भगवान से सृष्टित भगवान
गीत
आँखों के सम , सत्य और समत्व .
इसी आधार पर पहुँचे
यश के उत्तुंग शिखर पर.
सत्य और हिंसा के मार्ग अपनाके.
उस राष्ट्र पिता को ,विश्ववन्द्य नेता को
करते है श्रद्धांजली .!!
राष्ट्र पिता की जय हो .जय हो .
गीत
वीणावादिनी वर दें !
तन्दनत्तोम तन्दनत्तोम कहते -कहते
सप्तम स्वर में ,ताल सहित
डमरू तन्दुभी वाद्य ध्वनियाँ सहित
धनुष गीत गाने वर दें !
वीणा वादिदिनी वर दें .
श्रोताओं ! आइये! सुनिए!
बैठिये!बैठिये!
सुनिए! सुनिए !
हम तो सुनानेवाले हैं
""भगवान से सृष्टित भगवान की कथा '"
वह भी त्रिकला मिश्रित (गद्य ,पद्य,नाटक )कलाओं में ,
वरिष्ठ कला ,धनुष संगीत नाटक में .
"धनुष संगीत नाटक में ''
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