नमस्ते वणक्कम।
नव साहित्य परिवार।
बारीश भावनाओं की।
मौलिक रचना मौलिक विधा।
मनोभावनाओं की बारीश,
आध्यात्मिक मंच,
ईश्वरीय शक्ति महिमा भजन
भक्ति भावना,
तभी मोबाइल की घंटी,
उठाया तो सुंदर अभिनेत्री का
अर्द्ध नग्न चित्र, आचार्य के बिस्तर पर, भक्ति भावना
घृणा में,
दूसरी खबर बलात्कार
भावना क्रोध ,
लडकी की हालत शोक।
मंत्री के रिश्तेदार ,
नाबालिग की छूट क्रोध।
खबर रोज मानव मन में
भावनाओं की बारीश।।
चित्रपट नायक
बदमाश अनपढ।
सुन्दरी पर नज़र,
अन्याय के विरुद्ध
अकेला मेशिनगनों से,
हस्त बम से बचता
पुलिस को मारता पीटता
कानून की रक्षा। वही रक्षक।
दर्शकों के मन में
श्रृंगार,भय,क्रोध,घृणा,वीर,
भक्ति भावों की वर्षा।
भावनाओं की बारीश।
स्वरचित स्वचिंतक एस अनंतकृष्णन चेन्नै तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।
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