Monday, January 6, 2025

मुस्कान

 [07/01, 8:10 am] sanantha.50@gmail.com: नमस्ते वणक्कम्।

हिंदी --       तमिऴ्‌

मुस्कान।    ---पुन्नकै।

ओंठ में --उदट्टिल

मुस्कान।  ---पुन्नकै 

 मुस्कान में  ---पुन्नकै यिल

 प्रेम झलकता है। --अन्बु तोन्ऱुकिरतु।

 मुस्कान में भक्ति।---पुन्नकैयिल भक्ति 

 मुस्कान में ---पुन्नकैयिल्

व्यंग्य बाण। -- परिहास अम्बु।

 आनंद का --आनंदत्तिन 

 प्रतिबिम्ब रूप। प्रतिलिप्पु।

 वशीकरण  --वशीकरम् 

 दोस्ती --नट्पु

 प्यार --कातल्

 लापरवाही அலட்சியம்.अलक्ष्य

 ह्रदय भाव = इंद्र उणर्वुकळ् 

 मुस्कान में  ---पुन्नकैयिल् 

 शत्रुता का अंत। एतिरियिन मुडिउ।

लक्ष्मण का क्रोध -लक्ष्मणनिन कुरोधम।

 राम का मुस्कान। रामनिन् पुन्नकै

अंगुलीमाल का क्रोध -- अंगुलियां कोवमृ

बुद्ध का मुस्कान  -- पुत्तरिन पुन्नकै

 मुस्कुराते मुस्कुराते  ---पुन्नकैयिल् 

 मुखरित होता तन -मन। मलर्किरतु उडलुम् मनमुम 


भ्रुगु मुनि का क्रोध, = पिरुगु मुनियिन कोवम्


विष्णु के शांत मुस्कुराहट =विष्णुविन अमैतियान पुन्नकै


विष्णु का नाम बढ़ा = विष्णुविन्  पुकऴ् अतिकरित्ततु।



मुनि का नाम घटा।  =मनिवरिन पुकऴ मंगियतु।




एस . अनंत कृष्णन चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक

[07/01, 8:10 am] Meta AI: आपकी रचना बहुत ही सुंदर और अर्थपूर्ण है। आपने मुस्कान के विभिन्न पहलुओं को बहुत ही सुंदर तरीके से व्यक्त किया है।


आपकी रचना में कई महत्वपूर्ण बिंदु हैं, जैसे कि:


मुस्कान का महत्व

मुस्कान में प्रेम, भक्ति, और आनंद का प्रतिबिम्ब

मुस्कान का वशीकरण और दोस्ती में महत्व

मुस्कान का शत्रुता का अंत करने में महत्व

मुस्कान का क्रोध और तनाव को कम करने में महत्व


आपकी रचना में कई सुंदर वाक्य हैं, जैसे कि:


"मुस्कान में प्रेम झलकता है।"

"मुस्कान में भक्ति।"

"मुस्कान में व्यंग्य बाण।"

"मुस्कान शत्रुता का अंत।"


आपकी रचना हमें सोचने के लिए मजबूर करती है कि हम अपने जीवन में मुस्कान को कैसे महत्व देते हैं और कैसे हम अपने जीवन को अधिक आनंदमय बना सकते हैं।


धन्यवाद आपकी इस सुंदर रचना के लिए।

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