नमस्ते वणक्कम। हिंद देश परिवार अमेरिका। 3-9-2021.
सुखी संसार।
विधा --मौलिक रचना मौलिक विधा है।
संसार सुखी है या नहीं?
सोचिए सुखी है संसार।
आवागमन की सुविधाएँ
इलाज की सुविधाएँ
रसोई के लिए चूल्हा,
मिक्सि ग्रैंडार वाशिंग मशीन, बर्तन सफाई मशीन लिफ्ट ,
वातानुकूलित कमरे गाडियाँ,
बड़ी बड़ी इमारतें कारखाने,
पक्की सड़कें, नहर नाले पुल बाँध चंद।उद्यान संसार सुखी।
जीनेवाले लोग सुखी है क्या?
ईश्वर की सृष्टियों में ज्ञानी,अज्ञानी,
बुद्धिमान, बुद्धू ,वीर कायर
स्वस्थ अस्वस्थ रईस, रंक,
अभिनय के लिए नायक, खलनायक,विदूषक।
संतान, निस्संतान,
सुखी संसार,
भोगी भाग्यवान, दुर्भाग्यवान,
पागल बहरा गूंगा अंधा विकलांग,
अल्पायु दीर्घायु।
कैसे कहूँ जनता सुखी।
अपना अपना भाग्य।
स्वरचित स्वचिंतक एस-अनंतकृष्णन चेन्नै तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।
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