नमस्ते वणक्कम।
कलमकार साहित्य शोध संस्थान भारत।
भ्रूण स्त्री रोके हम सब।
विधा : मौलिक रचना मौलिक विधा।
भारत में ज्योतिष निस्संतान लोगों से कि आपको सर्प दोष है।
अतः संतान नहीं है। वास्तव में संतान न होने के कारण
भ्रूण हत्या है। ईश्वर ने संतान भाग्य दिया है।
भाग्यवान चक्रवर्ती होने से नहीं संतान पाना है।
संतान भाग्य न तो परंपरा खत्म।।
मुगल और ईसाई गर्भनिरोधक गोलियां या उपकरण या भ्रूण हत्या नहीं करते। आजादी के बाद उनकी संख्या बढ़ती रहतीं हैं।
नाग सर्प मारने से ही बच्चे नहीं होते तो भ्रूण हत्या बहुत बड़ा पाप है। कुल वृद्धि न हो तो लाभ क्या?
ज्योतिषों को यही वास्तविक बात कहनी चाहिए।
सरकार परिवार नियोजन के प्रचार कर रही है।
भ्रूण हत्या कुंंती देवी ने न की।।
आजकल कृत्रिम गर्भ ,भाड़े की माँ,शुक्ल दान
आदि केंद्र बढ़ रहे हैं।चीन में भी अब बच्चे पैदा करने को
प्रोत्साहन हो रहा है।
भ्रूण हत्या करना कुल वृद्धि रोकना बराबर है।
अतः भ्रूण हत्या से बचिए। शिशु हत्या बडी वेदना देगी।
स्वरचित स्वचिंतक एस.अनंतकृष्णन,
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