नमस्ते। वणक्कम।
मुस्कुराहट में अति आनंद।
पति-पत्नी के बीच,
सखा-सखी का नाता।।
माता-पिता का नाता,
संतानों के बाद
संतानों की शादी।।
फिर दादा-दादी,
नाना -नानी का रिश्ता।।
रिश्तों की वृद्धि
मामा मामी,बुआ,
बहन बहनोई रिश्ता
यही हमारे हम सफर।।
स्वरचित स्वचिंतक
एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई।।
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