नमस्ते वणक्कम।
मानव जीवन मिश्रित।
नर नारी मिश्रण न तो,
जीव जंतु वनस्पति की
वृद्धि नहीं संसार में।
धर्म अधर्म साथ साथ।
पाप पुण्य साथ साथ।
अन्याय देख चुप रहना
अन्याय है कि नहीं।
अहिंसा परमो धर्म।
बाघ हिरन, मकड़ी जाल।
मेंढक छिपकली जीभ बड़ा,
साँप का डसना,
बिच्छू का डंक मारना।
धर्म अधर्म मिश्रित संसार।।
स्वरचित स्वचिंतक एस अनंतकृष्णन चेन्नै तमिलनाडु हिंदी प्रेमी।
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