नमस्ते वणक्कम।
सारथी दल।
आन--होना चाहिए।
अभिमान/स्वाभिमान होना चाहिए।
अपने धर्म पर
सुदृढ होना चाहिए।
अपनी संस्कृति की
रक्षा होनी चाहिए।
मातृदेश , मातृभाषा
शाश्वत होना चाहिए।।
भ्रष्टाचारी, रिश्वतखोरी से
नफ़रत होना चाहिए।।
भगवान पर
भक्ति होनी चाहिएं।।
भारत के गौरव की
रक्षा के लिए प्राणार्पण के लिए
सन्नद्ध होना चाहिए।।
धर्म की रक्षा,
अधर्म का हार।।
अवश्य होना चाहिए।।
भगवान पर भरोसा होना चाहिए।।
धर्म रक्षा के लिए
जवानों में जागरण होना चाहिए।।
स्वरचित स्वचिंतक एस अनंतकृष्णन चेन्नै तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।।
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