जिंदगी त्याग के लिए ,
जिंदगी भोग के लिए.
जिंदगी खुशी से जीने के लिए।
कितने लोगों से यह संभव है ,पर
त्यागियों के बिना संसार सुखी नहीं।
माँ -बाप के त्याग से बच्चा पलता हैं.
राष्ट्र सेवकों के परिश्रम से
देश का विकास होता है।
पुलिस ,सैनिक आदि के त्याग से
अमन चमन का जीवन बिताते हैं.
किसानों के परिश्रम से भोजन मिलता हैं।
शिक्षित और चतुर लोगों की योजना से
देश का विकास होता है.
आध्यात्मिक लोगों के उपदेश से
अनुशासन ,सत्य ,अहिंसा ,दानी ,दयालु
के कारण परोपकारी होते हैं.
भोगियों से देश का पतन ,
त्यागियों से देश का उत्थान।
व्यवहार में देखें तो स्वार्थियों
और भोगियों का पारा बढ़ता है.
त्यागी बेचारा भला आदमी बन जाता है
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