दुःख चालीसा - इन्ना नारपतु
இன்னா நாற்பது
दुःख चालीसा - इन्ना नारपतु
Inna Narpathu in Hind
Translated by
Mr. S. Anandakrishnan M.A,M.Ed
Mr. S. Anandakrishnan MA,M.Ed
Foreword
One of the most outstanding of the Tamil classics is the Inna Narpathu and iniyavai narpathu.
Inna forty and forty are virtuous texts. Both summarize the events of suffering and the acts of pleasure, respectively. The words 'Inna' and 'Inside' are also found in the non-scriptural greetings of God. There are forty songs in the forty except God Bless. Each song has four comments, each of which is titled 'Inna Forty' for taking 'Inna'. The author of this book is Kapila Thevar. The author mentions Lord Shiva, Lord Balarama, Lord Thirumal and Lord Murugan in his Greetings. Thus, he is considered to be a religious generalist.The excellence of this work has been appreciated by great scholars of all lands and Inna Narpathu and iniyavai narpathu has been translated only by Mr.S.Anandakrishnan in Hindi.
Mr Anandakrishnan Seethuraman, Retired headmaster from Hindu Higher Secondary School Triplicane. He was the head of Hindi department. He deserves thanks of the publication for having translated form the original Tamil this classic into Hindi. He is a good scholar both in Tamil and Hindi.It is appreciated by all scholars.
About the translator Mr. Anandakrishnan Sethuraman
EDUCATIONAL QUALIFICATION :-
MA Hindi , M.Ed Hindi, Rashtrabjasha praveen pracharak
WORK EXPERIENCE :--
Hindi Pracharak
C.G.M., School, Korikkadavu, Plalani as a Hindi Pandit.
Wesley Higher Secondary School Chennai.- 600 014 BT Assistant. In Hindi department.
Hindu Higher Secondary School, Triplicane, Chennai - 600 005 worked as a P.G.Assistant in Hindi department, Assistant Headmaster and Headmaster in 2006 to 2008.
TRANSLATION WORK:-
V std & VII std History book translate from Hindi to Tamil in State Resource Centre in Adyar, Chennai.Classical Tamil Institute Chennai.
Annual Report from English to Hindi.
Award Winner Particulars from Tamil to Hindi.
His hobbies are writing blogs and his blog ID anandgomu.blogspot.com (TAMIL-HINDI SAMPARK )
Blogs headings are :-
Tamil to Hindi translations ,
Tamil to Hindi learning lessons
Hindi to Tamil learning lessons
Navbharat Times - 58 lessons to learn to speak Tamil through Hindi.
Learn to speak Hindi through Tamil
Ancient Tamil literature.
Translated from Tamil to Hindi
Thiruural, Nalladiyar, Moodurai, Nalavali, Innaarpathu,Inniyavai naarpathu
Kannasan Tamil cinema songs
Translated Hindi to Tamil
Meera, Kaabeer- dohe and Pad
Padma Sarangapani Cultural Academy
He got Padma Sarangapani Cultural Academy Award for his hard work and carrier achievement.
(Mr.S.Anandakrishnan has over 40 years of experience in education. He has produced 100% result in the public examination in his school. He motivates his students through his poems and articles. He is an author of Hindi books He has acted as the chief superintendent and chief examiner. He has participated in various seminars and his contribution of the field of education is commended by all.)
दुःख चालीसा - इन्ना नारपतु இன்னா நாற்பது
तमिल संघ साहित्य के अंतिम संघ के कील गणक्कू के कवि कपिलर रचित ग्रन्थ है इन्ना नार्पतु।
अर्थ है दुःख चालीसा। हनुमान चालीसा भक्ति और मुक्ति का है| अलौकिकता के लिए। दुःख चालीसा; लौकिक जीवन के दुखों से बचने के लिए कवि का काल 50 ईसवी पूर्व से 125 ईसवी पूर्व माना जाता है |
1.
