सब को प्रणाम।
वणक्कम।
20-5-2021.
इंतजार।
विधा ---
मौलिक रचना मौलिक विधा
-------
परीक्षा फल की प्रतीक्षा।।
नौकरी की प्रतीक्षा।
प्रेमी प्रेमिका का राह देखना।
नौकरी,शादी, सुहागरात।
इंतजाम और इंतज़ार।।
संतान की प्रतीक्षा।
पदोन्नति की प्रतीक्षा।
संतान को सुयोग्य
देखने की प्रतीक्षा।
सुशासन की प्रतीक्षा।
कदम कदम पर प्रतीक्षा।।
यही जिंदगी है।
स्वरचित स्वचिंतक एस अनंतकृष्णन चेन्नै तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।
No comments:
Post a Comment