Sunday, May 23, 2021

प्रकाश पुंज तथागत गौतम

 नमस्ते वणक्कम।

 समतावादी कलमकार साहित्य शोध संस्थान, भारत।


विषय विश्व प्रकाश पुंज तथागत बुद्ध।

 विधा ---

मौलिक रचना मौलिक विधा.

२४-५-२९२१.

 मैं हूँ

 स्वतंत्र भारत का नागरिक।

  स्वार्थ भ्रष्टाचार भरे 

अधिकारी,

 वज़न रखने पर ही

 सरकारी काम।

 करोड़ों रुपयों के भ्रष्टाचारशासन।

 सद्यःफल के लिए देश द्रोह।

 अमीर हो तो,

राजनैतिक नेता  हो तो 

 अपराधी होने पर भी

 बारहों साल का मुकद्दमा रिहाई।।

 पैसे लेकर वोट देनेवाले मतदाता।।

करोड़ों रुपए चुनाव में खर्च।

 लाखों करोड़ों रुपयों का भ्रष्टाचार।

 अब बुद्धि की जीवनी 

पढ़ता हूँ,

 राज महल की 

सुख सुविधाएँ तज।

 शाश्वत नियम रोग, बुढ़ापा,मृत्यु के

 शाश्वत कानून से

 अगजग बचाने तपस्या।

 अनशन से अर्द्ध प्राण शरीर।

 अहीर अछूत के उपदेश 

 खीर पीकर,

 छूत अछूत के भेद दूर करने का

 संदेश पाकर,

 अछूत से यह संदेश

 "भूखा भजन न गोपाल".

 पहला समत्व संदेश।

 अहरिन के खीर से ऊर्जा।।

 प्रेम,सेवा, परोपकार,दान धर्म का संदेश।

 सत्य, अहिंसा की प्रधानता।

  वेश्या का मानसिक परिवर्तन।

 वेश्या को आश्रम में स्थान।।

 क्रूर युदध प्रियय निर्दयी

 अशोक,

 निंदनीय घृणित राजा

 महान चक्रवर्ती 

जनसेवक की 

 ख्याति प्राप्त अशोक।

  विदेशों में जिंदा बुद्ध।

एशिया का प्रकाश पुंज

 बुद्ध के चरणों में

 बुद्धम चरणम् गच्छामि।

   क्यों आजकल के सांसद

 विधायक न समझते

 मृत्यु शाश्वत सत्य,

 अब कोराना  

करोड़ पति को भी 

आतंकित  रोग।

 धन  नहीं, 

शुद्धता बचाता मानव को  ।

 त्याग मय जिंदगी  

प्रकाश पुंज तथागत गौतम का जीवन।


  स्वरचित स्वचिंतक एस अनंतकृष्णन चेन्नै तमिलनाडु हिंदी प्रेमी

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