நான்மணிக்கடிகை
चार रत्नों की कड़ियाँ
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चार रत्नों की कड़ियाँ (नानमणिककड़िकै )
प्रार्थना गीत
चाँद भगणवान विष्णु के मुख समान है.
चमकते सूर्य उनके चक्र सामान है.
तालाब में खिले कमल चक्षु सामान हैं.
अंजन फूल उस के शरीर समान.
2..
विष्णु अपने पेट में संसार रखा है तो
तीन कदमों से जग मापा।
वर्षा से लोकरक्षक ने गोवर्र्दन गिरी को छाता बनाया।
बाणाग्रहअग्नि दीवार से अनिरुद्ध को बचाया।
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