तिरुक्कुरल में मनुष्य गुण।
अनुशासन और शील ही जीवन साथी है।=
ஒழுக்கமும் குணமுமே வாழ்வின் நண்பர்கள் .
मनुष्य की चाह दूर होगी तो उसके कार्य में सफलता मिलेगी।
மனிதனின் ஆசை விலகினால் அவன் பணிகளில் வெற்றி கிடைக்கும் .
आलसी मनुष्य के घर में ज्येष्ठा देवी वास करेगी।
=சோம்பேறிகளின் வீட்டில் மூதேவி வாசம் செய்வாள் .
शील और अच्छी चाल-चलन ही उत्थान का मार्ग है।
ஒழுக்கமும் நன்னடத்தையும் முன்னேற்றத்திற்கு வழி .
शील और मान जान से श्रेष्ठ है।
=ஒழுக்கமும் மானமும் தான் உயிரைவிட மேன்மை யானது .
धर्म और वीर का साथी प्रेम है।- அறத்திற்கும் வீரத்திற்கும் தோழன் அன்பு .
अपनी विधि को भी सतत प्रयास बदल सकता है। ईश्वर साथ न देने पर भी प्रयत्न साथ देगा।
தன் விதியையும் இடைவிடா முயற்சியால் மாற்றமுடியும் .
கடவுள் உதவி செய்யாவிட்டாலும் முயற்சி உதவ…
Dear Ananthakrishnan Sir, Thank you very much. Excellent translation. Very good👏👏👏
संचालक सदस्य संयोजक चाहक रसिक पाठक को तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी प्रचारक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।
शीर्षक नारी।
नारी के बारे में सुमित्रा नंदन पन्त ने लिखा
यदि स्वर्ग है तो नारी के उर के ही भीतर,
नरक है तो नारी के ही उर के भीतर।
कुंती ममतामयी, पांडवों के लिए।
कर्ण के लिए निर्ममता की चरम सीमा।
नारी के बारे में ,
माता का ह्रदय दया का आगरा है।
जलाई तो दया का सुगंध लगाओ।
पीसो तो दया का रस निकलेगा।
प्रेम चंद।
विषकन्या का भी जिक्र है।
विवेक चिंतामणि नामक
तमिल ग्रंथ में
साँप पर भरोसा रखो,
साड़ी पहनने वाली स्त्री पर
भरोसा मत रखो।
शक्ति स्वरूपा नारी,
वारांगना भी है,
वीरांगनाएँ भी।
माया महा ठगिनी कबीर।
शिव विष्णु, ब्रह्मा तक फँस गये।
स्वर्ग तुल्य नारी,
नरक तुल्य नारी।
मिलना अपना अपना भाग्य।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम स्वीकार करें।
காந்தீஜி கால நிர்வாகம்.
महात्मा गांधी विश्व की महानतम हस्तियों में से एक हैं । उनकी आत्मकथा ” सत्य के प्रयोग ” विश्व की सबसे अधिक
पढ़े जाने वाली आत्मकथाओं में है। गांधी जी का प्रेरणादायी जीवन हमें बहुत कुछ सीखता है और उन्ही में से एक महत्त्वपूर्ण बात जो हम सीख सकते हैं वो है समय प्रबंधन या टाइम मैनेजमेंट।
गांधी जी समय के बहुत पाबन्द थे। वे हमेशा अपने पास एक डॉलर वाच रखते थे। अपने जीवनी में उन्होंने समय सारिणी के अनुसार काम करने की बाते बताई है। समय ही जीवन है । यहाँ बतायी गयीं बातें हम सभी के लिए प्रेरणादायी है। हम समय का सदुपयोग उनके प्रेरणादायी जीवन से सीख सकते है।
गांधीजी का ‘TIME MANAGEMENT’
1] गांधीजी ने कभी किसी से नहीं कहा कि ‘मैं बहुत व्यस्त हूँ और अमुक काम के लिए समय नहीं निकाल सकता।
மோகன்தாஸ் கரம்சந்த் காந்திஜி நான் மிகவும் வேலைப்பளுவில் மூழ்கி…
இறைவணக்கம்.
இறையன்
பர்களுக்கு வணக்கம்.
இன்று காலையில்
இரண்டு ஓநாய்கள் ஒரு முயலைத்துரத்துகின்றன.
முயலும் தனக்குள்ள ஓடும் ஆற்றலால்
வெட்ட வெளியில் அவர்களிடம் இருந்து
தப்பிக்க வளைந்து வளைந்து ஓடுகிறது.
இறைவன் படைப்பில்
ஓநாய் வலிமை மிக்க மிருகம்.
முயல்சிறிய மிருகம்.
அதற்கு ஆண்டவன் வேகமாக ஓடும் ஆற்றலை அளித்து, ஓநாய்களுக்கு
அதை உணவாக படைத்துள்ளார்.
ஓநாய் இப்படி அழகிய முயலை கடித்து சாப்பிடுவது பாவம் என்று நினைக்க முடியாது. ஆனால் மனிதன் இரக்கசிந்தனை படைத்தவன்.
அவனுக்கு ஓநாய் செயல் கொடூரம் என்ற எண்ணத்தை அளிக்கிறது.
பாவம்,புண்ணியம் ,சுருக்கம்,நகரம் என்றெல்லாம் நினைக்கிறான்.
இருப்பினும் அவனுக்கு துஷ்ட சம்ஹாரம் தேவைப்படுகிறது.
அவன் வாழ காடுகள் அழிக்கப்படுகின்றன.
கொடிய விலங்குகள் அழிக்கப் படுகின்றன.
கொசுக்கள்,கரப்பான்,எறும்பு, ஈக்கள்
என்று அனை…
भगवान हर चीज़ की सृष्टि करता है तो सब के सब अच्छे हैं।
सब से प्यार करना है।
दूसरों पर आरोप लगाना पाप है।
सही है।
संसार दुरंगी है,
नायक है,तो खलनायक है।
कोई भी कहानी कहो,
अच्छे ,बुरे पात्र है।
चतुर आदमी,
चालाक आदमी।
सज्जन, दुर्जन।
सत्यवान, असत्यवान।
दानी, कंजूसी,
धर्म,अधर्म।
जानवर,वनस्पति सब में
ये गुण होते हैं।
बुरे को बुरा,अच्छे को अच्छा कहने की योग्यता किसमें हैं?
