नमस्ते। वणक्कम।
सभी हिंदी साहित्य संगम संस्थान को समर्पित।
आपका हिन्दी प्रेमी,
से.अनंतकृष्णन।
प्राचीन तमिऴ में दिव्य स्तुति के संग्रह को तिरु मुरै कहते हैं। विविध कवियों की प्रार्थना गीत १२५४ शीर्षक में
12,546स्तुतियाँ हैं।
आज दसवाँ संग्रह में से श्री गणेश स्तुति का हिंदी अनुवाद मैंने की है।
दसवाँ संग्रह के कवि हैं तिरुमूलर।
भगवान की कृपा हो तो सब का अनुवाद
भावानुवाद हिंदी में करूंगा।
पाठक अनुवाद संबंधी अपने मंतव्य प्रकट करेंगे तो कृतार्थ ।
तमिल वेद को तिरुमुऱै कहते हैं।
दसवाँ देवस्तुतिमें गणेश स्तुति का भावानुवाद।
स्वचिंतक एस अनंतकृष्णन, चेन्नै तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक
पाँच हस्त के,
शशिकला समान
सूंड वाले
शिव के पुत्र
ज्ञानेश्वर
श्री गणेश की
स्तुति
अंतर मन से करता हूँ।
दसवाँ वेद विघ्नेश्वर स्तुति का हिंदी अनुवाद।
से.अनंतकृष्णन्
मूल :-
இந்தின் இளம்பிறைபோலும் எயிற்றனை
நந்தி மகன்தனை
ஞானக் கொழுந்தினைப்
புந்தியில் வைத்தடி போற்றுகின் றேனே.
நந்தி மகன்தனை
ஞானக் கொழுந்தினைப்
புந்தியில் வைத்தடி போற்றுகின் றேனே.
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