साहित्य संगम संस्थान और असम इकाई।
नमस्ते वणक्कम।
११-२-२०३१.
एस अनंतकृष्णन चेन्नै हिंदी प्रेमी प्रचारक तमिलनाडु की मौलिक रचना।
विधा:--अपनी भाषा अपनी शैली भावाभिव्यक्ति।
विषय। --कठपुतलियाँ
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मनुष्य अपने को अति बुद्धिमान मान,
करोड़ों की भ्रष्टाचारी करता है,
रिश्वतखोर बनकर मनमाना करता है,
उनको न सर्वेश्वर का डर।
न नश्वर जगत का डर।
न बुढ़ापे का डर।
करोड़ों रुपयों से बुढ़ापा रोक नहीं सकता।
जापान में भूकंप, दावानल, आँधी तूफान,
टोरंडो, कोराना , प्राकृतिक कोप ।
मृत्यु निश्चित ईश्वरीय कानून।।
ज्ञानी , ऋषि मुनियों संतों की सीख
अगजग अखिलेश की कठपुतली।
यम कब आएगा किसको पता!
इंदिरा गांधी को अंग रक्षक,
संचय को विमान, राजीव को हिंदी कविता।
आंध्रा मुख्यमंत्री को हेलिकॉप्टर,
शास्त्री लाल बहादुर को हार्ट अट्टेक,
महात्मा गांधी को गोली।
पद ,अंगरक्षक, पैसे , अधिकार न कुछ कर सका।
जानो समझो मानो, भगवान पर भरोसा रखो।
हम सब हैं ईश्वर की कठपुतलियाँ।
स्वरचित स्वचिंतक एस अनंतकृष्णन चेन्नै। तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।
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