Wednesday, January 22, 2025

लक्ष्य இலட்சியம்.

 तमिल हिंदी सेवा 

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एस.अनंतकृष्णन

का नमस्ते वणक्कम्।

शीर्षक -- कदम कदम बढ़ाए जा।

विधा --अपनी हिंदी अपने विचार अपनी स्वतंत्र शैली


लक्ष्य == इलक्कु, कुरिक्कोळ्

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कदम कदम बढ़ाए जा।==

ओव्वोरु कालडि वैत्तु 

मुन्ने  चेल्।


मंजिल तक पहुंचने तक= कुरिक्कोळै अडैयुम वरै।


मुड़कर न देखना।==तिरुंबिप्पार्क्काते।।

मुड़कर देखने से==तिरुंबिप्पार्प्पताल्

कोई उपलक्ष्य मोहित करेगा तो = एतावतु तुणै लक्षियम् कवर्न्ताल्

प्रधान लक्ष्य तक पहुंचना कठिन।=पिरधान लक्ष्यत्तै अडैवतु कठिनम्।


कभी मैं ने एक दोहा सीखा।= ऍप्पोतो ओरु ईरडि कट्रेन।

चींटी चावल लेकर चली।

 ऍऱुंबु करिहिं ऍडुत्तुच्चेन्रतु।

बीच में दाल मिला।=

नडुवुल् परुप्पु किडैत्ततु।

चींटी दोनों खो बैठी। =

ऍरु़बु इरंडैयुम् इऴंततु।

कदम कदम पर सावधान रहना।

ओव्वोरु कालडियैयुम् ऍच्चरिक्कैयाक वैक्कवुम्।


खतरे का सामना करना।==

अभायत्तै ऍतिर्क्कवुम्।

लालच में न पड़ना।

पेरासैप्पडवेंडाम्।

कदम कदम पर विचित्रता,

ओव्वोरु कालडियिलुम् विचित्तिरम्।

ताज़ा मोह, =पुत्तम्  पुतिय मोहम्।

 ताजा आकर्षण।=पुत्तम् पुतिय कवर्च्चि।

लक्ष्य से बड़ा मिलने का भ्रम।

लक्षियत्ते विड पेरिताकक्किडैक्कुम् भ्रमै।।


न विचलित होना।==

तयंगाते।

कदम कदम बढ़ाए जाना।

ओव्वोरु अडियाक मुन्नेरिच्चेल।

लोभ दिखाते कुछ लोग।

पेरासै काट्टुवोर  सिलर्।


भय दिखाते कुछ लोग।

मतम् काट्टुवोर सिलर्।

चमक-धमक मार्ग पर है तो

ऒलि पळपळप्पु वऴियिल् 

न देना तू ध्यान।।

अतिल् कवनम् चेऴुत्ताते।

कदम कदम बढ़ाए जा।

 ओव्वोरु हम अडियाक मुन्ने चेल्।


एस.अनंतकृष्णन,चैन्नै द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना

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