Monday, May 5, 2025

சிக்கல் जंजाल

 एस. अनंत कृष्णन चेन्नई का नमस्कार वणक्कम्।


तमिऴ् हिंदी सेवा।

 तमिऴ् हिंदी पणि।




 विषय -हर रोज़ जिंदगी के जंजाल में हम हैं।=

पोरुळ् =ऒव्वॊरु नाळुम् वाऴ्क्कैयिन चिक्कल नमक्कु।

या

ऒव्वोरु नाळुम्  नाम्

 वाऴ्क्कैयिन चिक्कलिल्


 विधा --अपनी हिंदी अपने विचार।   अपनी स्वतंत्र शैली  

 नडै =ऍन् हिंदी ऍन् ऍण्णम् ऍन् सुतंतिर नडै।


 भावाभिव्यक्ति  = करुत्तु वेळिप्पाडु।


5-5-25.


मानव को =  मनितनुक्कु

बचपन से  =कुऴंतैप्परुवत्तिलिरुंदु


 आजीवन=वाऴनाळ् मुऴुवतुम्

 हर रोज़ = ऒव्वोरु नाळुम्


   कोई न कोई __एतावतोरु

 जंजाल है ही। =चिक्कल् ईरुक्किऱतु तान।।


किसान  को =

विवसायिक्कु

 सबेरे उठकर  =

कालैयिल ऍऴुंतु


खेत की =वयलै 

 देखभाल करने =मेऱ्पार्वै चॆय्य

जाना है। पोकवेंडियिरुक्किरतु।


 कीड़े-मकोड़े और अन्य

पुऴु पूच्चिकळ्

 पशु -पक्षी - कालनडै-पऱवैकळ्


जानवरों से बचाना।

 मिरुकंगलिल इरुंदु काप्पाट्ऱुतल।



 आजकल =इन्नाट्कळिळ्

=

तीन साल के बच्चे को भी= मून्ऱुवयतु कुऴंतैकळुक्कुम् 


 बाल विद्यालय =बालर् पळ्ळि 

 जाने का काम है।=

पोक वेंडिय वेलै।



 स्त्री पुरुष दोनों को=

आण्कळ् पॆण्कळ्

 नौकरी करने का=  वेलै चेय्युम् 

जंजाल है। =चिक्कळ्।


 चोर उचक्कों से = तिरुडर वऴिप्पऱि चेय्पवर्कलिडम् 

 सावधान रहने का।

ऍच्चरिक्कैयाक  इरुक्क।


  बैंक अकाउंट में  =वंगिक्कणक्किल् 

ज़रा सी असावधानी 

 चिऱितु कवनक्कुऱैवु।


 बस =पोतुम् 

 लूटने के दल का =कोळ्ळैयडिक्कुम्  कूट्टत्तिन 

 जंजाल।=चिक्कळ्।


 दवा और खाद्य-पदार्थों में

 मरुंतु मट्रुम्  उणवुप्पोरुट्कळ्। 


 मिलावट का जंजाल। =कलप्पड चिक्कल्।


 जाति भेद का जंजाल,=

जाति वेऱुपाडु चिक्कळ्।

 


 क्षमता रहने पर भी=

तिऱमै इरुंदालुम्

 

 जातिगत आरक्षण का जंजाल।=जातिवकैयान ऒतुक्कीट्टु चिक्कळ्।


 संविधान में सब बराबर।

अरसियल् अमैप्पिल् अनैवरुम् समम्।


 पर व्यवहार में ऊँच नीच,

आनाल् नडवडिक्कैयिल

उयर्न्तवन ताऴ्न्तवन्।


  अल्पसंख्यक =

 चिऱुपान्मै

 अधिकार के भेद। =उरिमै वेऱुपाडू।


 कानून व्यवस्था में  =चट्ट एर्पाट्टिल्

धन प्रधान।   =इनमें पिरतानम्।


 चुनाव में =तेर्तलिल्

 भ्रष्टाचार  =ऊऴल्

धन प्रधान। -धनम् पिरतानम्।


 संक्षेप में =चुरुक्कमाक

 देखें तो =

पार्थताल्


 भाग्य बड़ा होता है।

 पाक्कियम्  पॆरिताकिऱतु।।




एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना

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