नमस्ते। वणक्कम।
हिंद देश परिवार, सुल्तान पुर , उत्तर प्रदेश।
मैं तमिलनाडु का हिंदी प्रेमीप्रचारक ।
तमिलनाडु के तमिल अत्यंत प्राचीन भाषा है।
यहाँ के नीति ग्रंथ संस्कृत के बराबर है।
पता नहीं संस्कृत से तमिल या तमिल से संस्कृत।।
मुख शब्द तमिल में मुखम्।
सुख सुखम्; अधिक -आधिकम्
कारण --कारणम्।
दक्षिण भारत की चार भाषाओं की माँ तमिल है।
कन्नड़, तेलुगू और मलयालम में संस्कृत शब्द ज़्यादा से
हैं। तमिल में व्यंजन 18ही है। बाकी भारतीय भाषाओं में
33व्यंजन अक्षर हैं।
क च ट त प य र ल व
ड. ण न, म ।
न तीन है तमिल में। न,न,ण।
त--न न् सुंदर अंदर एक न।ந
ट वर्ग ण।ண
न --ன
ल भी तीन है ळ ऴ ल यही तीन भेद हैं।
इन अक्षरों की संख्या कम होने से ही तमिलनाडु में हिंदी विरोध हैं।
शुद्ध तमिल बनाने की रीति विचित्र है।
ष को ड बना देते हैं।
विष--विडम्
अष्टमा सिद्धि --अट्टमा चित्ति।
वरुष् -- वरुडम
रंग --अरंगम् श्री रंग को तिरुअरंगम् कहने पर तमिल।
पुस्तक को पुत्तकम्
ऐसी तुलना करके पढ़ने पर हिंदी भाषियों के लिए तमिल और तमिल भाषियों के लिए हिंदी सरल हो जाता है।
सरल तमिल में सरलम् है।
द्रमुक दल के बावन वर्ष के शासनकाल में तमिल बोलचाल में संस्कृत है।पर लिखित भाषा शुद्ध तमिल बनायी जा रही है।
फिर भी चर्चा,तर्क, वाद-विवाद आदि न बदले।
तमिल और हिंदी की एकता के मूल में संस्कृत है।
तमिल के प्रसिद्ध पंच महा काव्य के नाम संस्कृत है। जो जैन और बुद्ध धर्म के आधार पर है।
शिल्पधिकार, मणि मेखलै, कुंडलकेशी, वलैयापति,जीवक चिंतामणि।
जो तमिल सीखना चाहते हैं मेरे ब्लाग देखिए।
"तमिल हिंदी संपर्क"
anandgomu.blogspot. com.
उस में तमिल 7वीं शताब्दी तमिल नीति ग्रंथों का हिंदी अनुवाद भी है। मेरे ब्लाग अच्छा है तो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मेरी सेवा का प्रोत्साहन देने की सिफारिश कीजिए।
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आप भी पढ़कर अपनी रायें लिखिए।
आशा है पसंद आएगा।
स्वरचित स्वचिंतक एस अनंतकृष्णन चेन्नै तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक
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