होली मनाते हैं,
होलिका जल गयी।
प्रह्लाद बच गया।
हिरण्यकशिपु कितना बडा
अहंकारी,निर्दयी,
गुरु राजा का आज्ञाकारी।
इस आनंदोत्सव में
नृसिंह अवतार की बात भी
बताने पडती है।
न्यायप्रिय,सत्यप्रिय कोई भी
धनी नहीं, लौकिक खुशबू से दूर नहीं ।
रैदास जैसा भक्त,
महावीर,बुद्ध जैसे गृह त्यागी,
करतल भिक्षा,तरुतलावासा जैसे
जीनेवाले, गरीबी में पडे लेखक,कवि,अनुवादक
महाकवि ,संत,ऋष…
संचालक सदस्य संयोजक चाहक रसिक पाठक को तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी प्रचारक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।
शीर्षक वाणी।
हिंदी साहित्य में,
कबीर को ही मिली
उपाधि वाणी का डिक्टेटर।
वाणी मधुर वाणी,
अमर वाणी,
कठोर वाणी,
प्यार भरी वाणी,
नफरत भरी।
एकता बनानी वाली,
जागने,जगाने,जगाने वाली वाणी।
तिलक की वाणी
स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है।
करो या मरो।
जैन वाणी जाओ और जीने दो।
बुद्ववाणी अहिंसा प्रभो धर्मः।
सनातन वेद वाणी
सर्वेजना सुखीनो भवंतु।
वसुदैव कुटुंबकम।
जय जगत।
वाणी का महत्त्व अधिक।
अधजल गहरीछलकतजाय।
वर्षाऋतु में कोयल मौन।
अनुकूल वाणी लाल बहादुर की
जय जवान ,जय किसान।
जय हिंद।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम ।
संचालक सदस्य संयोजक चाहक रसिक पाठक को तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी प्रचारक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।
चेहरा
मनोविकार का दर्पण चेहरा।
खुश,उदास, क्रोध, प्रेम,नफरत,
छिपाना अति मुश्किल।
मन की बात चेहरे की आँखों से।
जीभ तहकर काटना,
दाँत काटना,
ओंठ दबाना,
भौंहों सिकुड़ने,
भौंहों चढाना,
आँखें लाल होना,
नाक सिकुड़ना,
दाँतों तले उंगली दबाना,
आँखें मारना,
खूबसूरत, बदसूरत ।
चेहरे की खूबसूरती
कितने पुरुष पागल।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम स्वीकार
सब को प्रणाम।
ईश्वरीय शक्ति ,
उनकी सूक्ष्म लीला,
ऊष्मा शक्ति अति विनोद।
एक अनेक सर्वजगत विदित।
सर्वम् शक्ति सर्वेश्वर शक्ति।
ऐक्य में भिन्नता,भिन्नता में ऐक्य।
हिंसा में अहिंसा, अहिंसा में हिंसा,
न्याय में अन्याय,अन्याय में न्याय,
ॐकार ध्वनि ,सकल मानसिक, शारीरिक दुखों की औषधि जान।।
ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ卐☪︎✝︎ईश्वरीय शक्ति पहचान।
मजहबी भेद स्वार्थियों की माया जान।
आज मन में उदित विचार। ।
संचालक सदस्य संयोजक चाहक रसिक पाठक को तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी प्रचारक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।
विषय दूर दृष्टि।
दूर दृष्टि थी शासकों ने
झील तालाब बनवाये।
कृषि प्रधान देश में
समृद्धियों की कमी नहीं।
बडे बडे राजमहल,
बडे बडे मंदिर,
मंदिर के तहखाने में
अतुल संपत्तियाँ,बहुमूल्य
हीरे पन्नों का आभूषण,
अदूरदृष्टि आजादी के बाद,
प्रकृति नाश,मातृभाषा नाश,
बडे बडे कारखाने,
विदेशी पूँजी,
मेहनत हमारा,लाभ उनका।
अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल,
अध्यापक बेगार।
यही हालत भारत का।
ढाई लाख प्रशिक्षित अध्यापक।
अध्यापक योग्यता परीक्षा,
केवल तीन सौ उत्तीर्ण।
नीट परीक्षा के विरोध में दंगा।
सत्तर साल के बाद भी,
दंगा हो तो कई करोड सार्वजनिक संपत्तियाँ जलाना,
भटकानेवाले नेता,
अति संपन्न,बेचारा सेवक जेल में,
भगवान के नाम पर द्वेष भाव,
कोराना रोग न देखता,
हिंद…
ॐ हरीॐ।
मनुष्य पाप पुण्य का सही दंड राजदंड नहीं,
ईश्वरीय दंड।
सरकारी दंड से क्षमा याचना,
अपील पर अपील,
अधिकार का दुष्प्रयोग।
पाप रहित मनुष्य जीवन है क्या?
सोच रहे हैं स्वर्ग -नरक मृत्यु के बाद।
धन जोडते हैं,लौकिक सुख भोग
यही जिंदगी । यह एक वर्ग।
अलौकिक जीवन में ब्रह्मानंद । यह एक वर्ग।
इन सबके बीच व्यक्तिगत सुख -दुख,
योग्य माता -पिता,अयोग्य माता पिता,
धनी माता -पिता,निर्धनी माता- पिता।
जन्म से ज्ञानी, जन्म से अज्ञानी।
अब वनस्पति जगत में
जंगल,घना डरावना जंगल,
उद्यान मानव निर्मित।
ईश्वर निर्मित जंगल में
खूँख्वार जानवर,सियार,भेड़िया,सिंक,बाघ,चिंता,
अजगर कितना भयंकर ।
मनुष्य निर्मित शहर ,गाँव ,उद्यान कितना शांतिप्रद।
जन्म से अंधा,दिव्यांग,नपुंसक कैसे?
अमीर घर में जन्मा बुद्धु,
गरीब घर में जन्मा बुद्धिमान,
अमीरों में संतानहीनता,
क…
प्रणाम।
भगवान की लीला देखिए,
न जाने भक्तों को मंदिर में
दर्शन करने न दिया।
कोराना का भय ही सही,
भगवान पर का विश्वास,
सब कर्ता धर्ता वहीं,
उड गया,
भगवान की लीला।
अति विचित्र,
करोड पति भी काँपता,
रंक रईस सब को
एक समान डर।
विद्वान - मूर्ख दोनों को
एक समान डर।
डाक्टर - रोगी को
एक समान डर।
एक कहानी की याद,
नाव में सवार विद्वान नाविक से
कह रहा था ,मैं सर्वज्ञ।
तभी एक ज्वार भाटा,
नाविक ने पूछा,
नाव तो डूबनेवाला,
क्या आप तैरना जानते हैं?
नाविक कूदकर तैरने लगा,
पंडित की दशा तो दुर्दशा।
यही हालत आज।
मन चंगा तो कटौती में गंगा।
जिंदा रहने न धन चाहिए,न ज्ञान।
सर्वेश्वर प्रकृति कुपित हैं तो
कृत्रिम जीवन प्रदूषण।
भगवान भी दर्शन करने न देगा।
दान दक्षिणा यज्ञ,
हवन होम से न प्रयोजन।
साफ रहने ,संयम रहने
पवित्र भक्ति काफ़ी।
लोभी,लालची,ईर्ष्याल…
संचालक सदस्य संयोजक चाहक रसिक पाठक को तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी प्रचारक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।
शीर्षक आभार।
22-3-2020।
ऋण चुकाकर उऋण होना,
अति असंभव!
जन्म भूमि का सुख।
जनक जननी की सेवा।
सर्वेश्वर का अनुग्रह।
समुदाय के हितचिंतक।
स्वस्थ विचार,स्वस्थ जीवन,
सुविधाजनक सड़कें,
यातायात के साधन,
आकाश वाणी, दूरदर्शन।
दूरभाष,हस्तलेख,हस्त दूरभाष।
शल्यचिकित्साएँ,रोग निदान यंत्र।
ऋषि मुनियों के संयम,विनम्रता,
अनुशासन और सुमार्ग दर्शन।
समरस सद्भावना।
अहिंसा, प्रेम,दान - धर्म,
परोपकार,मनुष्यता, सत्य मार्ग।
कवि,ऋषी,मुनि, शासकों की
शास्त्रीय सेवा,वनस्पति,
सबके प्रति आभार।
भार रहित उठाने ,
गड्ढे खोदने,जीतने के यंत्र।
कितने आविष्कारक,
चिकित्सक, शिक्षक,राजनीतिज्ञ
सब के प्रति आभार।
खासकर कोराना पीडित
रोगियों के चिकित्सक, नर्स, सब के प्रति
आभार।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम ।
जनता कर्फ्यू।
संयोजक चाहक रसिक पाठक को तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी प्रचारक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।
आत्म संयम,आत्मनियंत्रण,
आत्मानुशासन, आत्मगौरव,
आतमार्थ मित्रता,आत्माराम सेवा,
आत्मशुद्धि, आध्यात्मिक चिंतन,अलौकिक भाव,
अनंतेश्वर का ध्यान,
सोचो विचारो,यही जनता कर्फ्यू।
यही आत्मनिषेधाज्ञा!!!!!
