नमस्ते वणक्कम।
संगम संस्थान मध्यप्रदेश इकाई।
१-६-२०२१
विषय। क्षमा।
विधा
मौलिक रचना
मौलिक विधा।
अपनी शैली।
छिमा बडन को चाहिए, छोटन का उत्पात। रहीम्।
तमिल के संत कवि
तिरुवल्लुवर --
कोई बुराई करें तो उसकी भलाई ऐसी करनी है
जिससे उसको शर्मिंदा होना पड़े।
स्वरचित स्वचिंतक एस अनंतकृष्णन चेन्नै
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