Saturday, July 3, 2021

इन्सानियत

 साहित्य बोध हरियाणा इकाई।

नमस्ते वणक्कम।

इन्सानियत का धर्म।

विधा  मौलिक रचना मौलिक विधा। निज रचना निज शैली।।

4-7-2021.

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 इन्सान और जानवर दोनों में

 कोई भेद नहीं , इन्सानियत ही भेद।।

 इन्सान का धर्म इन्सानियत।।

मनुष्यता न तो मानव सम्मान नहीं।।

मनुष्यता न तो मानव मूर्ख पशु।

 जितेंद्र बनना ही इन्सानियत।।

सार्वजनिक स्थानों में आलिंगन,चुंबन,अर्द्धनग्नता

 इन्सानियत नहीं पशुत्व।

 कामेच्छा नियंत्रण न तो

कुतिया के पीछे चलनेवाले

 कुत्ते और मानव में क्या फर्क पड़ता।।

 मानवता का प्रथम  लक्षण आत्म-संयम।

परोपकार, दान धर्म, दयालुता, सहानुभूति

भलमान साहस ,देश भक्ति,देव भक्ति,

विनम्रता, अच्छी चाल-चलन,

चरित्र गठन,सत्याचरण, मानवता/इन्सानियत के धर्म लक्षण।।

सबहिं नचावत राम गोसाईं।।

स्वरचित स्वचिंतक एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।

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