त्रिनेत्र शिव भगवान के चरण स्पर्श करके प्रार्थना नहीं करनेवालों को दुःख होगा। सुन्दर बलराम जिसका झंडा ताड़ का है,शोभायमान है | उसकी प्रार्थना न करना दुखप्रद है | चक्रधारी विष्णु को भूलनेवालों को दुःख ही शेष रहेगा। वैसे ही वेलायुध धारी कार्तिक को प्रार्थना न करनेवालों को दुःख ही होगा। संक्षेप में कवि का कहना है कि ईश्वर की प्रार्थना न करना दुःख देनेवाला है |
2 .
बिन नाते -रिश्ते के गृहस्थ जीवन की संपत्ति दुखदायक है | बिन बाप के अशिक्षित पुत्र का जीवन दुखदायक है | साधू-संत को घर में रहकर भोजन करना दुखदायक है | वेद-मंत्र निष्फल है तो दुःख दायक है |
3
ब्राह्मण के घर में मुर्गी और कुत्ता घुसना दुःखप्रद है | विवाहित स्त्री पति की बात न मानना दुखप्रद है |
बिन किनारे की साडी पहनना दुखप्रद है | प्रजा की रक्षा न करनेवाले नरेश के राष्ट्र में रहना दुःखप्रद है |
4 .
अत्याचारी ,हत्यारे राजा के अधीन जीना दुःखप्रद है | अति बाढ़ की धारा में तैरना दुःखप्रद है |
कठोर बोली बोलनेवालों के संघ में रहना दुःखप्रद है | अस्थिर चित्त वालों का जीवन दुखप्रद है |
5 .
किसान को जोतने के लिए बैल न होना दुखप्रद है | सेना का पीठ दिखा कर भागना दुखप्रद है |
अति धनी के क्रोध के पात्र बनना दुखप्रद है | अति बलवानों को अहित करना दुखप्रद है |
6
धर्म-पथ चाहक के कठोर शब्द दुखप्रद है | समर-भूमि में वीरों की आलसी दुखप्रद है | दरिद्रों का दानी स्वभाव दुखप्रद है | अत्याचारों के मौखिक शब्द दुखप्रद है |
7
दुर्बल की सेना दुखप्रद है | गंध-हीन , फूल की शोभा दुःख प्रद है | बुद्धी हीनों का साहस
दुखप्रद है :-वैसे ही उचित शब्दों के उत्तर देने में , असमर्थ का भाषण दुखप्रद है |
8
सूर्य -सा उज्ज्वल मन , गुण रहित हो तो वह दुखप्रद है | हँस-मुख ,प्यार रहित मनवालों की दोस्ती हो तो
दुखप्रद है | रणभूमि में डरकर भागना दुखप्रद है |अन्यायियों की मित्रता दुःख प्रद है |
9 .
बिन मधुशाला के प्राचीन ग्राम, पियक्कड़ों के लिए दुखप्रद है | बिन दानियों के स्थान, भेंट चाहक कवियों के लिए दुखप्रद है | कंजूसों की संपत्ति दुखप्रद है | बिन लगान का अश्व दुःख प्रद है |
10
पद्यों का अर्थ जानने -समझने के असमर्थ लोगों को कविता सुनाना दुखप्रद है | अन्धकार भरे मार्ग पर
अकेला जाना दुखप्रद है | कंजूसों से दान मांगना दुखप्रद है | निर्धनियों के दान देने की इच्छा दुखप्रद है |
11.
अप्रिय दिलवाली पत्नी का कंधा दुखप्रद। तंग दिलवालों का संघ रहना दुखप्रद। कामाधिकवालों के संघ रहना दुखप्रद। जिसने कर्जा दिया ,उससे मिलने जाना दुखप्रद।
12
प्राण लेनेवाले घोर जंगल में जाना दुखप्रद। जाल द्वारा जीनेवालों का दर्प दुखप्रद। मांसाहार पसंद करना दुखप्रद। स्तन रहित स्त्री का स्त्रीत्व चाहना दुखप्रद।
13
घंटा रहित गज सवारी राजा के लिए दुखप्रद। दुश्मन को सामना करने का साहस जिसमें नहीं , उसके वीर वचन दुःखप्रद। जिस राजा मर्यादा का पात्र नहीं ,उसका आदर करना दुखप्रद। रोगियों के घर में जीना दुखप्रद।
14.
