Tuesday, June 1, 2021

सुकून

 नमस्ते वणक्कम।

कलमकार कुंभ मंच।

1-6-2021

विषय। सुकून।

आराम ; इतमीनान 2. शांति ; अमन 3. ठहराव ; विराम ।

विधा मौलिक रचना मौलिक विधा। अपनी शैली।

  सबहिं नचावत राम गोसाईं।

 शांति सुकून  अमन

 भगवान की देन।

 प्रह्लाद  भगवान का भक्त।

 शांति नहीं पिता ही 

वध करने तैयार।

 ध्रुव की तपस्या 

पिता की गोद पर बैठने ।।

  भले ही कृष्ण साथ रहें,पर

   पांडव को  जीत

   कर भी नहीं।।

    मन अंचल,

   केवल ईश्वर में लग्न

 दधिची महर्षि शांत।

  राम और सीता  को भी 

  शांति नहीं।

  हर मानव जन्म में 

  सुख-दुख की लहरें।

  शांति मार्गदर्शक बुद्ध भी

   अशांत ही थे।

   सुकून तो भगवान की दैन।

स्वरचित स्वचिंतक एस अनंतकृष्णन चेन्नै तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।

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