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम स्वीकार।
வணக்கம்.
தமிழும் நானே ஹிந்தியும் நானே.
तमिल भी मैं, हिंदी भी मैं।
எண்ண முடியாத
விண்மீன்கள்
மின்னுகின்றன.
பரிதிசூடானது.
நிலவு குளிர்ச்சி யாரது.
ஆனால் சூடில்லாமல்
குளுமைக்கு மதிப்பில்லை.
உழைப்பின்றி பணம் இல்லை.
பணம் இன்றி வாழ்க்கை இல்லை.
तारे चमकते हैं,
अनगिनत तारे
सूर्य तो गरम
चाँद शीतल
लेकिन
बगैर गरम के शीतल का मूल्य नहीं.
बगैर शीतल का गरम में फरक नहीं.
இன்பமும் துன்பமும் ஒன்றுடன் ஒன்றாக சார்ந்து வாழ்வன.
வலியின்றி பிறப்பில்லை.
வலியின்றி மரணமில்லை.
இன்பம் துன்பம் என்ற கண்ணாமூச்சி ஆட்டமே வாழ்க்கை ஆகி விட்டது.
बगैर गरम के पानी नहीं, वर्षा नहीं.
बगैर परिश्रम के पैसे नहीं.
बगैर पैसे के जीवन नहीं.
दुख और सुख अन्योन्याश्रित.
दर्द के बगैर जन्म नहीं.
दर्द के बगैर मृत्यु नहीं.
जीवन हो गया निःसंदेह.
सुख-दुख की आँख मिचौनी.
👏👏
ஹிந்தியும் நானே,
தமிழும் நானே.
हिंदी भी मैं तमिल भी मैं।
நமஸ்தே.வணக்கம் नमस्ते। वणक्कम।
शीर्षक -தலைப்பு
घर अपना नहीं,ये मुसाफिर खाना।
வீடு நமது இல்லை.
பயணிகள் விடுதி।
இந்த திடமான உண்மை
எல்லோருக்கும் தெரியும்.
அகில உலகமும் அழியக் கூடியது.
குழந்தைப் பருவம்,பாலப்பருவம், வாலிப பருவம், வயதுவந்தோர்பருவம்,முதுமை,நோய், விபத்துக்கள்,மரணம் இவைகள் எல்லோரும் அறிவார்கள்.
தெரிந்தே பாவம் செய்கிறார்கள்.
பணம் சேர்க்கிறார்கள்
கோடித்துணி போர்த்த
மரணம் அடைகிறார்கள்
உண்மையிலேயே இந்த உலகம் ஒரு பயணிகள் விடுதி.
பயணம் எளிது
மீண்டும் மரணம்,
மீண்டும் பிறப்பு.
பாண்டித்யம் பயன் படாது.
பதவி,பணம் பயன்படாது.
திடமான உண்மை.
மீண்டும் பிறவி மீண்டும் மரணம்.
यह अटल सत्य सबको विदित है,
अनश्वर है अगजग।
शैशव,बचपन,लड़कपन, जवानी, प्रौढ़ावस्था, बुढ़ापा,रोग ,दुर्घटना ,मृत्यु
ये भी सब जा…
[21/10, 6:14 pm] sanantha 50: नमस्ते। वणक्कम।
இன்று குடும்பக் குழு என்ற
ஹிந்தி முகநூல் குழு
கொடுத்த தலைப்பு
தீபக்/தீப்.
தீபிகா நான் இணைத்து எழுதிய ஹிந்தித் கவிதையின் தமிழாக்கம்.
+++++++---
வணக்கம்.
தீப் என்றால் விளக்கு,
தீபக் என்றால் விளக்கு.
தீபக் ஆண்பால்.
தீபிகா பெண்பால்.
ஒளி விளக்கு கப்பலுக்கு
கரை காட்ட,
குல தீப் பரம்பரை ஒளி விளக்கு,
குல தீபிகா அறியாத பரம்பரையில்
குல விளக்கு ஏற்றவம்சவிருத்திக்காக.
குல தீபம் அனைவரும் புகழ்வர்.
குல தீபிகா புகழப்படுவதில்லை.
அவள் தன் தாயார்-தந்தைசகோதரன் சகோதரி தன் கோத்திரம் பழக்கவழக்கங்கள்
ஆகியவற்றை
விட்டு விட்டு
குல தெய்வத்தையும் மாற்றி
புதிய குல தெய்வத்தின்
ஆராதனை கற்று கற்பித்து
புதிய பரம்பரையின்
குல தீபிகாவாக ஒளி தருகிறாள்.
குல தீபிகா பெண் இனத்திற்கு வணக்கம்
दीप दीपक दीपिका।
आकाश दीप जहाज या नाव के लिए।
कुल दीप प…
நான் எனது கிருஸ்தவ முஸ்லிம் நண்பர்கள் ஒரு டஜன் பழம் வாங்கி சாப் பிட்டோம்.
அனைவருக்கும் ஒரே சுவை தான்.
ஒரு ஆரஞ்சுப் பழம் உரித்தேன்.
புளிப்பாக இருந்தது.
பதினோரு சுளைகள்.
ஆஸ்தீகனுக்கும் புளிப்பு
நாஸ்தீகனுக்கும் புளிப்பு
கிறிஸ்துவுக்கும்புளிப்ப
இஸ்லாமிய னுக்கும் புளிப்பு.
ராம் ராம் என்று அந்த சுளையை வாயில் போட்டாலும் புளிப்பு.
அல்லா அல்லா என்று வாயில் போட்டாலும் புளிப்பு
ஏசு ஏசு என்று வாயில் போட்டாலும் புளிப்பு.
இனிப்பான சுளைகள் அனைவருக்கும் இனிப்பு. சுய நல மனிதன் அனைத்தையும் மனத்தால் கசப்பாக்கி
மனிதர்களுக்குள் வெறுப்பு வெறி ஏற்படுத்தி நிம்மதி இன்றி வாழ்கிறான்.
இன்று இறைவன் அளித்த சிந்தனை.
அனந்த கிருஷ்ணன்,சென்னை.
தமிழும் நானே ஹிந்தி யும் நானே.
तमिल भी मैं हिंदी भी मैं।।
இன்று கவி குடும்ப வாட்ஸ் அப்
குழுவின்
தலைப்பு : மனதில் இராவணன் வாய் சொல்வதோ ராமா ராமா.
அதற்கு நான் எழுதியதன் தமிழாக்கம்.
நமஸ்தே ! வணக்கம்!
தலைப்பு --மனதில் ராவணன்;வாயில் ராமநாமம்.
தலைப்பைப் படித்ததும் சொல்லின் சர்வாதிகாரி கபீரின் நினைவு வந்தது.
ஜப மாலை உருட்டி உருட்டி பல யுகங்கள்
கழிந்து விட்டன.
மனம் மட்டும் மாறவில்லை.
கையில் இருக்கும் மாலையைப் போட்டு விட்டு மனம் என்ற மாலையை
மாற்றாமல் ஒருநிலைப்படுத்து.
மாலை கையில் சுழல்கிறது
வாய் ராமநாமம் சொல்கிறது
ஆனால் மனம் பத்து திசைகளில் சுழல்கிறது.
இது ஜபம் கிடையாது.
இன்றைய அரசியல் வாதிகள்
சுயநல சிந்தனையாளர்கள்.