काले केस वाली अपने पति को ठगना दुखप्रद। आम का गुच्छा पककर गिरना दुखप्रद। प्रिय स्त्री को बिछुड़कर जाना दुःख प्रद। जिनको जानना चाहिए ,उनको न जानना दुखप्रद।
15.
घासाहार अश्व पर नकेल के बिना सवार करना दुखप्रद। अशिक्षित लोगों की क्रिया फल दुखप्रद।
अर्थहीन की चाहें दुखप्रद। सभा में सबके बीच लज्जित होना दुखप्रद।
16
खाने में कंजूसी दिखाकर धन जोड़ना दुखप्रद। दिली दुश्मनों के साथ रहना दुखप्रद। अंधे का अति सुन्दर शरीर दुखप्रद। अनपढ़ों का गणित भी दुखप्रद।
17
शिक्षितों की सभा में अशिक्षित का जाना दुखप्रद। अँधेरेमार्ग पर रात को चलना दुखप्रद। दुखों को सहकर न जीना दुखप्रद। माता की देखरेख न कर रहना दुखप्रद है.
18
विद्वानों का दुखी रहना दुखप्रद। वीरों के सामने वीरता दिखाना दुखप्रद। घने जंगल में जाना दुखप्रद।
संकीर्ण मानसिक दरिद्रों का संघ दुखप्रद।
19
भद्रकुल में जन्म लेकर शिक्षा न पाना दुखप्रद। अच्छे बीज खेत में बोकर न उगना दुखप्रद। सुन्दर स्त्रियों की निर्लज्जता दुखप्रद। चिढ़ते कुल में विवाह सम्बन्ध दुखप्रद।
20
वर्षा ऋतु में कोयल का मधुर स्वर दुखप्रद। प्रेमहीनों का कठोर शब्द दुखप्रद। वर्षा न होना अति दुखप्रद। भैंस हल में जोड़कर खेत जोतना दुखप्रद।
21
दान के मिलने पर उसकी मात्रा से असंतोष होनेवालोको देना दुखप्रद है। जिसको बांटकर देने का गुण नहीं है, उनके यहाँ जाकर खाना दुखप्रद है |बुढापे में रुग्ण होना दु खप्रद है। वैसे ही विप्र जो वेद पाठन नहीं करता, उसका वचन दुखप्रद है।
22
गज-सेना रहित, राजा को (देखना) दुखप्रद है |दूसरे जानवरों का माँस खाकर अपने शरीर का पालन दुखप्रद है | शहद और घी का खट्ठा होना हानिप्रद है | वैसे ही जंगली नदी के बीच के गांव को हानि निश्चित है |
23
पहरेदार रहित असुरक्षित शहर में रहना दुःखप्रद है | अहित करनेवालों के साथ रहना दुःखप्रद है |
काम-रोग बढना दुःखप्रद है | अहंकारियों के संग रहना दुखप्रद है |
24
परकोटा रहित प्राचीन शहर का द्वार रक्षक बनना हानिप्रद है | पनघट में कपड़ा धोना हानिदायक है.
अपनी सुनी गुप्त बातों को ढोल बजानेवालों के साथ रहना दुखप्रद है | असंयमी लोगों की तपस्या दुःखप्रद है |
25
इष्ट -मित्र लोगों का कष्ट देखना अति दुखदायक है | शत्रुओं का घमंड देखना अति दुखप्रद है | जहाँ नाता-रिश्ता नहीं ,वहां जीना दुखप्रद है | जुआ खेलना दुखप्रद है |
26
सज्जनों और श्रेष्ठ लोगों का साथ छोड़ना दुखप्रद है | असाध्य कार्यों के करने का शपथ लेना हानिकारक है |
अप्रिय लोगों से अपने दुखों कष्टों को बताना हानिप्रद है | बड़े लोगों को दुःख देना हानिकारक है।
27
बड़े सज्जनों की कीर्ति पर कीचड उछालना दुखप्रद है। दोस्तों और रिश्तों को छोड़ना दुखप्रद है |
निर्धनों की सुन्दरता दुखप्रद है | जवानी में बुढापा आना दुखप्रद है |
28.
