नमस्ते वणक्कम।
साहित्य संगम संस्थान मध्यप्रदेश इकाई।
29-6-2021.
विषय खामोशी।
विधा। मौलिक विधा मौलिक रचना।
खामोशी से रहना ब्रह्मानंद प्राप्त करने का साधन।।
लुटेरा रत्नाकर की खामोशी,
तुलसी दास की खामोशी,
तमिल कवि अरुणगिरी की खामोशी,
अमूल्य दिव्य ग्रंथ की देन।।
बाघ का छिपना मंद गति
खामोशी शिकार की कामयाबी।।
सिद्धार्थ की खामोशी , महावीर की खामोशी
अमूल्य सद्मार्ग का संदेश।।
मुहम्मद नबी की अंधेरी गुफ़ा में खामोशी,
ईश्वर का पैगाम।।
ध्रूव, प्रह्लाद की तपस्या ईश्वर का साक्षात्कार।।
खामोशी ब्रह्मानंद की देन।।
स्वरचित स्वचिंतक एस.अनंतकृष्णन,चेन्नै
तमिल नाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।
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