नमस्ते वणक्कम।
विनम्रता ताकत है,
सदा के लिए नहीं।
बाढ में पेड़ जड़ मूल नष्ट।।
घास तो बचता है।
पर गायें घास चरती हैं।
घास जैसा मानव अपने शोषण सह नहीं सकता।।
पर विनम्रता वशीकरण का मंत्र।
स्वरचित स्वचिंतक एस अनंतकृष्णन चेन्नै तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।
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