नमस्ते वणक्कम।
नव साहित्य परिवार भारत।
23-9-2021
वृक्ष लगाओ पुण्य कमाओ।
अपना जीवन सफल बनाओ।
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वृक्ष क्यों लगाना है?
सोचा मैं ने बहुत।
तभी केलेवाला आया ,
आमवाला चीख रहा था,
मीठा आम मीठा आम।।
घर गया तो माँ ने
संतरे का रस पिलाया।।
कल के लिए नारंगी तैयार।
तभी दादा जी अमरूद लाये।
सभी स्वास्थ्य के लिए फल ।
तभी बाहर गया कड़ी धूप।
थोड़ी दूर पर है वटवृक्ष।
शीतल छाया जिसके नीचे पंचायत ।
मंदिर गया तो नीम के पत्ते ,
शीतला देवी को शीतल करने।।
ठंडी हवा, साफ हवा के लिए पेड़।
वर्षा के लिए पेड़।
पहाड़ के पेड़, रेत फिसलने में मदद।
अति सुख, अति आनंद ,ठंडी ठंडी रातें
मीठी नींद के लिए स्वच्छ हवा।।
प्रदूषण से बचने पेड़।
कागज बनाने पेड़।
दरवाजा, खिड़की के लिए पेड़।
मेज-कुर्सी -अलमारी
बनाने बनवाने पेड़।
नाव बनाने पेड़।
रंगबिरंगे पक्षी घोंसले
बनाकर
वास करने पेड़।
पक्षियों के चहचहाहट में,
चोंच से प्यार करते डाल पर
कितना आनंद कितना संतोष।
सर्व जन सुख के लिए,
पेड़ लगाओ और पुण्य कमाओ।
स्वरचित स्वचिंतक एस अनंतकृष्णन, चेन्नै तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक
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