வெளியே மக்கள் தொண்டு என்று
படைத்த அலங்கரிக்கப் பட்ட வார்த்தைகள்.
தேர்தல் பண்டிகையில் வெளியே வரும்.
சட்ட, பாராளுமன்ற உறுப்பினர் ஆனதும்
பார்ப்பது கட…
தமிழும் நானே! ஹிந்தி யும் நானே.!
तमिल भी मैं, हिंदी भी मैं।
शब्दाक्षर कार्यशाला २७ சொல் எழுத்துப் பட்டறை.27.
दिनांक २५-१०-२०२०தேதி 25-10-2020
शीर्षक :தலைப்பு
हम क्या थे? क्या हो गये?
நாம் எப்படி இருந்தோம்.
நாம் எப்படி ஆகிவிட்டோம்.
शैली :-अपनी भाषा अपने विचार अपनी शैली।
படை:-என் மொழி என் எண்ணம் என் நடை.
++++++++++++++
हम विद्यापति की मैथिली, நாம் வித்யாபதியின் மைதிலி
तुलसी की अवधि , துளசியின் அவதி
सूर की व्रज சூர்யாவின் வின்ஸ்
कबीर की खिचड़ी से கபீரின் கிச்சடி செவிகளில் இருந்து
भारतेंदु की खड़ी बोली பாரதேந்துவின்
हिन्दी तक आ गये।। கடிபோலி ஹிந்தி வரை வந்து விட்டோம்.
आवागमन पैदल से जेट हेलीकॉप्टर तक,
போக்குவரத்து நடந்து செல்வதில் இருந்து ஹெலிகாப்டர் வரை.
घड़ी, आकाश वाणी, टेपरिकॉर्डर, கடிகாரம் ஆகாஷ் வாணி டேப்ரிகார்டர் கணினி விட்டு விட்டு கைபேசி ஒன்றிலேய…
வணக்கம்.
தமிழும் நானே! ஹிந்தி மும் நானே!
तमिल भी मैं, हिंदी भी मैं।
இன்றைய family group,Hindi.
கொடுத்த தலைப்பு ஆங்கேன்.
கண்கள்.
நான் எழுதிய ஹிந்தி கவிதையின் தமிழாக்கம்.
ஐம்புலன்களின் கண்களே முதன்மை.
கடவுளை காதலிக்க கண்களை மூட வேண்டும்.
கண்கள் என்ற அறையில் கண்பாப்பாவை கட்டிலாக்கி,
அதில் ஆண்டவனை படுக்கவைத்து
இமை என்ற கதவால் இருக்க மூடி,
இறைவனை காதலிக்க வேண்டும்.(கபீர்)
இறைவனை புறத்தே விடக்கூடாது.
ஆனால் கண்களைத் திறந்து
அவனை தர்சிக்க வேண்டும்.
கடவுள் என் கடவுள் ,
அங்கிங்கெனாதபடி
எங்குமிருக்கிறான்.
கடவுளைக்காணச் சென்றால்
நானும் கடவுளாகிவிட்டேன்.
இது லௌகீக் காதலா
அலௌகீகக் காதலா
தெரியவில்லை.
இறைவனைக் காண
கண்கள் மூடி பிரார்த்தனை.
இறைவனை தரிசிக்க
கண்கள் திறக்க வேண்டும்.
பரமபதம் அடைய
நிரந்தரமாக
கண்கள திறந்திருந்தாலும்
மூடி விடுவார்கள்.
கொஞ்சும் பாடலில்
நில…
वणक्कम। नमस्ते।
குடும்பக் குழு ஹிந்தி
இன்றைய தலைப்பு
நாட்டைப் பற்றி யார் கவலைப்படுவார்கள்?
வாக்காளர் கள் கிடையாது?
40%வாக்களிப்பதில்லை.
அரசியல் தலைவர்கள்?
அவர்கள் தங்கள் கட்சிவளர்க்க
மாநிலக் கட்சிகள் வளர்ப்பவர்கள்
ஆஸ்ரமத்தில் ஆசாரியர்கள்
மனித மனங்களை பிரிப்பவர்கள்.
அதிகாரிகள் ஆட்சியாளர்களுக்கும்
பதவிக்கும் பணத்திற்கும் அடிமைகள்.
இந்த ஊழல்வாதிகளுக்கு கைதட்டுவதை விட்டு விட்டு சுயசிந்தனை பாளர்கள்,
சுயநல மற்றவர்களானால் ,
நாட்டின் எதிர்கால தலைமுறையினர்களை
பாதுகாக்க உடல் மனம் பொருள்
ஈடுபடுத்துபவர்கள்,
தாய், தந்தை, தலைவர்கள்,ஆன்மீக ஆசாரியர்கள் ஆகியோரின்
கெட்டநடத்தைகளின்
ரகசியத்தை எதிர்ப்பவர்கள்,
அவர்கள் தான்
நாட்டைப் பற்றிய கவலைப்படுவர்கள்.
சுய சிந்தனையாளர்கள்
அனந்த கிருஷ்ணன், சென்னை.
२७-१०-२०२०
देश की चिंता कौन करें?
मतदाता ?कभी नहीं।
40%मतदान नहीं करते।
राजन…
नमस्ते। वणक्कम।
शीर्षक _-सांझ सबेरे।२७-१०-२०२०.
सांझ सब पारसी अपने नीड़ लौटते।
सबेरे खेत जाकर किसान वापस लौटते।
गोधूली बेला गायें चरकर वापस लौटती।
सूर्योदय सूर्यास्त का सुबह शाम ।।
त्रिकाल संध्या वंदन ब्राह्मण करते।
सबेरे कमल खिलते,
सबेरे पक्षी चहचहाते हैं,
पत्थरों पर शबनम की बूंदें।।
सूर्योदय ओसकणों को नदारद करते।
सबेरे व्यस्त पशु पक्षी मनुष्य
आराम करने घर लौटते।।
ईश्वरीय कालचक्र खेल में
यह भी एक लीला अति रोचक।।
परिश्रम करनेवाले आराम लेने
ईश्वरीय नियम।।
தமிழும் நான்.ஹிந்தியும் நான்.
இயற்றியது மொழி பெயர்த்து
ஹிந்தி யும் நானே! தமிழும் நானே!
கவி குடும்பம். कवि कुटुंब।
இன்றைய தலைப்பு:-
வாழ்க்கை ஒரு நெடும் பயணம்.
6-11-2020
வாழ்க்கை நெடும் பயணமா?
குறும் பயணமா?
தலை எழுத்தைச் சார்ந்தது.
அம்மா கரு தரித்ததில் இருந்து
பத்து மாதங்கள்
இருண்ட குகையில் இரு புள்ளிகளின்
சேர்க்கை அதுவும் இயற்கைக்
கண்களால் காண இயலாது.
நுண்ணோக்கி மால் தான் காணமுடியும்.
ஆராய்ச்சி செய்பவர்கள்.
விலங்கியல் நிபுணர்கள்
லட்சக்கணக்கில் ஆண் விந்தணுக்கள்
மோதலில் ஒரு விந்தணு தானம் கருமுட்டையில் நுழைவதில்
வெற்றி காண முடியும்.
இயற்கை யான செயல் சேர்க்கை
(இச்சைச் செயல்)
அப்பொழுதிருந்தே போராட்டம்.
300 நாட்கள் சகிக்க முடியாத வலி வேதனை.
மனிதப் பிறப்பு இயற்கை
இச்சைச் செயல்.
தாயின் வலி வர்ணிக்க இயலாது.
இருந்தாலும் பிரசவ வைராக்கியம்
தனிக் கதை.