जो घुड-सवारी करना नहीं जानता, उसके हठीले घोड़े पर सवारी करना दुखप्रद है। अनपढ़ की कथन का कहना हानिप्रद है | निर्धनों की श्रेष्ठ सच्ची बातें भी दुखप्रद है | अनपढ का भरी दरबार में बोलना हानिकारक है |
29
अज्ञानी संपेरे के नाग को नचाना हानिकारक हैं। पानी की गहराई को बिना जाने उछल-कूदकर तैरना हानिकारक है | मूर्ख पुत्रों का जन्म देना दुखप्रद है | जो रहस्यों को छिपा नहीं सकता, उसके कानों में भेद बताना दुखप्रद है |
30
ऊंचे पेड़ की शाखा के ऊपर से कूदना दुःखप्रद है | उन्मत्त हाथी के सामने जाना खतरनाक दुखप्रद है |जहां सांप छिपकर रहता,वहाँ जाना और वह बिल दुखप्रद है |
31
अपस्वर वीणा ध्वनी के साथ गाना शोभा नहीं है | बिना ज्योतिष ज्ञान के शुभ -दिन की सूचना देना हानिकारक है | शिथिल चमड़े का मृदंग बजाने से जो ध्वनि आती है, वह कर्ण कठोर है | दुर्गुणों के मनुष्य से शत्रुता मोल लेना हानि प्रद है।
32
अपने आप को बुरे व्यसन से दूर न रखना हानिप्रद है | बुराइयों से बचकर दूर न रहना हानिकारक है | किसी पर पीछे गाली देना या दोष लगाना दुखप्रद है | बुरों की मित्रता दुःखप्रद है | परंपरागत धनी का गरीब होना दुखप्रद है |
33
पियक्कड़ की बात मानकर काम करना, दुखप्रद है | कंटीले जंगल में चलना दुखप्रद है | बाढ़ में फँसाकर
जानवरों को मारना दुखप्रद है। ठगों का संपर्क दुखप्रद है |
34
अशिष्टाचार व्यक्ति से नाता जोड़ना दुखप्रद है | श्रेष्ठ ग्रंथों को इच्छा से न पढ़ना दुखप्रद है | निम्न-धंधा करनेवालों की मित्रता दुखप्रद है | सज्जनों से मना करने के देश रहना दुखप्रद है |
35
मेघों का न बरसना सांसारिक लोगों को दुखप्रद है | मुरली की मधुर ध्वनि के समान होने पर भी पेड़ों में वायु के प्रवेश से आनेवाली ध्वनि दुखप्रद है | सुन्दर युवक का बुद्धू होना दुखप्रद है |
36.
दूसरों की मदद करने की इच्छा रखनेवाला निर्धनी दुखी है | बड़े नगरों में गरीबी में जीना दुखप्रद है | दूसरों के घर में जाकर भोजन का इंतज़ार करना दुखप्रद है | गरीबी में छोड़कर जानेवाले मित्र की मित्रता
दुखप्रद है।
37
गंध रहित सुन्दर फूल दुखप्रद। जो तैरना नहीं जानता ,उनको पानी में कूदना दुःख प्रद। अशिक्षित शिक्षितों से सवाल करना दुःखप्रद। छोटों पर क्रोध करना दुःखप्रद है |
38
दूसरों की पत्नी की चाह पर पीछा करना दुखप्रद है | कायर को युद्ध भूमि पर जाना दुखप्रद हैं। हठीले घोड़े पर बिना नखेल के चढ़ना दुःख प्रद है | अक्षम का कर्म दुःख प्रद है।
39
दरिद्र आदमी का दान दुखप्रद है | दुर्भाग्यवान पर पत्थर फेंकना दुखप्रद है | कवि को पुरस्कार न देना दुखप्रद है। गीत की रुकावट के कारण अधूरा छोड़ना दुखप्रद है |
40.
