Monday, May 24, 2021

कविता

 नमस्ते वणक्कम।

सा.स.प.ब.इ।२४-५-२०२१.

विषय  कविता।

विधा

मौलिक रचना मौलिक विधा।

 विभीन्न मनोभावों के

 नवरसों की अभिव्यक्ति है

 कविता।

 ईश्वर भक्ति जगाती 

कविता।

 राष्ट्र भक्ति जगाती 

कविता।

 प्राकृतिक शब्द चित्रण है 

कविता।

 प्रेरणादायक 

कविता।

समाज का दर्पण है 

कविता।

 संयोग रस में मोह,

 वियोग में शोक

 कविता में वर्णन अनुपम।।

 शिक्षाप्रद कविताएँ

 प्रगतिवादी कविताएं,

प्रयोग वादी कविताएँ।

साम्यवाद समाज वाद

कविताएँ।

 

 नर हो, न निराश करो मन को।


बाल न बांका करि सकै जो जग वैरी हो।


सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा हमारा।


मज़हब नहीं सिखाता 

आपस में वैर रखना।।


 तोड़ लेना वन माली,

 उस पथ पर देना फेंक।

जिस पर जावे वीर अनेक।


  सत्यम,शिवं, सुंदरं  के

 अपूर्व रूप कविता।।

  स्व रचित, स्वचिंतक एस अनंतकृष्णन चेन्नै।

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