வெளியில் வந்ததும…
आज की कविगोष्ठी में श्री सत्यदीप, श्रीमती ज्योति मेहता, डॉ ऋषि-मुनि द्विवेदी, श्री प्रमोद, श्री अनिल कुमार मोदी, श्री जवाहर लाल मधुकर, श्री अनंत कृष्णन और प्रदीप साबू ने उपस्थित रह कर कविता पाठ किया। सभी काव्य प्रेमियों का ह्रदय से आभार।
எச்சரிக்கை !எச்சரிக்கை !எச்சரிக்கை !
सावधान !सावधान !सावधान !
तमिल भी हिंदी भी मैंने ही लिखा है।
தமிழும் ஹிந்தியும் நானே எழுதியது .
அனந்தகிருஷ்ணன் ,ஹிந்தி ஆசிரியர் ,சென்னை .
நாம் எப்படி இருந்தோம் ?எப்படி ஆகிவிட்டோம் !
கற்காலத்தில் இருந்தோம் .
இப்பொழுது படித்த கல் மனம் உள்ளவர்களாகிவிட்டோம் .
கோடீஸ்வரர்கள் தொழிலதிபர்களிடம்
இரக்கமில்லை .
படிக்காத கிராமத்தான் அநாகரீகமானவன்
என்பவர்களிடம் தான் இரக்கம் உள்ளது.
உடனடி உதவி அவர்களிடம் கிடைக்கும் .
हम क्या थे ?क्या हो गए ?
पत्थर युग में थे ,अब पढ़े लिखे
पत्थर दिल के हो गए।
पढ़े -लिखे लोगों में उतनी दया नहीं ,
करोड़पति उद्योगपतियों में दया नहीं ,
जितनी दया असभ्य गँवार अनपढ़ लोगों में होती है।
வணக்கம் .நமஸ்தே .
எச்சரிக்கை . எச்சரிக்கை .
இரக்கம் கலி விரக்கம் மனித நேயம்
ஆட்சியாளர்களிடம் இல்லை .
இரக்கம் ஏழை படிக்காத மக்களிடமே …
१०-११-२०२०
நன்னடத்தை இல்லாதவர்களும் தேர்தலில் வெற்றி .!
கவி குடும்பம் தலைப்பு.
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என் எண்ணங்கள் வெளிப்பாடு.
தமிழும் ஹிந்தியும்.तमिल और हिंदी।
நன்னடத்தை இல்லாதவர்கள்
தான்
தேர்தலில் வெற்றி.
புராணங்களில் அசுரர்கள் தான்
தேவர்களை விட பலமுள்ளவர்கள்.
தவம் செய்வர்
தன் மரணம் மனிதர்கள், தேவர்கள்,
கடவுள்கள், ஏவுகணை ஆயுதங்கள்
எதனாலும் ஏற்படக்கூடாது என்பர்.
எல்லா தேவர்களும் கைது.
அழுது புலம்புவார்கள்.
இது பாரத வரலாறு.
தேவதூதர்கள் ஏசு, முஹம்மது,மரணம்.
கொடுங்கோலர்களால்.
சாக்ரடிஸ் விஷம் கொடுத்து.
இப்பொழுது கலியுகம்.
என் தொகுதி சட்டமன்ற உறுப்பினர்
நடிகை /நடிகர்.
கேமரா முன் நடித்து நடித்து
களைத்துப்
போனவர்கள்.
என் தொகுதிகள்
பிரச்சினைகள்
அறியாத வர்.
கிரிக்கெட் விளையாட்டு வீரர்
பாராளுமன்ற உறுப்பினர்.
பாராளுமன்றம் எங்குள்ளது
என்றே
அறியாத வர்.
மாயா, மமதையில்…
Retirement time passes writing like this।
See marriage.it also education to learn different cultures. Now a days one day half day two hour marriages.
This is a marriage of five days. But those days groom twelve years and bride five years .easy to lift.now both are aged more than 50-60 kg.
So these scenes are rare to see.
ज्ञान -अज्ञान,
शीर्षक १०-११-२०२०
मनुष्य ज्ञानी है,
अज्ञानी नहीं।
ज्ञानार्जन के लिए शिक्षा।
जीविकोपार्जन के लिए शिक्षा।।
संन्यासी बनकर ज्ञानार्जन,
विश्व वंद्य रमण महर्षि।।
सत्संग से ज्ञानार्जन कबीर।
ईश्वरानुग्रह पर्याप्त कवि।।
वायु यान के आविष्कार ,
ज्ञानी या अज्ञानी।।
बुद्धि उच्च न्यायालय है तो
ज्ञान उच्चतम न्यायालय।।
वेतन भोगी अध्यापक
बुद्धि के विकास की सीढ़ी।
वह तो वहीं ठहर जाते।
छात्र बन जाता जिलादेश।पर
पहली कक्षा के अध्यापक
पहली कक्षा में ही।।
कारण ज्ञानार्जन का पिपासा नहीं,
जिज्ञासा नहीं।
स्नातक स्नातकोत्तर,महोध्याय,
दूसरों के भोजन खाकर कै करते हैं
ज्ञानी अपनी खिचड़ी आप बनाते हैं।
डाक्टरेट बुद्धि ज्ञान,पर ज्ञानी नहीं।
ज्ञान -अज्ञान यही है जान।।
स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै।
[13/11.2020अनंतकृष्णन चेन्नै
தமிழும் ஹிந்தி மும் நானே.
तमिल भी मैं और हिंदी भी मैं
பொருள் ஒளி, விளக்கு.
ஒளிவிளக்கு
நேர்மறை வாய்மை யாளர் களுக்கு.
நான் சற்றே எதிர் எண்ணங்கள் உடையவன்.
மின்மினிப் பூச்சி க்குத் தன்
வெளிச்சம் காட்ட இருட்டு
வேண்டுமா இல்லையா?
ஒளியில் குருடன்,
இருளில் கண்ணில் ஒளி
அந்த அத்தைக்கு இருள் வேண்டும்.
விளக்குப் பூச்சிக்கு விளக்கு ஒளி
தற்கொலைக்கான கவர்ச்சி.
வாய்மையாளனுக்கு ஒளி பிடிக்கும்.
பொய்யான வனுக்கு இருட்டுப்பிடிக்கும்.
கருப்புப் பணம் கருப்பு
வியாபாரிகளுக்கு
இருள் பிடிக்கும்.
மின்னும் பொன்னிற்கு கருப்புப் பெட்டி
வங்கி பாதுகாப்பு இருட்டறை
தெரிந்து கொள்.
தர்மம் ஒளி.அதர்மம் இருட்டு.
அறிவு ஒளி விளக்கு ஏற்றுகிறது.
விளக்கு ஒளி பூச்சி எரிக்கிறது.
வாய்மையாளன் ஒளியில்.
பொய்யாளன் இருட்டில்.
வாய்வாளன்,பொய்யாளன்
இருவரும் இருண்ட கல்லறையில்.
சு…
மடியும் மனிதன்
மனம் போன போக்கில்
சுயநலமாக
அநியாயத்திற்கு கூட்டமாக சேருகிறான்.
நியாயமும் அழிகிறது . அநியாயமும் அழிகிறது.
இதுதான் மகாபாரதம்.
ராமாயணம் .
இறைவன் அவதாரம்.
இரண்டுமே சோக முடிவு.
இதுதான் வையகம்.
இது எப்படி தர்மம் வென்றது?
தர்ம உபதேசங்கள் எப்படி ?
விவரமாக பாமரர் களுக்கு விளக்கினால்
ஆன்மிகம் தமிழகத்தில் தழைக்கும்.