अविनम्र के घमंड दुखप्रद है | प्रयत्नहीन की आत्मप्रशंसा उसके लिए दुखप्रद है | दूसरों की अमानत वस्तु की चोरी करना दुखप्रद है | अविनम्र बुद्धिहीनों को उपदेश देना दुखप्रद है |
सुख चालीसा - இனியவை நாற்பது
कवि - भूतञ्चेतनार
सुख चालीसा
iniyavai narpathu
Translated by
Mr.S.Anandakrishnan M.A, M.Ed
Mr. S. Anandakrishnan MA,M.Ed
सुख चालीसा
कवि - भूतञ्चेतनार
1.
त्रिनेत्र शिव की प्रार्थना सुख प्रद;तुलसी माला पहने विष्णु की प्रार्थना सुख प्रद ब्रह्मा की स्तुति करना सुख प्रद भिक्षा लेकर भी विद्या-अध्ययन करना सुखप्रद।
2.
भीख माँगकर भी शिक्षा शिक्षा पाना सुखप्रद। सीखे ग्रन्थ समय पर काम आना सुखप्रद। मोती सम सुन्दर दाँतवाली के शब्द सुखप्रद। शिक्षित महानों के संग रहना सुखप्रद।
3
धनियों का दान -धर्म सुख-प्रद। अपने सामान मनवाली पत्नी मिलना सुखप्रद। गृहस्थ जीवन दुखमय हो तो सन्यासी धर्म अपनाना सुखप्रद।
4.
आज्ञाकारी संतान पाना सुखप्रद। अपराध मार्ग पर न चलकर हर दिन, सुशिक्षा पाने में लगना सुखप्रद।
निजी हल और बैल के किसान की खेती सुखप्रद। जिस दिशा में जाते हैं ,वहाँ मित्रता पाना सुखप्रद।
5
गज सेना के राजा का रण सुखप्रद। माँसाहार न खाना सुखप्रद। नदी के किनारे खेत वाले शहर-गाँव सुखप्रद। श्रेष्ठ सज्जन लोगों का आदर पाना सुखप्रद।
6
एक जीव की हत्या न करना सुखप्रद है | योग्य को कुरीती से पुरस्कार न देना सुखप्रद है | न्यायप्रिय तटस्थ नृप बनना सुखप्रद है | किसी से अच्छाई को छोड़कर बुराई न कहना सुखप्रद है |
7 .
जितना हो सके उतना धर्म कर्म करना सुखप्रद है| सद्विचारों के लाभप्रद वचन सुखप्रद हैं |अशिक्षित -नीच अहंकारी लोगों के संग में न रहना सुखप्रद है |
8
विप्रों को वेद पढ़ना सुखप्रद है | गृहस्थों को प्यार और आसक्त रहना सुखप्रद है | सैनिकों को वीरता सुखप्रद है | भले ही पिता हो उनके बुरे कर्मको न मानना ही सुखप्रद है |
9
वीरों को सबल बलिष्ट घोडा सुखप्रद है | राजाओं को काले गुस्सैल हाथी की लड़ाई देखना सुखप्रद है.
प्यारभरेलोगोंकीबातेंसुनना सुखप्रद है |
10.
अपने निकटतम दोस्तों की अमीरी सुखप्रद है | असीम आकाश के पूर्णचंद्र देखनासुखप्रद है | निरपराध निर्दोष प्रेम और कर्म करना सुखप्रद है |
11
उऋण जीवन जीना सुखप्रद है | सतीत्वहींन पत्नीको त्यागना सुखप्रद है | जिसके मन में हमारे प्रति इज्जत नहीं, उनसे दूर रहना ही सुखप्रद नहीं है |
12.
