्वर को ठीक करने के लिए हार्डवेयर टीम को चार दिन लगे क्योंकि टेप बैकअप में भी कोई समस्या थी।
मैं बहुतलज्जित था। मेरी भूल का समर्थन करने के लिए मेरे पास वैसे तो कईं बहाने हो सकते थे -
नींद की कमी, काम परदबाव, बहुत अधिक काम, समस्या की कठिनाई, नेटवर्किंग
टीम की अयोग्यता इत्यादि। परंतु ये सब केवल बहानेथे। मैं ने कोई भी बहाना नहीं दिया।
केवल सभी से क्षमा मांगी। क्योंकि सत्य यह था कि मैं ने एक महंगी भूल की थी।सौभाग्य से,
सब कुछ अच्छी तरह समाप्त हुआ। दो महीने पश्चात, मुझे वेतन में एक बड़ी वृद्धि प्राप्त हुई।
***************************************************************** $$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$
इस वृद्धिका एक कारण था “अपनी भूल को स्वीकार करने, ठीक करने और उस से सीखने का साहस”।
भूल करना मानव की स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है;
हम सभी भूल करते हैं। परंतु उन्हें दोहराने का यह औचित्य नहीं होसकता।
हमे अपनी भूल का अहसास हो गया है यह दिखाने की केवल दो विधियाँ हैं।
पहली विधि है कि भूल को नादोहराएं और दूसरी एक सच्ची क्षमा याचना द्वारा।
दूसरा मुद्दा ही मेरे इस लेख का विषय है। सही ढंग से क्षमामांगना कोई विशेष कला या ज्ञान नहीं।
यह तो केवल इस पर निर्भर है कि आप स्पष्ट रूप से सत्य बोल पाते हैं कि नहीं।
जब हमे वास्तव में अपने कार्य पर पछतावा होता है, तो सही शब्द स्वत: ही बाहर आने लगते हैं और
क्षमामांगना अत्यंत सरल हो जाता है।
वास्तव में क्षमा याचना विश्वास का एक पुनःस्थापन है।
इस के द्वारा आप यह कह रहे हैं कि मैं ने एक बार आप काविश्वास तोड़ा है
किंतु अब आप मुझ पर भरोसा कर सकते हैं और मैं ऐसा फिर कभी नहीं होने दूँगा।
जब हम एक भूलकरते हैं, तो दूसरे व्यक्ति के विश्वास को झटका लगता है।
अधिकतर सकारात्मक भावनाओं की नींव विश्वास हीहोती है।
उदाहरणार्थ जब आप किसी से प्रेम करते हैं,
तो आप उन पर विश्वास करते हैं कि वे वास्तव में वैसे ही हैंजैसा वे स्वयं को दर्शाते हैं।
किंतु जब वे उसके विपरीत कार्य करते हैं, तो आप का विश्वास टूट जाता है।
इसविश्वासघात से आप को बहुत कष्ट होता है और यह दूसरे व्यक्ति के प्रति
आप की भावनाओं को भी प्रभावित करताहै।
यदि आप अपराध को दोहराने का विचार कर रहें हैं, तो ऐसी क्षमा याचना विश्वसनीय नहीं है।
उदाहरणार्थ एक टूटेहुए घड़े को ले लीजिए। यदि आप सावधानी एवं सबूरी से प्रयत्न करें तो
संभवत: एक बार उसे जोड़ सकते हैं।
किंतुउसे फिर से तोड़ने पर उसे जोड़ना अधिक कठिन या लगभग असंभव हो जाता है।
इसी प्रकार यदि आप किसी केविश्वास को तोड़ते हैं संभवत: वह आप को एक बार क्षमा कर सकते हैं।
परंतु यदि आप ऐसा फिर से करते हैं तो आपउनसे क्षमा की आशा नहीं कर सकते।
इसलिए, एक निष्ठाहीन क्षमा याचना सम्पूर्ण रूप से व्यर्थ है।
तो आप पूछेंगेकि एक निष्कपट क्षमा याचना क्या है?