இங்கு ராமரையும் கிண்டல், கிருஷ்ணரையும் கிண்டல் ஐயப்பனையும் கிண்டல்
அந்த ஆண்டவனும் அமைதி.
கடவுள் இல்லை என்ற வாசகம் வேறு
மூலைக்கு மூலை முச்சந்திக்கு முச்சந்தி.
இறைவன் உடனே தன் சக்தியை
காட்டிவானா?
தர்மம் அதிகமாக சீரழிந்து வரம்பு மீறும் போது
வந்து வதம் செய்வானா?
ஆனால் ஒவ்வொருவரின் வாழ்விலும் தீராத் துயரம் .தசரதன் முதல் இன்றைய ஆட்சியாளர் வரை.
Dhanteras is celebrated as its birthday of Dhanvantri, father of Medicine and Ayurveda.
The REAL DHAN is our health. So today, let's all pray for each other and our families for the best of health for everyone emotional, mental, physical and spiritual.
Happy Dhanteras 💢🌼🏵🏵🌼🙏🏻✨🕯️🌷🌞 Dr Shameem, Deputy Director SCERT, Chennai.
Thanks for your Dhanteras
தனதேரஸ் பூஜா.
தமிழும் நானே ஹிந்தியும் நானே.
படைப்பு.
धनतेरस
தன்தேரஸ்
नमस्ते। वणक्कम। வணக்கம்.நமஸ்தே.
தன்வந்திரி தேவ அசுர சமுத்திரக் கடைந்த பொழுது தன்வந்திரி
அமிர்த கலசத்தை கொண்டு வந்தார்.
ஆயுர்வேத கவர்ச்சி நிதி.
இந்த நாள் தேசீய ஆயுர்வேத நாள்.
தன்வந்திரியின் அனுக்கிரக தந்தால்
உங்களுக்கு ஆரோக்ய மூலிகைகள் தென்படும்.
அல்லது யார் மூலமாவது கிடைக்கும் என்று சொல்லப்படுகிறது.
அதை ஏற்றால் ஆரோக்கியமான உணவு உடல் நலம் பெறும்.
ஆரோக்கியமான உடலில் தான் சஞ்சலமற்ற மனம்.
சஞ்சலமற்ற மனம் குறிக்கோளை நோக்கிச் செல்லும்.
துணை குறிக்கோளை நோக்கித் திரும்பாது.
எறும்பு அரிசி எடுத்துச் சென்றது. வழியில் பருப்பு பார்த்து ஆசை.
அதற்கு இரண்டும் கிடைக்கவில்லை.
இரண்டையும் அது எடுத்துச் செல்வது இயலாது.
மாயையில் இருந்து தப்பிக்க தன்வந்திரி என்பதை அறிந்து கொள்ளலாம்.
தன்வந்திரி யிடம் என் ப…
தமிழும் நானே ஹிந்தியும் நானே
तमिल भी मैं हिंदी भी मैं।
சுயசிந்தனை பாளர். சுய படைப்பு.
அனந்த கிருஷ்ணன் சென்னை.
ஹிந்தி ஆசிரியர்
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பூ என்ற தலைப்பு கவி குடும்பம்.
எனது பூ பற்றிய எண்ணங்கள்
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फूल खिले तो பூ மலர்ந்தால்
खुशबू .--மணம்
मन मोहक மனம் கவர்கிறது.
नेत्रानंद. கண்களுக்கு ஆனந்தம்.
पर वह भी अस्थाई. ஆனால் அதுவும் நிலையல்ல.
चल संपत्ति
செல்லும் செல்வம் உயிர்.
प्राण ज़िंदा रहना உயிர் உயிரோடு இருப்பது
अनिश्चित. நிச்சயம் அற்றது.
पद, पदोन्नति , பதவி,பதவி உயர்வு
जवानी இளமை
अस्थाई. நிலையற்றது.
अस्थाई जगत में நிலை மற்ற உலகில்
आनंद परमानंद से जीना है तो ஆனந்தம் பரமானந்தம் துயர் வாழவேண்டும் என்றால்
सत्याचरण, कर्तव्य परायण மெய்யான நடத்தை
கடமை கடைப்பிடித்தல்
आत्मान…
नमस्ते। वणक्कम।।
भक्त भक्ति से भगवान शोभित।।
भक्त न फूलों की माला पहनाता,
हीरे मुकुट दान में न देता,
पुष्प किरीट न बनवाता,
पत्थर की सुंदर मुस्कुरा हट की
मूर्त्ति छैनी से मारकर सुंदर रूप न देता तो भगवान की शोभा कैसे?
मिट्टी में गढ़ी मूर्त्ति भक्त के सपने में न आती तो भगवान की
महिमा और शोभा
कैसे चालू होता ।।
भक्त कवियों के कीर्तन बिना
कैसे यशोगान करते?
भक्त की तपस्या और वर के बिना
भगवान की विशिष्टता कैसे?
भक्त की अमीरी,रोग,पद, अधिकार
उत्थान पतन के बिना,
भक्त के संतान,नि: संतान के बिना
भगवान की महिमा कैसे?
वीर ,वीर का पुत्र कायर,
मूर्ख कालीदास महाकवि,
डाकू रत्नाकर वाल्मीकि,
पत्नी दास तुलसी राम भक्त चंद्रमा,
सूरदास अंधे पर
कृष्णलीला
के वर्णन पटु।।
हरे राम हरे कृष्ण के यज्ञ बिना
देश विदेश में कृष्ण की महिमा कैसे?
अगजग में बगैर भक्त के
भक्त गुरु के भगवान से…
19/11/20--
கவி குடும்பம்.
தலைப்பு:
மாநிலம் அல்ல தேசீயக் ஆகட்டும்
प्रांतीय नहीं, भारतीय बनें।।
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ஹிந்தியும் நானே தமிழும் நானே.
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स्वतंत्रता स्थाई रहने
भ्रष्टाचार रिश्वत स्वार्थ
देश से अपने दल
अपनी सत्ता ही,
अपने वोट के लिए
ठेकेदार प्रधान,
शहरीकरण,
उद्योगीकरण के नाम से
कृषीप्रधान देश को
मरुभूमि बनाने वाले
कार्परेट शासकों को
मिटा देने, नदियों को
राष्ट्रीयकरण करनेवाले,
ग्रमोद्धार करनेवाले,
किसानों को प्रेरित प्रोत्साहित
ठिकाने पर रखनेवाले,
भारतीयता, भारतीय संस्कृति,
भारतीय भाषाओं को ही
प्रधानता देनेवाले ,
अपनी पूंजी,अपने लाभ
विदेशियों को न जाएं,
ऐसे क्रांतिकारी बदलाव लाने
एक युग पुरुष का अवतार चाहिए।।
प्रांतीय दलों के पीछे चलने वाले
राष्ट्रीय नेता कैसे मिटाएंगे?
माया,ममता,लालू,अण्णा, करुणा,
रामाराव आदि के उत्थान द…
नमस्ते। वणक्कम।
शीर्षक --कोशिश
कोशीशों के कारण कामयाबी हासिल।
यह सत्य प्रमाण है।
कितनों को पता नहीं,
हर कोई प्रयत्न करता है,
कायर आलसी बेकार बन
भाग्य -विधि की विडंबना के नाम।।
रोते रहते हैं,
मानव जीवन में
आतंक, मानसिक क्लेष की कमी नहीं।
विनाश काले विपरीत बुद्धि।
बुरे समय पर बुरे प्रयत्न।।
बुद्धि भ्रष्ट होना सहज ।।
ग़लत घुट बंधन दल द्रोह।
आसपास नमकहराम।।
प्रयत्न में बाधक।
तभी सोचना पड़ता है,
सोचना पड़ा है
सोचना पड़ेगा
प्रयत्न के साथ भगवान की
कृपा दृष्टि चाहिए।।
मालूम होगा
"सबहिं नचावत राम गोसाईं"!