गलत मार्ग पर चलकर न जीना सुखप्रद है। गलत मार्ग पर धन न कमाना सुखप्रद है। भले ही जान का खतरा हो ,फिर भी जहाँ भोजन करना उचित नहीं हैं | वहाँ न खाना ही सुखप्रद है।
13
स्वस्थ संतान पाना सुखप्रद है | ज्ञानियों की सभा में निर्भय बोलना शिक्षितों के लिए सुखप्रद है | सज्जनों की संपत्ति न घटना ही सुखप्रद है |
14
मान-मर्यादा के खो जाने पर न जीना सुखप्रद है | संपत्ति को न घटाकर आमदनी केअनुकूल जीना सुखप्रद है | घटती संपत्ति न पाकर जीना सुखप्रद है | (अर्थात संपत्ति बढ़नी चाहिए, न घटनी चाहिए)
15
शिशुओं की शिथिल चाल देखना सुखप्रद है | शिशुओं कीतुतलीबोली सुनना सुखप्रद है | दुष्टों के क्रोध भरी चाल देखकर निडर रहना सुखप्रद है |
16
दूसरों की पत्नी को न देखने का बड़प्पन सुखप्रद है | बिन पानी केसूखनेवाले पेड़-पौधों को पानी देना सुखप्रद है |वीर राजाओं के राजमहल से चिंघाड़ना सुनना सुखप्रद है |
17
विद्वत सभा में शिक्षित अपने प्राप्त ज्ञान का प्रस्तुतीकरण करना सुखप्रद है | प्रकांड विद्वानों के संग में रहना सुखप्रद है | दूसरों से न माँगकर माँगनेवालों को देना सुखप्रद है |
18
मित्रों को कल्याण करना सुखप्रद है | उससे बड़ा सुखप्रद जो मित्र नहीं है, उनको मित्र बनाना | सर्वसम्पन्न साथी को साथ रखना सुखप्रद है |
19
ज्ञानियों के शहर में रहना सुखप्रद है। धर्म शास्त्र रचित संत -विद्वानों की ग्रन्थ सुखप्रद। माता -पिता को सुबह नमस्कार करना सुखप्रद हैं |
20
दोस्तों के बारे में गपशप न करना /चुगली न करना सुखप्रद है। सत्य की रक्षा करना ,सत्य पथ पर जाना सुखप्रद है | धन कमाकर जरूरतमंदों को देना सुखप्रद है।
21
ठगों से दूर रहना सुखप्रद है। ज्ञानियों की सीख की प्रशंसा करना ,प्रचार करना सुखप्रद है। धरती पर अधिकार पाकर जीना सुखप्रद है।
22
दूसरों की संपत्ति को अपहरण कर न जीना सुखप्रद है | धर्म करके पापों को मिटाना सुखप्रद है। महिमा रहित बेवकूफ़ों के संग से बचना सुखप्रद है |
23
आय के अनुकूल दान धर्म करना सुखप्रद है। तटस्थ अनुशासन का जीवन सुखप्रद है। गजधन होने पर भी घमंड रहित सोच-विचार कर कर्म करना सुखप्रद है |
24
उपवन के लाभप्रद सार्वजनिक कुआँ खोदना सुखप्रद है। ब्राह्मणों को गायें सहित स्वर्ण दान देना सुखप्रद है।
पाप के भयरहित जुआ खेलनेवालों से दूर रहना सुखप्रद है।
25
गुस्से रहित तप प्रगति के लिए सुखप्रद है | अपने काम को सब्रता के साथ करके कामयाबी प्राप्त करना सुखप्रद है। अपने पास जो चीज़ नहीं है ,उसके लिए न पछताना सुखप्रद है |
26
जितेन्द्रिय बनना सुखप्रद है | अचल संपत्ति मिलने पर भी अनपढ़ से दूर रहना सुखप्रद है | इस संसार को शाश्वत कहनेवालों की दोस्ती छोड़ना सुखप्रद है |
27