நம்பகத்தன்மை உடையதாகும். நீங்கள் உங்கள் செயலில் முழு பொறுப்பை ஏற்றுக்கொள்கிறீர்கள். உண்மையான மனதுடன் மன்னிப்பு கேட்கிறீர்கள். ஆழ்மன வருத்தமில்லா மன்னிப்பு வீணானது.இதனால் மற்றவர்களுக்கு அதிகம் கஷ்டம் ஏற்படும். நான் இப்படி நினைத்து இந்த வேலையைச் செய்தேன் ;மன்னித்து விடுங்கள். நான் இந்த காரணத்தால் இப்படி செய்தேன் மன்னித்து விடுங்கள். என்னால் உங்களுக்கு காயம் ஏற்பட்டிருந்தால் மன்னித்து விடுங்கள். என்றுதான் பலர் பெரும்பாலும் சொல்கின்றனர். இது மன்னிப்பு கோரல் கிடையாது .வெறும் சாக்குப்போக்குதான்.உண்மையான மன்னிப்பு கேட்டலில் ஆனால் , ஆல் என்ற சொல்லிற்கு இடம் இருக்காது. நீங்கள் ஏன் இப்படி செய்தீர்கள் என்பதற்கும் பொருள் கிடையாது. உங்கள் செயல் ஒருவரின் மனதையும் புண் படுத்தவில்லை என்பதைநீங்கள் புரிந்து உணர்ந்து ஏற்றுக்கொள்ளுவதுதான் உண்மையான மன்னிப்பாகும்.. எதோ ஒரு காரணத்தையோ அல்லது தகுதியற்றதையோ சொல்லி உங்கள் மன்னிப்பு கோரலை மாசு படுத்தாதீர்கள். தூய மனதுடன் மன்னிப்புகேட்க வில்லை என்றால் உங்கள் மன்னிப்பு வேண்டுகோளை நாசப்படுத்துகிரீர்கள் என்றே பொருள். இதனால் மற்றவர்களுக்கு மிகவும் கஷ்டம் உண்டாகும். மன்னிப்பு கேட்டல் அல்லது சாக்கு கூறல் இந்த இரண்டில் ஒன்றைத்தான் தேர்ந்தெடுக்க வேண்டும். இரண்டையும் அல்ல. உங்கள் தவறை முற்றிலும் ஏற்றுக்கொள்ளுவதில் தான் உண்மையான கபட மற்ற மன்னிபுக்கேட்டல் சாத்தியமாகும். உங்கள் மன்னிப்பை ஏற்காவிட்டால்......இதைப்பற்றியும் சர்ச்சை செய்வேன். क्षमा याचना विश्वसनीय तभी होती है जब आप यह ठान लें कि
आप अपने अपराध
को दोहरायेंगे नहीं और जब आपकोई बहाना या औचित्य नहीं देते हैं।
आप अपने कार्य का पूरा उत्तरदायित्व लेते हैं और सच्चे दिल से आप क्षमामांगते हैं।
पश्चाताप की भावना से रहित क्षमा याचना व्यर्थ है।
वास्तव में, इस से दूसरे व्यक्ति को और अधिक कष्टहोगा।
अक्सर लोग कहते हैं, “मुझे क्षमा करें परंतु मैं ने ऐसा सोच कर यह काम किया था…”,
अथवा “मुझे क्षमा करेंपरंतु मैं ने यह कार्य इस कारण किया था…
” अथवा “मुझे क्षमा करें यदि मेरे कारण आप को कोई चोट पहुँची हो”।
येक्षमायाचना नहीं केवल बहाने हैं।
एक सच्ची क्षमा याचना में “यदि” और “परंतु” जैसे शब्दों का कोई स्थान नहीं होता।
यह कहना कि आप ने ऐसाक्यों किया इसका भी कोई अर्थ नहीं।
सर्वश्रेष्ठ क्षमा याचना वह है जहाँ आप यह पूर्ण रूप से समझें,
महसूस करें तथास्वीकार करें कि आप के कार्यों ने अन्य व्यक्ति को ठेस पहुँचाया है।
एक कारण या औचित्य दे कर अपनी क्षमायाचना को दूषित न करें।
यदि आप सच्चे दिल से क्षमा नहीं मांगते हैं तो आप अपनी क्षमा प्रार्थना का नाश कर रहेहैं।
மன்னிப்பு கேட்டல் அல்லது சாக்கு கூறல் இந்த இரண்டில் ஒன்றைத்தான் தேர்ந்தெடுக்க வேண்டும். இரண்டையும் அல்ல. உங்கள் தவறை முற்றிலும் ஏற்றுக்கொள்ளுவதில் தான் உண்மையான கபட மற்ற மன்னிபுக்கேட்டல் சாத்தியமாகும். உங்கள் மன்னிப்பை ஏற்காவிட்டால்......இதைப்பற்றியும் சர்ச்சை செய்வேன்.
इस से दूसरे व्यक्ति को और अधिक कष्ट होगा।
आप एक क्षमा याचना अथवा एक बहाने में से केवल एक को हीचुन सकते हैं, दोनों को नहीं।
एक सच्ची एवं निष्कपट क्षमा याचना वह होती है
जिस में आप अपने अपराध को पूर्ण रूप से स्वीकार करते हैं।
किंतु यदि अन्य व्यक्ति आप की क्षमा प्रार्थना स्वीकार नहीं करते, तो? कभी और इस पर चर्चा करूँगा।
|
No comments:
Post a Comment