स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै।
नमस्ते। प्रार्थनशना।
ईश्वर वंदना।
भक्ति व्यापार में
बदल रहा है।
भक्ति पवित्र है।
आज कई आश्रम।
कई हजार करोड़ रुपयों की
चल-अचल सम्पत्ति!
गर्भगृह के भगवान एक।।
अति कलात्मक मूर्तियां।।
लेकिन बाजार से ढकी।
पैसे,पैसे,पैसे।।
आदी काल में जाति बंधन।।
अति दूर से दर्शन।।
मंदिरों में आज अमीरों के लिए
निकटतम विशेष दर्शन।।
भक्ति यात्राएं।
एक दिन में दस-बीस मंदिरों के दर्शन।
जल्दी जल्दी ,पर आसपास
की दूकानों में अति देर।।
जल्दी जल्दी दर्शन।।
यात्रा बस से उतरते ही,
अगले मंदिर,अगले मंदिर
जल्दी जल्दी मंदिर बंद न हो जाय।।
बारह बजे दोपहर तक
चार बजे से नौ बजे तक।
तेज चलकर दौड दौड़कर।
तुरत दर्शन।
तिरुपति दर्शन तो
बड़े कतार पर
जल्दी जाओ,जल्दी जाओ का धक्का।।
जी दो मिनट के दर्शन।।
हर साल जाने की तीव्र इच्छा।।
हुंडी में हर साल अधिक पैसे
डालने का प्रोत्साहन।
न जान-समझ सका!
दर…
नमस्ते। वणक्कम।
தமிழும் நானே .ஹிந்தியும்நானே .
तमिळ भी मैं ,हिंदी भीमैं।
எழுதுகோல் பேசுகிறது --
தலைப்பு ---சுயநலம் --தன்ந லம்
ஒவ்வொரு மனிதனிடத்திலும் தன்நலம்
தன்நலம் கருதா மனிதன் இல்லவேயில்லை .
மனிதன் பக்தனானாலும்
அஷ்டசித்திகள் ,நவ நிதிகள்
தனக்காகவே விரும்புகிறான் .
கவி மகிழ்ச்சிக்காக ,தன் மகிழ்ச்சி ,மக்கள்நலம்
தன் நாடு ,தன் மொழி ,தன் இனம் ,
ஏற்காதவர்களுக்காக கிடையாது .
பக்தியிலும் உருவவழிபாடு ,உருவமற்றவழிபாடு
அறிவுவழி ,அன்புவழி ,ராம பக்தி,கிருஷ்ணபக்தி
அல்லா பக்தி ,ஏசு பக்தி .
மனிதன் பக்தியில் எவ்வளவு சுயநலம் .
கடவுளை மூலதனமாக்கி
அற -மத சண்டைகள் ,
தங்கலுக்குள்போராட்டம்,கொலைகள் ,
தாக்குதல்கள் ,தேவாலயங்கள் சிலைகளுடைப்பு
பக்தியில் இவ்வளவு சுயநலம் ,
மனிதநேயத்திற்கு சேவைக்குநட்பிற்கு ஒற்றுமைக்கு
அமைதிக்கு மன நிறைவிற்கு பக்தி .
பக்தி ,அந்தநிலைமாறி சு…
Interview date : 19th Dec 20
Job openings for a Leading Tyres Manufacturing Company in Sri City, Tada.
Qualification : Diploma- DME, DEEE, DECE, DAE, DPE, DICE, Mechatronics, Tool & Die.
YEAR OF PASSING : 2018, 2019 & 2020(without Arrears).
AGE: 18 TO 23
HEIGHT: 165 CM
WEIGHT: 53 KG
GENDER: Male
Ben…
तिरुवेंपावै --माणिक्कवासकर =मारशीर्ष महीने में कन्याओं द्वारा आत्मा-परमात्मा जागरण
तिरुवेंपावै श्री माणिक्कवासकर .."तिरुवेंपावै "का मतलब है ,श्री कन्यायें तड़के उठकर
नहा-धोकर घरकेद्वार पर रंगोली खींच, भक्ति -श्रद्धा से ईश्वर का यशोगान करती हुई
मंदिर जाने के दार्शनिक चित्र की कविताएँ हैं। इस ग्रन्थ के रचनाकाल के सम्बन्ध में
विभिन्न विचार प्रकट करते हैं। जे। यू। पॉप अंग्रेज़ी तमिलविद्वान के अनुसार ९वीं शताब्दी का ग्रन्थ माना जाताहै।
कुछ लोग तीसरी तो कुछ लोग सातवीं तो कुछ ग्यारहवीं मानते हैं।
तिरुवेंपावै अगजग के सृष्टि कर्ता ,जगतरक्षक के अनुग्रह से
नवशक्तियों के अवतार और उनके जगत
मङ्गल समन्वयक कार्यों की व्याख्या है ।
एक शक्ति दूसरी शक्ति को जगाती है।
कन्याएँ अपनी सखियों को
जगाकरजुल मिलकर स्नान करने जाती हैं।
भगवान को अपनीआत्मा से जगाना ,आत्…
नमस्ते। वणक्कम।।
क्या कहना है?
किसके बारे में?
आध्यात्मिक बातें,
अनुशासन की बातें,
भ्रष्टाचार की बातें।
अपने नेता को अंधा अनुकरण की बातें।
क्या कहना? कैसे कहना?
पैसे हैं, अभिनेता हैं ,
अन्यों के बुद्धि बल पर
अभिनय करने वाले,
होंठ हिलाने से,
दूसरों के मधुर ध्वनी से कमाने वाले
नायक को सांसद बनाने वाली
राजनीति के बारे में क्या है कहना।।
स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै।
तिरुवेंपावै---माणिक्कवासकर -२.
திருவெம்பாவை -மாணிக்கவாசகர்-2
--------+----++--++
अनुवाद -- एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई
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तड़के सोनेवाली लड़की को जगाते हुए
सखियाँ गाती। हैं
अति खूबसूरत कन्या!
अभी सो रही हो।
रात -दिन शिव से प्रेम और भक्ति करना,
यशोगान कीर्तन, नाम जप तजकर
बिस्तर पर सोने के प्रेम में सोना
उचित है क्या ?
तब एक सखी ने कहा --
छि:!ऐसा उससे मत बोलना!
फिर सखी को जगाते हुए --
हम तो तिल्लैयंबलम् के शिव भगवान के प्रेम पात्र हैं।
हम उसके फूलचरणों पर वंदना करेंगी! जागो।उठो।
सुप्त भक्ति को जगाने की शक्ति हममें है।
वह कहीं से संकेत करेगी। जगानेवाले के संकेत से
जागने वाले
ईश्वर के प्रेम पात्र बनेंगे ।।
வணக்கம் வணக்கம் நமஸ்தே
இறைவன்
பகவான்
கடவுள்
குதா
காட்god
மொழிகள் வேறு.
சக்தி ஒன்று.
அவன் படைத்த உயிரினங்கள்
வடிவம்,குணம்,மணம்,மனம்
அறிவு த்திறன்,உடல் வலிமை,
அனைத்திலும் வேறுபட்ட வை.
அனைத்தும் அழியக் கூடியவை.
ஆண்டவனின் அற்புத லீலைகள்.
மனிதன் இறைசக்தியை
தன் சுய நல லாபத்திற்காக
சுயநலத்திற்காக பிரித்து
அன்புள்ள பண்புள்ள மத வெற்றிகளைத்
தூண்டுகிறான்.