कोई किसी चीज़ को पसंद कर हमारे पास आएगा तो उनकी इच्छा पूरा करना सुखप्रद है। जिसने हमारा आदर नहीं किया ,उनके साथ न जीना सुखप्रद है | जैसा भी हो ,देनेवाली चीज को न छिपानेवाले का संग सुखप्रद है |
28
दान देनेवाले का पौरुष अति सुखप्रद है | मान खोकर न जीना सुखप्रद है | दूसरों पर आरोप न लगानेवालों की दृढ़ता सुखप्रद है | कल्याणकारी चीज़ों ईमानदारी से प्राप्त करना सुखप्रद है।
29
जो कोई काम करना नहीं जानता , उन से कोई काम न लेना सुखप्रद है | यम की प्रतीक्षा में जीना सुखप्रद है।
धन -संपत्ति खोने पर भी अपशब्द न बोलना सुखप्रद है |
30
निम्न गुणवालों को हटाकर जीना सुखप्रद है। अपनी प्रगति देख साहस से जीना सुखप्रद है | दरिद्र शब्द दूसरों से न सुनकर जीना सुखप्रद है |
31
किसी की की गयी मदद को कभी न भूलना सुखप्रद है | न्यायालय में तटस्थ कानामपानासुखप्रद है | किसी चीजको कोई नहीं जानताहै ऐसा समझकर अपहरण न करना सुखप्रद है |
32.
शरणार्थी के दुःख दूरकरना सुखप्रद है | जो काम अवश्य करना है उसे करने के लिए कर्जा लेकर भी पूरा करना सुखप्रद है | अति मेधावी होने पर भी जो काम करना है,उसे छानबीन कर करना सुखप्रद है..
33
शिक्षितो को योग्य चीज़ पाना सुखप्रद है | प्रेमहीन राजा के शासन केअधीन न जीना सुखप्रद है | बिना सोच -विचारे जो हमारी बुराई करता है,उसको माफ करना सुखप्रद है |
34
घृणित कामनकरनेवालेकाजीवन सुखप्रद है | सुस्त जीवन न बितानेवाले का पौरुष सुखप्रद है | अति वीर राजा का सामना करना सुखप्रद है|
35
रात को बाहर न जाना सुखप्रद है | जो बाते कहनीहैं, तब बिना भूले सब बातें कहना सुखप्रद है | खुद आकर दोस्ती बनने आये धोखेबाजियों से दोस्ती न करना सुखप्रद है |
36
विजयीराजाकोएकदूतकेसन्देशको दुसरेदूतद्वारा वास्तविकताजानना सुखप्रद है | छानबीन करके फैंसला सुनाना सुखप्रद है |
37
मन को दुःख देनेवाले ईर्ष्या भरे शब्द न कहना सुखप्रद है | मन को दुःख देने क्रोध छोड़कर जीना सुखप्रद है |अपनी मन पसंद चीज को अपहरण न करके जीना सुखप्रद है |
38
अपनी जवानी को बुढ़ापा समझकर जीना सुखप्रद है | अपनेनातेरिश्तोंसेमधुर शब्द सुनना सुखप्रद है | जवान बाँस समान कोमल कन्धोंवाली स्त्री को विष महसूस करके जीना सुखप्रद है|
39
अस्त्र-शस्त्र सहित के युव सेना सुखप्रद है | नाते -रिश्तों की सेना को हराना सुखप्रद है | बछड़े सहित के गोधनवाले की भोज सुखप्रद है | भिखारीको क्रोध न करना सुखप्रद है | दुखीअपनेदुःखनप्रकट करना सुखप्रद है | लोभी को धर्म पथ पर दृढ़ रहना सुखप्रद है |
40
दस चीजें देकर भी अपने गाँव या शहर में रहना अच्छा है | बोने के लिए रखे बीज बचाना सुखप्रद है | लाभप्रद मार्गदर्शक ग्रंथोंको पढ़ना सुखप्रद है |
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