Wednesday, May 12, 2021

मित्रता की जाँच

  791से800.

मित्रता  की जाँच।

791.मित्रता बनाने के पहले  सोच-समझकर  जाँचकर बनानी चाहिए। बिना परीक्षा करके  मित्रता बनाने से बढ़कर और कोई बुराई नहीं होगी।मित्रता छोड़ना मुश्किल होगा।


2. बिना सोचे-विचारे समझे

  जाँचे  बनायी मित्रता से जान भी जा सकती है।

3.किसी के मित्र बनने के पहले उसके वंशगत गुण,दोष आदि की परीक्षा लेना अनिवार्य है।

4.उच्च कुल में जन्म लेकर अपने  बदनाम और अप्रशंसा  से जो लज्जित होता है,उसकी मित्रता मोल लेकर भी करनी चाहिए। उससे भला ही होगा।

5. अपराधियों को कठोर निंदा करके रुलाने सुधारने वालों से ही मित्रता बनानी चाहिए।

6.हमें जब दुख होता है तभी दोस्तों-यारों की असलियत प्रकट होती है। अतः दुख भी भला ही है।

7.  बुद्धु लोगों की मित्रता तजने में ही फायदा है।

8.हतोत्साह के कर्म तजना चाहिए। वैसे ही कष्ट के समय मदद न करनेवालों की दोस्ती तजनी चाहिए।

9.कष्ट के समय साथ  नहीं देने वाली मित्रता मरते वक्त में भी दुखप्रद होगा।

10.निरपराधियों  को मित्र बना लीजिए। अपराधी मित्र को पैसे देकर छोड़ दीजिए।



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