இறைவனை ஒரு கேலிக்கூத்தாக்கி
அவமானப் படுத்துவதில்
ஹிந்து க்கள் களுக்கு நிகர்
ஹிந்து க்களே.
குஷ்பு ஆலயம்
பச்சன் ஆலயம்
சோனியா ஆலயம்
ஜெயலலிதா ஆலயம்
கிராமக் கோவில் நகரக் கோவில்.
வேற்றுமைகள் வெறுப்புகள்.
உதவி செய்பவன் இறைவன்.
மனிதன் மூலம் உதவி.
தெய்வம் மனித வடிவில்.
ஏழைக்கு உதவி செய்பவன் இறைவன்.
வேலை அளிப்பவன் இறைவன்.
உயிர் கொடுப்பவன் இறைவன்.
மரணத் தேதி நிர்ணயிப்பது இறைவன்.
ஆத்மாவில் பரமாத்மா.
ஆத்மா…
வணக்கம் வணக்கம்
நமஸ்தே नमस्ते।
இறைவன் परमात्मा
பகவான் भगवान
கடவுள் ईश्वर
குதா खुदा
காட்god गाड
மொழிகள் வேறு. भाषाएं भिन्न।
சக்தி ஒன்று. शक्ति एक।
அவன் படைத்த उसकी सृष्टियां உயிரினங்கள் जीव जंतु
வடிவம்,குணம், रूप,गुण
மணம்,மனம் सुगंध,मन
அறிவு த்திறன், ज्ञान कौशल
உடல் வலிமை, शारीरिक बल
அனைத்திலும் सब में
வேறுபட்ட வை. भिन्न।
அனைத்தும் सब के सब
அழியக் கூடியவை.नश्वर ।
ஆண்டவனின் भगवान की
அற்புத லீலைகள். अद्भुत लीलाएँ,
மனிதன் मनुष्य
இறைசக்தியை ईश्वरीय शक्ति को
தன் சுய நல अपने स्वार्थ
लाभ के लिए லாபத்திற்காக
சுயநலத்திற்காக स्वार्थता के लिए
பிரித்து बाँटकर
அன்புள்ள प्यार भरे
பண்புள்ள गुण भरे
மத வெறிகளைத் मजहबी कट्टरता को
தூண்டுகிறான்.प्रेरित करता है।
இறைவனை ईश्वर को
ஒரு கேலிக்கூத்தாக்கி विदूषक बनाकर
அவமானப் अवमानित करने में
படுத்துவதில…
நடி ப் பு
ஹிந்தி கவிதை ப் போ ட் டி தலை ப் பு.
अभिनय आजकल का नहीं
युग युगों से होता है.
भगवान विष्णु की दसावतार.
मोहिनी अवतार.
वामनावतार ,
कार्तिकेय का आखेटक, वृद्ध अवतार,
इंद्र का ब्राह्मनावतार,
रावण का सन्यासी अवतार.
सूर्पनखा का सुंदरी अभिनय
बगैर अवतार के देवलोक नहीं तो
भूलोक में राजनीतिज्ञ का अभिनय.
छोटे जीव को मारा तो वह ऐसा गिरा.
शव सा पडा.
दुरित मन देखता रहा तो
मेरे देखते देखते उड गया.
अभिनय ही संसार, संसार एक रंग मंच.
द्वि के कितने अभिनय महिषासुर वर्द्धिनी.
तमिल भी मैं हिंदी भी मैं
விசித்திரமான अनोखे
உறவுகள். रिश्ते।
தெய்வத்தின் ईश्वर के
பெயரால். नाम लेकर।।
ஐயம் ஒன்று एक संदेह
எழுகிறது. उठता है।
குல தெய்வம். कुल दल।
இஷ்ட தெய்வம்। इष्ट देव।
காவல் தெய்வம். रक्षक देव (पहरा)
பரம்பரையாக। परंपरागत
வழிபடுவது. प्रार्थना।
பலர் இந்த। अनेक इन
சம்ப்ரதாயங்களை संप्रदायों को
விட்டுவிடுவர். छोड़ देते।
இன்னல் வரும் दुख के समय ही
போதே வரும் ईश्वरीय चिंतन।
தெய்வசிந்தனை.
மருத்துவர் डाक्टर के
கைவிடும் போது साथ छोड़ने के बाद।
தெய்வ சிந்தனை. ईश्वरीय चिंतन।।
தெய்வ வழிபாடு ईश्वरीय प्रार्थनाएँ
துணை விதிகள்। सहायक विधियाँ
இல்லா வழிபாடாக रहित होनी चाहिए।।
இருக்கவேண்டும்.
ஒரே மாதிரியாக। एक ही ढंग का
இருக்கவேண்டும். होना चाहिए।।
பாவம் என்றால் पाप मानें तो पाप।।
பாவமே.
அதற்கு தண்டனை उसको दंड चाहिए।
வேண்டும்.
பாவமன்னிப்பு। पाप की क्षमा
ஒரு முறைதான். एक ही बार।।
தவறுகள்/குற்றங்கள் भरें /अपराध
அறியாதவை. अनजान भी है।
அறிந்து செய்பவை. जानबूझकर भी।
அறிந்தும்। जानकर भी कुछ
தடுக்கமுடியாதவை. रोक नहीं सकते।।
புரிந்தும் புரியாமல் समझ न समझ होते हैं
இருப்பவை.(सीता को वन में छोडना)
நியாயங்கள் न्याय में भिन्नताएँ।
வேறுபடுபவை.
கண்ணகி कण्णकी का न्याय
நியாயம்
இன்றைய சூழலில் आजकल की परिस्थितियों मे
ஏற்க முடியாது. अस्वीकार्य।।
வேறுபட்ட भिन्न न्याय।।
நியாயங்கள்
லஞ்சம் ஊழல் रिश्वत। भ्रष्टाचार।
குணத்தைவிட गुण है बढ़कर धन।
பணமே பெரிது.
சனாதனதர்ம सनातन धर्म
ஆலயங்கள் मंदिर
ஆஷ்ரமங்கள் आश्रम
பணமே ப்ரதானம். पैसे ही प्रधान।।
பணத்திலும் पैसे में भी
பல விதங்கள். नाना प्रकार।।
அன்னதானம் अन्नदान ही
மட்டுமே.
ஏழைகளுக்கு गरीबों के लिए आवश्यक।।
தேவையான
தர்மங்கள் கிடையாது. और कोई धर्म नहीं।।
தானங்கள் दान नहीं।
கிடையாது.
பன்னாட்டு। अंतर्राष्ट्रीय
நிறுவனங்கள் संस्थान
போல் जैसे
செயல்படுகின்றன। . कार्यान्वित। हैं।
தங்கக் கோயில்। स्वर्ण मंदिर
மகிழுந்து कार
நிறுத்த கட்டணம்। रखने शुल्क
ரூபாய் 260|। रुपए २६०.
பல தனியார் अनेक निजी
ஆலயங்கள். मंदिर
பக்தி போர்வையில் भक्ति के चादर ओढ़
முதலீடு. पूंजी लगाते हैं।
ஆன்மீகம் आध्यात्मिक
ஆடம்பரமாகிறது. बाह्याडंबर।।
பாரத भारत
பக்திப் பரவசம்। भक्ति प्रवेश।।
புரியாத।
नासमझ
ஏமாற்றும்
ठगने वाले
ஏமாறும்। ठगानेवाले
धोखा खानेवाले।।
அதே சமயம்
फिर भी
பக்தி பயம். भक्ति का। आतंक।।