नमस्ते। वणक्कम।
परिवार दल२६-१२-२०२०
प्रकृति
प्रकृति अति सूक्ष्म।
समझना,समझाना अति मुश्किल।
सहज क्रिया भूख।
बदबू खुशबू का ज्ञान।
मच्छरों से डरना,
नींद बिगाड़ने खटमल काफी।
गले तक सुगंधित भोजन।
सबेरे बाहर बदबू भरा।
खारा पानी,मीठा पानी।
विविध रंग की मिट्टियाँ।
ऊँचे पेड़,लताएँ, पौधे।
खट्टे मिट्ठे कडुए,फल।।
हरे भरे फल हरे पेड़।
पतझड के पत्ते विहीन पेड़।
प्रकृति की अति सूक्ष्मता।
सबहिं नचावत, राम गोसाईं।।
स्वरचित स्वचिंतक एस.अनंतकृष्णन,चेन्नै।
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