नमस्ते वणक्कम।
कलम बोलती हैं,
आँसू शिशु की भूख के।
भिखारी के आँसू ,
दया करुणा पाने
शोक भरा।।
विरह मिलन में
आनंदाश्रु।।
महादेवी वर्मा का संस्मरण,
चीनी भाई।
नाबालिग चोर प्रशिक्षण में
आम जनता पकड़ने पर
कैसे आँसू बहाना।।
पुलिस के पकड़ने पर।
मारने पर अपने
बचाने के आँसू।।
अध्यापक के मार से बचने
आँसू,
पाठशाला प्रगति पत्र हाथ में
तब पिता से
हस्ताक्षर लेने आँसू।
विशेष आँसू ठगने
मगरमच्छ आँसू।।
आँसू बिदाई समारोह में।
मृत्यु के अलविदा आँसू।।
आँसू के प्रकार अनेक।।
बुखार में आँसू।
आँसू न तो
न दुख का बहाव।
न माँग की पूरी।।
स्वरचित स्वचिंतक एस अनंतकृष्णन चेन्नै तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।।
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