Saturday, May 29, 2021

सुविचार

 नमस्ते वणक्कम।

 हिंद देश परिवार,

महाराष्ट्र इकाई।

30-5-2021.

सुविचार।

    मनुष्य में 

मानवता जगानी है।

आजकल कोराना काल है।

 विचार प्रदूषण अति भयंकर।

  खाद्य-पदार्थों में ,

 मिश्रण जहरीला।।

 दूध में तेल में भी

 नकली तेल।।

 मानव में भी मिश्रण।

 भारत में देश भक्त सही।

 देशद्रोही हैं ज्यादा।।

 भ्रष्टाचारियों की कामयाबी।

 सत्यवानों का 

अस्तित्व मिटना।

 हिरन और बाघ की 

शादी समान।।

 अहिंसा में हिंसा को मिलाना,

 सत्य में असत्य को मिलाना।

 संयम में असंयम को मिलाना,

ईमानदारी में बेईमान मिलाना,

 विचार प्रदूषण ।।

 कहते हैं कलियुग की बात।।

ग़लत है यह 

युग युग की बात।।

 ऋषिमूल नदी मूल

 मत देखना।

 कबीर का जन्म ग़लत,

कर्ण का जन्म गलत।

 जन्म से बढ़कर कर्म।

कबीर तो वाणी का डिक्टेटर।

 कर्ण तो दानवीर, 

कृतज्ञता का प्रतिबिंब।

 यहां काव्य में 

विदुर नीति का महत्व।

 फिर भी विदुर बहिष्कृत।।

पिता एक,पर माँ अलग।

 यही विचार प्रदूषण।।

 अतः जन्म से दूषित कबीर

 सुधारवादी का कहना है--

जाति न पूछो साधु की ,पूछ लीजिए ज्ञान।।

मोर करो तलवार का,

पड़ा रहने दो म्यान।।

 निंदक को 

दूर रखना है या पास।

 निंदक हमारे शुभ चिंतक।

"निंदक नियारे राखिए,आंगन कुटीर समाय।

 वे तो सतर्क की घंटी बजाएँगे।

हमें प्रदूषण से बचाना है,

खासकर विचार प्रदूषण से।

स्वरचित स्वचिंतक एस अनंतकृष्णन चेन्नै तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।

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